मुझ यहोवा ने अपनी सशक्त सेना तुम्हारे विरोध में भेजी थी। वे भिन्नाती हुई टिड्डियाँ, फुदकती हुई टिड्डियाँ, विनाशकारी टिड्डियाँ और कुतरती टिड्डियाँ तुम्हारी वस्तुएँ खा गयी। किन्तु मैं, यहोवा उन विपत्तियों के वर्षों के बदले में फिर से तुम्हें और वर्षा दूँगा।
“मैंने वर्षा भी बन्द की और यह फसल पकने के तीन महीने पहले हुआ। अत: कोई फसल नहीं हुई। तब मैंने एक नगर पर वर्षा होने दी किन्तु दूसरे नगर पर नहीं। वर्षा देश के एक हिस्से में हुई। किन्तु देश के अन्य भागों में भूमि बहुत सूख गई।
“मैं तुमसे सत्य कहता हूँ इस्राएल में एलिय्याह के काल में जब आकाश जैसे मुँद गया था और साढ़े तीन साल तक सारे देश में भयानक अकाल पड़ा था, तब वहाँ अनगिनत विधवाएँ थीं। किन्तु सैदा प्रदेश के सारपत नगर की एक विधवा को छोड़ कर एलिय्याह को किसी और के पास नहीं भेजा गया था।
यदि तुम ऐसा करोगे तो यहोवा तुम पर बहुत क्रोधित होगा। वह आकाश को बन्द कर देगा और वर्षा नहीं होगी। भूमि से फसल नहीं उगेगी और तुम उस अच्छे देश में शीघ्र मर जाओगे जिसे यहोवा तुम्हें दे रहा है।
वे आकाश को बाँध देने की शक्ति रखते हैं ताकि जब वे भविष्यवाणी कर रहे हों, तब कोई वर्षा न होने पाए। उन्हें झरनों के जल पर भी अधिकार था जिससे वे उसे लहू में बदल सकते थे। उनमें ऐसी शक्ति भी थी कि वे जितनी बार चाहते, उतनी हीबार धरती पर हर प्रकार के विनाशों का आघात कर सकते थे।
“फिलादेलफिया की कलीसिया के स्वर्गदूत को यह लिख: “वह जो पवित्र और सत्य है तथा जिसके पास दाऊद की कुंजी है जो ऐसा द्वार खोलता है जिसे कोई बंद नहीं कर सकता, तथा जो ऐसा द्वार बंद करता है, जिसे कोई खोल नहीं सकता; इस प्रकार कहता है।