इसके बाद उन्होंने सब लोगों में, पूरे इस्राएली जनसमूह में, स्त्री और पुरुष हर एक को, एक-एक रोटी, मांस का एक अंश और किशमिश की एक टिकी बांट दी. इसके बाद सभी लोग अपने-अपने घर चले गए.
लूका 14:13 - सरल हिन्दी बाइबल किंतु जब तुम भोज का आयोजन करो तो निर्धनों, अपंगों, लंगड़ों तथा अंधों को आमंत्रित करो. पवित्र बाइबल बल्कि जब तू कोई भोज दे तो दीन दुखियों, अपाहिजों, लँगड़ों और अंधों को बुला। Hindi Holy Bible परन्तु जब तू भोज करे, तो कंगालों, टुण्डों, लंगड़ों और अन्धों को बुला। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) पर जब तुम भोज दो, तो गरीबों, लूलों, लंगड़ों और अन्धों को बुलाओ। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) परन्तु जब तू भोज करे तो कंगालों, टुण्डों, लंगड़ों और अन्धों को बुला। नवीन हिंदी बाइबल बल्कि जब तू भोज दे तो कंगालों, अपंगों, लंगड़ों और अंधों को आमंत्रित कर; इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परन्तु जब तू भोज करे, तो कंगालों, टुण्डों, लँगड़ों और अंधों को बुला। |
इसके बाद उन्होंने सब लोगों में, पूरे इस्राएली जनसमूह में, स्त्री और पुरुष हर एक को, एक-एक रोटी, मांस का एक अंश और किशमिश की एक टिकी बांट दी. इसके बाद सभी लोग अपने-अपने घर चले गए.
इस उत्सव के लिए राजा हिज़किय्याह ने एक हज़ार बछड़े और सात हज़ार भेड़े दान में दी थी. शासन अधिकारियों ने एक हज़ार बछड़े और दस हज़ार भेड़े दान में दीं. बड़ी संख्या थी उन पुरोहितों की, जिन्होंने अपने आपको शुद्ध किया था.
नेहेमियाह ने उन्हें आदेश दिया “जाइए, अच्छा-अच्छा भोजन कीजिए, मीठा-मीठा रस पीजिए और कुछ भाग उसे भी दे दीजिए, जिसके पास यह सब तैयार किया हुआ नहीं है; क्योंकि यह दिन हमारे याहवेह के सामने पवित्र है. दुःखी न रहिए; क्योंकि याहवेह के दिए हुए आनंद में ही आपका बल है.”
तब सभी लोग खाने-पीने के लिए चले गए और उन्होंने उत्सव के लिए कुछ भाग दूसरों को भी दिए; क्योंकि यह एक खास उत्सव था. यह इसलिये कि उन्होंने पवित्र व्यवस्था-विधान का मतलब समझ लिया था.
जो मरने पर था, उस व्यक्ति की समृद्धि मुझे दी गई है; जिसके कारण उस विधवा के हृदय से हर्षगान फूट पड़े थे.
वह, जो निर्धन को उत्पीड़ित करता है, उसके सृजनहार को अपमानित करता है, किंतु वह, जो निर्धन के प्रति उदारता प्रदर्शित करता है, उसके सृजनहार को सम्मानित करता है.
जब तुम भूखे की सहायता करोगे तथा दुखियों की मदद करोगे, तब अंधकार में तेरा प्रकाश चमकेगा, तथा घोर अंधकार दोपहर समान उजियाला देगा.
क्या इसका मतलब यह नहीं कि तुम भूखों को अपना भोजन बांटा करो तथा अनाथों को अपने घर में लाओ— जब किसी को वस्त्रों के बिना देखो, तो उन्हें वस्त्र दो, स्वयं को अपने सगे संबंधियों से दूर न रखो?
एक बड़ी भीड़ उनके पास आ गयी. जिनमें लंगड़े, अपंग, अंधे, गूंगे और अन्य रोगी थे. लोगों ने इन्हें येशु के चरणों में लिटा दिया और येशु ने उन्हें स्वस्थ कर दिया.
उन सेवकों ने जाकर रास्ते पर जितने व्यक्ति मिले, उन्हें इकट्ठा कर लिया—योग्य-अयोग्य सभी को, जिससे विवाहोत्सव का भोजनकक्ष आमंत्रितों से भर गया.
तुममें जो अंदर बसा हुआ है, उसे दान में दे दो, तब तुम और तुम्हारे संस्कार शुद्ध हो पाएंगे.
तब फिर प्रभु येशु ने अपने न्योता देनेवाले से कहा, “जब तुम दिन या रात के भोजन पर किसी को आमंत्रित करो तो अपने मित्रों, भाई-बंधुओं, परिजनों या धनवान पड़ोसियों को आमंत्रित मत करो; ऐसा न हो कि वे भी तुम्हें आमंत्रित करें और तुम्हें बदला मिल जाए.
तब तुम परमेश्वर की कृपा के भागी बनोगे. वे लोग तुम्हारा बदला नहीं चुका सकते. बदला तुम्हें धर्मियों के दोबारा जी उठने (पुनरुत्थान) के अवसर पर प्राप्त होगा.”
“सेवक ने लौटकर अपने स्वामी को यह सूचना दे दी. अत्यंत गुस्से में घर के स्वामी ने सेवक को आज्ञा दी, ‘तुरंत नगर की गलियों-चौराहों में जाओ और निर्धनों, अपंगों, लंगड़ों और अंधों को ले आओ.’
पेतरॉस उठकर उनके साथ चल दिए. उन्हें उस ऊपरी कक्ष में ले जाया गया. वहां सभी विधवाएं उन्हें घेरकर रोने लगी. उन्होंने पेतरॉस को वे सब वस्त्र दिखाए, जो दोरकस ने अपने जीवनकाल में बनाए थे.
तब लेवी, (इसलिये कि तुम्हारे बीच मीरास में उसका कोई अंश नहीं है), विदेशी, अनाथ, विधवा, जो तुम्हारे ही नगरवासी हैं, आएंगे, इसमें से अपने उपभोग के लिए प्राप्त कर सकेंगे और संतुष्ट हो जाएंगे. तब याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर तुम्हारे सारे परिश्रम को आशीषित कर तुम्हें समृद्धि प्रदान करेंगे.
तुम याहवेह, अपने परमेश्वर के सामने, उस स्थान पर उल्लसित होओगे, जो याहवेह तुम्हारे परमेश्वर अपनी प्रतिष्ठा की स्थापना के लिए चुनेंगे; तुम, तुम्हारे पुत्र-पुत्रियां, तुम्हारे सेवक-सेविकाएं और तुम्हारे नगर में निवास कर रहे लेवीगोत्रज, साथ ही वह परदेशी, अनाथ, विधवा, जो तुम्हारे बीच में निवास करते हैं.
इस उत्सव में तुम आनंद मनाओगे—तुम, तुम्हारे पुत्र-पुत्रियां, सेवक-सेविकाएं, लेवीगोत्रज, परदेशी, अनाथ और तुम्हारे नगर की विधवाएं.
इसलिये आवश्यक है कि अध्यक्ष प्रशंसनीय, एक पत्नी का पति, संयमी, विवेकी, सम्मान योग्य, अतिथि-सत्कार करनेवाला तथा निपुण शिक्षक हो,
जो अपने भले कामों के लिए सुनाम हो; जिसने अपनी संतान का उत्तम पालन पोषण किया हो; आतिथ्य सत्कार किया हो; पवित्र लोगों के चरण धोए हों; दीन-दुःखियों की सहायता की हो तथा सब प्रकार के भले कामों में लीन रही हो.
वह अतिथि-सत्कार करनेवाला, सब प्रकार की उचित बातों का समर्थक, विवेकशील, न्यायी, पवित्र तथा ऐसा हो जिसने अपनी इंद्रियों को अपने वश में कर लिया हो.
प्रिय भाई बहनो, तुम्हारी प्रेम भावना से मुझे बहुत आनंद व प्रोत्साहन मिला है क्योंकि तुम्हारे कारण पवित्र लोगों के मन आनंदित हुए हैं.
अपरिचितों का अतिथि-सत्कार करना न भूलो. ऐसा करने के द्वारा कुछ ने अनजाने ही स्वर्गदूतों का अतिथि-सत्कार किया था.