मेरे अपने मित्र मुझ से घृणा करते हैं। यहाँ तक कि ऐसे लोग जो मेरे प्रिय हैं, मेरे विरोधी बन गये हैं।
मेरे सम्बन्धियों ने मुझको त्याग दिया। मेरे मित्रों ने मुझको भुला दिया।
छोटे बच्चे तक मेरी हँसी उड़ाते है। जब मैं उनके पास जाता हूँ तो वे मेरे विरुद्ध बातें करते हैं।
अब तुम उन जलधाराओं के समान हो। तुम मेरी यातनाओं को देखते हो और भयभीत हो।
क्योंकि मैं रोगी हूँ, इसलिए मेरे मित्र और मेरे पड़ोसी मुझसे मिलने नहीं आते। मेरे परिवार के लोग तो मेरे पास तक नहीं फटकते।
सो हे यहोवा, मुझ पर कृपा कर और मुझ पर कृपालु हो। मुझको खड़ा कर कि मैं प्रतिशोध ले लूँ।
मेरा परम मित्र मेरे संग खाता था। उस पर मुझको भरोसा था। किन्तु अब मेरा परम मित्र भी मेरे विरुद्ध हो गया है।
मेरे शत्रु अपने ही मित्रों पर वार करते। वे उन बातों को नहीं करते, जिनके करने को वे सहमत हो गये थे।
मुझको मेरे मित्रों ने त्याग दिया है। वे मुझसे बचते फिरते हैं जैसे मैं कोई ऐसा व्यक्ति हूँ जिसको कोई भी छूना नहीं चाहता। घर के ही भीतर बंदी बन गया हूँ। मैं बाहर तो जा ही नहीं सकता।
पर यीशु ने उससे कहा, “हे यहूदा, क्या तू एक चुम्बन के द्वारा मनुष्य के पुत्र को धोखे से पकड़वाने जा रहा है।”