उस स्त्री ने उत्तर दिया, “अब मुझे विश्वास हो गया कि तुम सच में परमेश्वर के यहाँ के व्यक्ति हो। मैं समझ गई हूँ कि सचमुच में यहोवा तुम्हारे माध्यम से बोलता है।”
एलीशा ने स्त्री से कहा, “अगले बसन्त में इस समय तुम अपने पुत्र को गले से लगा रही होगी।” उस स्त्री ने कहा, “नहीं महोदय! परमेश्वर के जन, मुझसे झूठ न बोलो।”
यदि मैं उनके बीच वे कार्य नहीं करता जो कभी किसी ने नहीं किये तो वे पाप के दोषी न होते पर अब जब वे देख चुके हैं तब भी मुझसे और मेरे परम पिता दोनों से बैर रखते हैं।
अब हम समझ गये हैं कि तू सब कुछ जानता है। अब तुझे अपेक्षा नहीं है कि कोई तुझसे प्रश्न पूछे। इससे हमें यह विश्वास होता है कि तू परमेश्वर से प्रकट हुआ है।”
वह यीशु के पास रात में आया और उससे बोला, “हे गुरु, हम जानते हैं कि तू गुरु है और परमेश्वर की ओर से आया है, क्योंकि ऐसे आश्चर्यकर्म जिसे तू करता है परमेश्वर की सहायता के बिना कोई नहीं कर सकता।”
और इसलिए हम परमेश्वर का धन्यवाद निरन्तर करते रहते हैं क्योंकि हमसे तुमने जब परमेश्वर का वचन ग्रहण किया तो उसे मानवीय सन्देश के रूप में नहीं बल्कि परमेश्वर के सन्देश के रूप में ग्रहण किया, जैसा कि वह वास्तव में है। और तुम विश्वासियों पर जिसका प्रभाव भी है।