एलिय्याह गिलाद में तिशबी नगर का एक नबी था। एलिय्याह ने राजा अहाब से कहा, “मैं यहोवा, इस्राएल के परमेश्वर की सेवा करता हूँ। उसकी शक्ति के बल पर मैं भविष्यवाणी करता हूँ कि अगले कुछ वर्षों में न तो ओस गिरेगी, और न ही वर्षा होगी। वर्षा तभी होगी जब मैं उसके होने का आदेश दूँगा।”
इसलिये कृपया स्वर्ग में उनकी प्रार्थना को सुन। तब हम लोगों को हमारे पापों के लिये क्षमा कर। लोगों को सच्चा जीवन बिताने की शिक्षा दे। हे यहोवा तब कृपया तू उस भूमि पर वर्षा कर जिसे तूने उन्हें दिया है।
अंगूर के बगीचे को मैं खाली खेत में बदल दूँगा। कोई भी पौधे की रखवाली नहीं करेगा। उस खेत में कोई भी व्यक्ति काम नहीं करेगा। वहाँ केवल काँटे और खरपतवार उगा करेंगे। मैं बादलों को आदेश दूँगा कि वे वहाँ न बरसें।”
परमेश्वर कड़कती बिजली बनाता है और वह आकाश से बड़े जल की बाढ़ को गिराता है। वह पृथ्वी के हर एक स्थान पर, आकाश में मेघों को उठाता है। वह बिजली को वर्षा के साथ भेजता है। वह अपने गोदामों से पवन को निकालता है।
विदेशी देवमूर्तियों में वर्षा लाने की शक्ति नहीं हैं, आकाश में पानी बरसाने की शक्ति नहीं है। केवल तू ही हमारी आशा है, एकमात्र तू ही है जिसने यह सब कुछ बनाया है।
सो, हे सिय्योन के लोगों, प्रसन्न रहो। अपने परमेश्वर यहोवा में आनन्द से भर जाओ। क्योंकि वह तुम्हारे साथ भला करेगा और तुम्हें वर्षा देगा। वह तुम्हें अगली वर्षा देगा और वह तूझे पिछली वर्षा भी देगा जैसे पहले दिया करता था।
“मैंने वर्षा भी बन्द की और यह फसल पकने के तीन महीने पहले हुआ। अत: कोई फसल नहीं हुई। तब मैंने एक नगर पर वर्षा होने दी किन्तु दूसरे नगर पर नहीं। वर्षा देश के एक हिस्से में हुई। किन्तु देश के अन्य भागों में भूमि बहुत सूख गई।
“मैं तुमसे सत्य कहता हूँ इस्राएल में एलिय्याह के काल में जब आकाश जैसे मुँद गया था और साढ़े तीन साल तक सारे देश में भयानक अकाल पड़ा था, तब वहाँ अनगिनत विधवाएँ थीं। किन्तु सैदा प्रदेश के सारपत नगर की एक विधवा को छोड़ कर एलिय्याह को किसी और के पास नहीं भेजा गया था।
“यहोवा अपने भण्डार खोल देगा जिनमें वह अपना कीमती वरदान रखता है तथा तुम्हारी भूमि के लिये ठीक समय पर वर्षा देगा। यहोवा जो कुछ भी तुम करोगे उसके लिए आशीर्वाद देगा और बहुत से राष्ट्रों को कर्ज देने के लिए तुम्हारे पास धन होगा। किन्तु तुम्हें उनसे कुछ उधार लेने की आवश्यकता नहीं होगी।
वे आकाश को बाँध देने की शक्ति रखते हैं ताकि जब वे भविष्यवाणी कर रहे हों, तब कोई वर्षा न होने पाए। उन्हें झरनों के जल पर भी अधिकार था जिससे वे उसे लहू में बदल सकते थे। उनमें ऐसी शक्ति भी थी कि वे जितनी बार चाहते, उतनी हीबार धरती पर हर प्रकार के विनाशों का आघात कर सकते थे।