चार जीव धरती के, जो यद्यपि बहुत क्षुद्र हैं किन्तु उनमें अत्याधिक विवेक भरा हुआ है।
“चाहे तू पशु से पूछ कर देख, वे तुझे सिखादेंगे, अथवा हवा के पक्षियों से पूछ वे तुझे बता देंगे।
ब्याह किसी ऐसी से जिससे प्रेम नहीं हो; और ऐसी दासी जो स्वामिनी का स्थान ले ले।
चीटियाँ जिनमें शक्ति नहीं होती है फिर भी वे गर्मी में अपना खाना बटोरती हैं;
अरे ओ आलसी, चींटी के पास जा। उसकी कार्य विधि देख और उससे सीख ले।