एलिय्याह ने अपना अंगरखा उतारा, उसे तह किया और उससे पानी पर चोट की। पानी दायीं और बायीं ओर को फट गया। एलिय्याह और एलीशा ने सूखी भूमि पर चलकर नदी को पार किया।
सामने उनके लाल सागर को विभक्त किया था तूने, और वे पार हो गये थे सूखी धरती पर चलते हुए! मिस्र के सैनिक पीछा कर रहे थे उनका। किन्तु डुबा दिया तूने था शत्रु को सागर में। और वे डूब गये सागर में जैसे डूब जाता है पानी में पत्थर।
हाँ, ये सचमुच हुआ! फ़िरौन के घोड़े, सवार और रथ समुद्र में चले गए और यहोवा ने उन्हें समुद्र के पानी से ढक दिया। किन्तु इस्राएल के लोग सूखी ज़मीन पर चलकर समुद्र के पार चले गए।
यहोवा कुपित होगा और जैसे उसने मिस्र के सागर को दो भागों में बाँट दिया था, उसी प्रकार परात नदी पर वह अपना हाथ उठायेगा और उस पर प्रहार करेगा। जिससे वह नदी सात छोटी धाराओं में बट जायेगी। ये छोटी जल धाराएँ गहरी नहीं होंगी। लोग अपने जूते पहने हुए ही पैदल चल कर उन्हें पार कर लेंगे।
परमेश्वर के वे लोग जो वहाँ छूट गये थे अश्शूर को छोड़ देने के लिए रास्ता पा जायेंगे। यह वैसा ही होगा, जैसा उस समय हुआ था, जब परमेश्वर लोगों को मिस्र से बाहर निकाल कर लाया था।
यहोवा ने अपने दाहिने हाथ से मूसा की अगुवाई की। यहोवा ने अपनी अद्भुत शक्ति से मूसा को राह दिखाई। यहोवा ने जल को चीर दिया था। जिससे लोग सागर को पैदल पार कर सके थे। इस अद्भुत कार्य को करके यहोवा ने अपना नाम प्रसिद्ध किया था
और उस समय पानी का बहना बन्द हो गया। पानी उस स्थान के पीछे बांध की तरह खड़ा हो गया। नदी के चढ़ाव की ओर लम्बी दूरी तक पानी लगातार आदाम तक (सारतान के समीप एक नगर) ऊँचा खड़ा होता चला गया। लोगों ने यरीहो के पास नदी को पार किया।
उस जगह की धरती सूख गई याजक यहोवा के साक्षीपत्र के सन्दूक को नदी के बीच ले जाकर रूक गये। जब इस्राएल के लोग यरदन नदी को सूखी धरती से होते हुए चल कर पार कर रहे थे, तब याजक वहाँ उनकी प्रतीक्षा में थे।
दाऊद के लोगों ने दिन रात हमारी रक्षा की। वे हम लोगों के लिये रक्षक चहारदीवारी की तरह थे, उन्होंने हमारी रक्षा तब की जब हम भेड़ों की रखवाली करते हुए उनके साथ थे।