तब यहोवा सुलैमान के पास रात को आया। यहोवा ने उससे कहा, “सुलैमान, मैंने तुम्हारी प्रार्थना सुनी है और मैंने इस स्थान को अपने लिये बलि के गृह के रूप में चुना है।
जब अब्राम निन्यानवे वर्ष का हुआ, यहोवा ने उससे बात की। यहोवा ने कहा, “मैं सर्वशक्तिमान परमेश्वर हूँ। मेरे लिए ये काम करो। मेरी आज्ञा मानो और सही रास्ते पर चलो।
एलिय्याह ने एलीशा से कहा, “कृपया यहीं ठहरो क्योंकि यहोवा ने मुझे यरदन नदी तक जाने को कहा है।” एलीशा ने उत्तर दिया, “जैसा कि यहोवा की सत्ता शाश्वत है और आप जीवित हैं, इसको साक्षी करके प्रतिज्ञा करता हूँ कि मैं आपका साथ नहीं छोड़ूँगा!” अतः दोनों व्यक्ति चलते चले गए।
“लौटो और मेरे लोगों के अगुवा हिजकिय्याह से कहो, ‘यहोवा तुम्हारे पूर्वज दाऊद का परमेश्वर यह कहता है: मैंने तुम्हारी प्रार्थना सुन ली है और मैंने तुम्हारे आँसू देखे हैं। इसलिये मैं तुम्हें स्वस्थ करूँगा। तीसरे दिन तुम यहोवा के मन्दिर में जाओगे
मनश्शे ने अशेरा की एक खुदी हुई मूर्ति बनाई। उसने इस मूर्ति को मन्दिर में रखा। यहोवा ने दाऊद और दाऊद के पुत्र सुलैमान से इस मन्दिर के बारे में कहा थाः “मैंने यरूशलेम को पूरे इस्राएल के नगरों में से चुना है। मैं अपना नाम यरूशलेम के मन्दिर में सदैव के लिये रखूँगा।
तब यहोवा अपने लिये विशेष स्थान चुनेगा वह वहाँ अपना नाम प्रतिष्ठित करेगा और तुम उन सभी चीजों को वहीं लाओगे जिनके लिए मैं आदेश दे रहा हूँ। वहीं तुम अपनी होमबलि, अपनी बलियाँ, दशमांश, अपनी विशेष भेंट, यहोवा को वचन दी गई भेंट, अपनी स्वेच्छा भेंट और अपने मवेशियों के झुण्ड एवं रेवड़ का पहलौठा बच्चा लाओ।