ये व्यक्ति योआश को बाहर ले आए। उन्होंने योआश के सिर पर मुकुट पहनाया और परमेश्वर तथा राजा के बीच की वाचा को उसे दिया। तब उन्होंने उसका अभिषेक किया और उसे नया राजा बनाया। उन्होंने तालियाँ बजाईं और उद्घोष किया, “राजा दीर्घायु हो!”
योआश ने वे कार्य किये जिन्हें यहोवा ने अच्छा कहा तथा। योआश ने पूरे जीवन यहोवा की आज्ञा का पालन किया। उसने वे कार्य किये जिनकी शिक्षा याजक यहोयादा ने उसे दी थी।
दासी से पैदा हुआ पुत्र प्राकृतिक परिस्थितियों में जन्मा था किन्तु स्वतन्त्र स्त्री से जो पुत्र उत्पन्न हुआ था, वह परमेश्वर के द्वारा की गयी प्रतिज्ञा का परिणाम था।
वह जो परमेश्वर के पुत्र में विश्वास रखता है, वह अपने भीतर उस साक्षी को रखता है। परमेश्वर ने जो कहा है, उस पर जो विश्वास नहीं रखता, वह परमेश्वर को झूठा ठहराता है। क्योंकि उसने उस साक्षी का विश्वास नहीं किया है, जो परमेश्वर ने अपने पुत्र के विषय में दी है।