ब्याह किसी ऐसी से जिससे प्रेम नहीं हो; और ऐसी दासी जो स्वामिनी का स्थान ले ले।
एक उत्तम पत्नी के साथ पति खुश और गर्वीला होता है। किन्तु वह पत्नी जो अपने पति को लजाती है वह उसको शरीर की बीमारी जैसे होती है।
मूर्ख पुत्र विनाश का बाढ़ होता है; अपने पिता के लिए और पत्नी के नित्य झगड़े हर दम का टपका है।
चिड़चिड़ी झगड़ालू पत्नी के संग रहने से निर्जन बंजर में रहना उत्तम है।
झगड़ालू पत्नी के संग घर में निवास से, छत के किसी कोने पर रहना अच्छा है।
झगड़ालू पत्नी होती है ऐसी जैसी दुर्दिन की निरन्तर वर्षा।
यदि तू अपने दास को सदा वह देगा जो भी वह चाहे, तो अंत में— वह तेरा एक उत्तम दास नहीं रहेगा।
दास जो बन जाता राजा, मूर्ख जो सम्पन्न,
चार जीव धरती के, जो यद्यपि बहुत क्षुद्र हैं किन्तु उनमें अत्याधिक विवेक भरा हुआ है।