अय्यूब 9:5 - सरल हिन्दी बाइबल मात्र परमेश्वर ही हैं, जो विचलित कर देते हैं, किसे यह मालूम है कि अपने क्रोध में वह किस रीति से उन्हें पलट देते हैं. पवित्र बाइबल जब परमेश्वर क्रोधित होता है, वह पर्वतों को हटा देता है और वे जान तक नहीं पाते। Hindi Holy Bible वह तो पर्वतों को अचानक हटा देता है और उन्हें पता भी नहीं लगता, वह क्रोध में आकर उन्हें उलट पुलट कर देता है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वह पहाड़ों को उनके स्थानों से हटा देता है, और लोगों को इस बात का पता भी नहीं चलता! वह क्रोध में पहाड़ों को उलट-पुलट देता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वह तो पर्वतों को अचानक हटा देता है और उन्हें पता भी नहीं लगता, वह क्रोध में आकर उन्हें उलट–पुलट कर देता है। इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 वह तो पर्वतों को अचानक हटा देता है और उन्हें पता भी नहीं लगता, वह क्रोध में आकर उन्हें उलट-पुलट कर देता है। |
तब परमेश्वर को उनके कृत्यों का पूरा हिसाब रहता है, रात्रि के रहते ही वह उन्हें मिटा देते हैं, वे कुचल दिए जाते हैं.
अपने बढ़ते क्रोध को निर्बाध बह जाने दो, जिस किसी अहंकारी से तुम्हारा सामना हो, उसे झुकाते जाओ.
उस पर आक्रमण करने के बाद कौन सुरक्षित रह सकता है? आकाश के नीचे की हर एक वस्तु मेरी ही है.
तब हम भयभीत न होंगे, चाहे पृथ्वी विस्थापित हो जाए, चाहे पर्वत महासागर के गर्भ में जा पड़ें,
पृथ्वी कांप उठी, आकाश ने वृष्टि भेजी, परमेश्वर के सामने, वह जो सीनायी पर्वत के परमेश्वर हैं, परमेश्वर के सामने, जो इस्राएल के परमेश्वर हैं.
कौन है जिसने अपनी हथेली से महासागर को नापा है, किसने बित्ते से आकाश को नापा है? किसने पृथ्वी की धूल को माप कर उसकी गिनती की है, तथा पर्वतों को कांटे से तथा पहाड़ियों को तौल से मापा है?
उनके सामने पर्वत कांप उठते हैं और पहाड़ियां पिघल जाती हैं. उनकी उपस्थिति में पृथ्वी, सारा संसार और उसमें रहनेवाले कांप उठते हैं.
उनके क्रोध का सामना कौन कर सकता है? उनके भयंकर क्रोध को कौन सह सकता है? उनका कोप आग की तरह भड़कता है; उनके सामने चट्टानें चूर-चूर हो जाती हैं.
पर्वत आपको देखकर थर्रा उठे. पानी का तेज प्रवाह होने लगा; गहरे समुद्र गरज उठे और उसमें से ऊंची-ऊंची लहरें उठने लगी.
खड़े होकर उन्होंने पृथ्वी को हिला दिया; उन्होंने देखा, और जाति-जाति के लोग कांप उठे. पुराने पर्वत टुकड़े-टुकड़े होकर गिर गये और पुरानी पहाड़ियां ढह गईं, पर वे हमेशा से ही आगे बढ़ते रहते हैं.
“हे विशाल पहाड़, क्या हो तुम? ज़ेरुब्बाबेल के सामने तुम समतल मैदान बन जाओगे. तब वह चोटी के पत्थर को यह चिल्लाते हुए ले आएगा, ‘परमेश्वर इसे आशीष दे! परमेश्वर इसे आशीष दे!’ ”
येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “तुम इस सच्चाई को समझ लो: यदि तुम्हें विश्वास हो—संदेह तनिक भी न हो—तो तुम न केवल वह करोगे, जो इस अंजीर के पेड़ के साथ किया गया परंतु तुम यदि इस पर्वत को भी आज्ञा दोगे, ‘उखड़ जा और समुद्र में जा गिर!’ तो यह भी हो जाएगा.
उसी क्षण मंदिर का पर्दा ऊपर से नीचे तक दो भागों में विभाजित कर दिया गया, पृथ्वी कांप उठी, चट्टानें फट गईं
भीषण भूकंप आएंगे. विभिन्न स्थानों पर महामारियां होंगी तथा अकाल पड़ेंगे. भयावह घटनाएं होंगी तथा आकाश में अचंभित दृश्य दिखाई देंगे.
यदि मुझे भविष्यवाणी करने की क्षमता प्राप्त है, मैं भेद जानने वाला तथा ज्ञानी हूं और मेरा विश्वास ऐसा मजबूत हो कि मेरे वचन मात्र से पर्वत अपने स्थान से हट जाएं किंतु मैं प्रेम न रखूं तो मैं कुछ भी नहीं.
उसी समय एक भीषण भूकंप आया, जिससे नगर का एक दसवां भाग नाश हो गया. इस भूकंप में सात हज़ार व्यक्ति मर गए. शेष जीवित व्यक्तियों में भय समा गया और वे स्वर्ग के परमेश्वर का धन्यवाद-महिमा करने लगे.
आकाश फटकर ऐसा हो गया जैसे चमड़े का पत्र लिपट जाता है. हर एक पहाड़ और द्वीप अपने स्थान से हटा दिये गये.