जब रु बत्तीस वर्ष का हुआ, उसके पुत्र सरूग का जन्म हुआ।
रु के जन्म के बाद पेलेग दो सौ नौ वर्ष और जीवित रहा। उन दिनों में उसके अन्य पुत्रियों और पुत्रों का जन्म हुआ।
सरूग के जन्म के बाद रु दो सौ सात वर्ष और जीवित रहा। इन दिनों उसके दूसरे पुत्र और पुत्रियाँ हुईं।
दोपहर को, राजा बेन्हदद और उसके सहायक बत्तीस राजा अपने डेरे में मदिरा पान कर रहे थे और मद मत्त हो रहे थे। इसी समय राजा अहाब का आक्रमण आरम्भ हुआ।
सैनिकों को सोलह हजार स्त्रियाँ मिलीं। उन्होंने बत्तीस स्त्रियाँ यहोवा को दीं।
नाहोर जो सरूग का, सरूग जो रऊ का, रऊ जो फिलिग का, फिलिग जो एबिर का, एबिर जो शिलह का,