उन कामों के कारण पूरा देश काँप जाएगा। इस देश का हर एक निवासी मृतकों के लिये रोयेगा। पूरा देश मिस्र में नील नदी की तरह उमड़ेगा और नीचे गिरेगा। पूरा देश चारों ओर उछाल दिया जायेगा।”
इसलिए यहोवा अपने लोगों से बहुत अधिक कुपित हुआ है। यहोवा ने अपना हाथ उठाया और उन्हें दण्ड दिया। यहाँ तक कि पर्वत भी भयभीत हो उठे थे। गलियों में कूड़े की तरह लाशें बिछी पड़ी थी। किन्तु यहोवा अभी भी कुपित है। उसका हाथ लोगों को दण्ड देने के लिए अभी भी उठा हुआ है।
कितने अधिक समय तक भूमि प्यासी पड़ी रहेगी घास कब तक सूखी और मरी रहेगी इस भूमि के जानवर और पक्षी मर चुके हैं और यह दुष्ट लोगों का अपराध है। फिर भी वे दुष्ट लोग कहते हैं, “यिर्मयाह हम लोगों पर आने वाली विपत्ति को देखने को जीवित नहीं रहेगा।”
यह मिस्र है जो उमड़ते नील नदी सा आ रहा है। यह मिस्र है जो उस बलवान तेज नदी सा आ रहा है। मिस्र कहता है: ‘मैं आऊँगा और पृथ्वी को पाट दूँगा, मैं नगरों और उनके लोगों को नष्ट कर दूँगा।’
देश इस प्रकार काँपता है मानों पीड़ा भोग रहा हो। यह काँपेगा जब यहोवा बाबुल के लिये बनाई योजना को पूरा करेगा। यहोवा की योजना बाबुल को सूनी मरुभूमि बनाने की है। कोई व्यक्ति वहाँ नहीं रहेगा।
बासठ सप्ताह बाद उस अभिषिक्त पुरूष की हत्या कर दी जायेगी। वह चला जायेगा। फिर होने वाले नेता के लोग नगर को और उस पवित्र ठांव को तहस—नहस कर देंगे। वह अंत ऐसे आयेगा जैसे बाढ़ आती है। अंत तक युद्ध होता रहेगा। उस स्थान को पूरी तरह तहस—नहस कर देने की परमेश्वर आज्ञा दे चुका है।
शोमरोन के लोग बेतावेन में बछड़ों की पूजा करते हैं। ऐसे लोगों को वास्तव में विलाप करना होगा। वे याजक वास्तव में विलाप करेंगे क्योंकि उसकी सुन्दर मूर्ति कही चली गई है। उसे कहीं उठा ले जाया गया।
इसलिये यह देश ऐसा हो गया है जैसा किसी की मृत्यु के ऊपर रोता हुआ कोई व्यक्ति हो। यहाँ के सभी लोग दुर्बल हो गये हैं। यहाँ तक कि जंगल के पशु, आकाश के पक्षी और सागर की मछलियाँ मर रही हैं।
मैं तुम्हारे पवित्र दिनों को मृतकों के लिये शोक—दिवस में बदलूँगा। तुम्हारे सभी गीत मृतकों के लिये शोक गीत बनेंगे। मैं हर एक को शोक वस्त्र पहनाऊँगा। मैं हर एक सिर को मुँड़वा दूँगा। मैं ऐसा गहरा शोक भरा रोना बनाऊँगा मानो वह एक मात्र पुत्र के शोक का हो। यह एक अत्यन्त कटु अन्त होगा।”
मेरे स्वामी सर्वशक्तिमान यहोवा, उस प्रदेश को छुएगा और वह पिघल जाएगा तब उस देश के सभी निवासी मृतको के लिये रोएंगे। यह प्रदेश मिस्र की नील नदी की तरह ऊपर उठेगा और नीचे गिरेगा।
“उस समय मनुष्य के पुत्र के आने का संकेत आकाश में प्रकट होगा। तब पृथ्वी पर सभी जातियों के लोग विलाप करेंगे और वे मनुष्य के पुत्र को शक्ति और महिमा के साथ स्वर्ग के बादलों में प्रकट होते देखेंगे।