उनके साथ अनेक भेड़ें, गाय—बकरियाँ और अन्य पशुधन था। उनके साथ ऐसे अन्य लोग भी यात्रा कर रहे थे। जो इस्राएली नहीं थे, किन्तु वे इस्राएल के लोगों के साथ गए।
मूसा ने उत्तर दिया, “हमारे युवक और बूढ़े लोग जाएंगे और हम लोग अपने साथ अपने पुत्रों और पुत्रियों, तथा भेड़ों और पशुओं को भी ले जाएंगे। हम सभी जाएंगे क्योंकि यह हमारे लिए हम लोगों के यहोवा का त्यौहार है।”
किन्तु लोग बहुत प्यासे थे। इसलिए उन्होंने मूसा से शिकायत जारी रखी। लोगों ने कहा, “हम लोगों को तुम मिस्र से बाहर क्यों लाए? क्या तुम इसलिए लाए कि पानी के बिना हमको, हमारे बच्चों को और हमारी गाय, बकरियों को प्यासा मार डालो?”
एक इस्राएली स्त्री का पुत्र था। उसका पिता मिस्री था। इस्राएली स्त्री का यह पुत्र इस्राएली था। वह इस्राएली लोगों के बीच में घूम रहा था और उसने डेरे में लड़ना आरम्भ किया।
सर्वशक्तिमान यहोवा कहता है, “उस समय विभन्न राष्ट्रों से विभन्न भाषाओ को बदलने वाले दस व्यक्ति एक यहुदी के चादर का पल्ला पकङेंगे और कहेंगे हमने सुना है कि परमेश्वर तुम्हारे साथ है। क्या हम उसकी उपासना करने तम्हारे साथ आ सकते हैं।”
इस्राएल के लोगों के साथ जो विदेशी मिल गए थे अन्य चीज़ें खाने की इच्छा करने लगे। शीघ्र ही इस्राएल के लोगों ने फिर शिकायत करनी आरम्भ की। लोगों ने कहा, “हम माँस खाना चाहते हैं!
इस्राएल के लोगों ने उत्तर दिया, “हम लोग मुख्य सड़क से यात्रा करेंगे। यदि हमारे जानवर तुम्हारा कुछ पानी पीएंगे, तो हम लोग उसके मूल्य का भुगतान करेंगे। हम लोग तुम्हारे देश से केवल चलकर पार जाना चाहते हैं। हम लोग इसे अपने लिए लेना नहीं चाहते।”
रूबेन और गाद के परिवार समूहों के पास भारी संख्या में मवेशी थे। उन लोगों ने याजेर और गिलाद के समीप की भूमि को देखा। उन्होंने सोचा कि वह भूमि उनके मवेशियों के लिए ठीक है।
तुम्हारी पत्नियाँ, तुम्हारे छोटे बच्चे और तुम्हारे पशु (मैं जानता हूँ कि तुम्हारे पास बहुत से पशु हैं।) यहाँ उन शहरों में रहेंगे जिन्हें मैंने तुम्हें दिया है।
इस्राएल के सभी लोग वहाँ इकट्ठे थे। सभी स्त्रियाँ, बच्चे और इस्राएल के लोगों के साथ रहने वाले सभी विदेशी वहाँ इकट्ठे थे और यहोशू ने मूसा द्वारा दिये गये हर एक आदेश को पढ़ा।