विवेक को अति मूल्यवान सोना भी मोल नहीं ले सकता है, विवेक का मूल्य चाँदी से नहीं गिना जा सकता है।
सागर की गहराई कहती है, ‘मुझ में विवेक नहीं।’ और समुद्र कहता है, ‘यहाँ मुझ में ज्ञान नहीं है।’
विवेक ओपीर देश के सोने से अथवा मूल्यवान स्फटिक से अथवा नीलमणियों से नहीं खरीदा जा सकता है।
विवेक मूंगे और सूर्यकांत मणि से अति मूल्यवान है। विवेक मानक मणियों से अधिक महंगा है।
विवेक सोने से अधिक उत्तम है, और समझ बूझ पाना चाँदी से उत्तम है।
जो मुझसे प्रेम करते हैं, मैं भी उन्हें प्रेम करती हूँ, मुझे जो खोजते हैं, मुझको पा लेते हैं।
मेरा फल स्वर्ण से उत्तम है। मैं जो उपजाती हूँ, वह शुद्ध चाँदी से अधिक है।