तब राजा दावीद जाकर याहवेह के सामने बैठ गए. वहां उनके हृदय से निकले वचन ये थे: “प्रभु याहवेह, कौन हूं, मैं और क्या है मेरे परिवार का पद, कि आप मुझे इस जगह तक ले आए हैं?
2 इतिहास 2:6 - सरल हिन्दी बाइबल ऐसा कौन है, जो उनके लिए भवन बनवा सके, क्योंकि वह आकाश और ऊंचे स्वर्ग में भी नहीं समाते हैं? सो मैं कौन हूं, कि उनके सामने धूप जलाने के अलावा किसी और काम के लिए मैं उनका भवन बनवाऊं? पवित्र बाइबल किन्तु कोई भी व्यक्ति सही अर्थ में हमारे परमेश्वर के लिये भवन नहीं बना सकता। स्वर्ग हाँ, उच्चतम स्वर्ग भी परमेश्वर को अपने भीतर नहीं रख सकता! मैं परमेश्वर के लिये मन्दिर नहीं बना सकता। मैं केवल एक स्थान परमेश्वर के सामने सुगन्धि जलाने के लिये बना सकता हूँ। Hindi Holy Bible परन्तु किस की इतनी शक्ति है, कि उसके लिये भवन बनाए, वह तो स्वर्ग में वरन सब से ऊंचे स्वर्ग में भी नहीं समाता? मैं क्या हूँ कि उसके साम्हने धूप जलाने को छोड़ और किसी मनसा से उसका भवन बनाऊं? पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) किन्तु कौन उसके लिए घर बना सकता है, जबकि आकाश, उच्चतम विशाल आकाश में भी वह समा नहीं सकता? फिर मेरी हस्ती है ही क्या कि मैं उसके निवास के लिए घर बनाऊं? मैं तो केवल एक ऐसा स्थान बनाना चाहता हूँ जहां उसके सम्मुख सुगन्धित धूप-द्रव्य जलाए जाएं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) परन्तु किस में इतनी शक्ति है कि उसके लिये भवन बनाए, वह तो स्वर्ग में वरन् सबसे ऊँचे स्वर्ग में भी नहीं समाता? मैं क्या हूँ कि उसके सामने धूप जलाने को छोड़ और किसी विचार से उसका भवन बनाऊँ? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परन्तु किस में इतनी शक्ति है, कि उसके लिये भवन बनाए, वह तो स्वर्ग में वरन् सबसे ऊँचे स्वर्ग में भी नहीं समाता? मैं क्या हूँ कि उसके सामने धूप जलाने को छोड़ और किसी विचार से उसका भवन बनाऊँ? |
तब राजा दावीद जाकर याहवेह के सामने बैठ गए. वहां उनके हृदय से निकले वचन ये थे: “प्रभु याहवेह, कौन हूं, मैं और क्या है मेरे परिवार का पद, कि आप मुझे इस जगह तक ले आए हैं?
हूराम विधवा का पुत्र था, जो नफताली की वंशज थी. हूराम का पिता सोर देश का ही वासी था वह कांसे की धातु का शिल्पी था. उसमें ऐसी बुद्धि और कौशल था कि वह कांसे से किसी भी प्रकार का काम कर सकता था. उसने आकर राजा शलोमोन का सारा काम भार अपने हाथ में ले लिया.
“मगर क्या वास्तव में परमेश्वर पृथ्वी पर रहेंगे? स्वर्ग, हां, सबसे ऊंचा स्वर्ग भी आपको समाकर नहीं रख सकता, तो भला मेरे द्वारा बनाए गए भवन में यह कैसे संभव हो सकता है!
तुम्हारे लिए अनेक कर्मचारी हैं: पत्थर का काम करनेवाले शिल्पी, भवन बनानेवाले कर्मी, जो पत्थर का काम जानते हैं, लकड़ी के शिल्पी और वे सभी व्यक्ति, जो हर एक काम में निपुण हैं.
“कौन हूं मैं और क्या है मेरी प्रजा कि हम ऐसे अपनी इच्छा से भेंट चढ़ा सकें? क्योंकि सभी कुछ आपसे ही मिलता है. हमने जो कुछ दिया है, वह हमको आपने आपके ही हाथों से दिया हुआ है.
अब मुझे बुद्धि और ज्ञान दीजिए कि मैं इस प्रजा के सामने आना-जाना कर सकूं, क्योंकि किसमें आपकी इतनी बड़ी प्रजा पर शासन करने की क्षमता है?”
“मगर क्या यह संभव है कि परमेश्वर पृथ्वी पर मनुष्यों के बीच निवास करें? देखिए, आकाश और ऊंचे स्वर्ग तक आपको अपने में समा नहीं सकते; तो फिर यह भवन क्या है, जिसको मैंने बनवाया है?
किंतु मोशेह ने परमेश्वर से कहा, “मैं कौन हूं जो फ़रोह के पास जाऊं और इस्राएलियों को मिस्र देश से निकालूं?”
जड़ने के उद्देश्य से पत्थर काटने में कुशल तथा लकड़ी के खोदने में बुद्धि से कलाकारी का काम कर सके.
याहवेह यों कहते हैं: “स्वर्ग मेरा सिंहासन है, तथा पृथ्वी मेरे चरणों की चौकी है. तुम मेरे लिये कैसा भवन बनाओगे? कहां है वह जगह जहां मैं आराम कर सकूंगा?
क्या कोई व्यक्ति स्वयं को किसी छिपने के स्थान पर ऐसे छिपा सकता है, कि मैं उसे देख न सकूं?” यह याहवेह का प्रश्न है. “क्या आकाश और पृथ्वी मुझसे पूर्ण नहीं हैं?” यह याहवेह का प्रश्न है.
जो नाश हो रहे हैं, उनके लिए हम मृत्यु की घातक गंध तथा उद्धार प्राप्त करते जा रहे व्यक्तियों के लिए जीवन की प्राणदायी सुगंध. किसमें है इस प्रकार के काम करने की योग्यता?
मुझे, जो पवित्र लोगों में छोटे से भी छोटा हूं, गैर-यहूदियों में मसीह के अगम्य धन का प्रचार करने के लिए यह अनुग्रह प्रदान किया गया,
तब वह स्थान, जो याहवेह तुम्हारे परमेश्वर अपनी प्रतिष्ठा के लिए चुनेंगे—तुम वहीं वह सब लेकर आओगे, जिसका मैं तुम्हें आदेश दे चुका हूं: होमबलियां, तुम्हारी शेष बलियां, तुम्हारे दसवां अंश, तुम्हारे हाथों के अनुदान, मन्नतों की भेंटें और स्वैच्छिक भेंटें.
मगर तुम होमबलि उसी स्थान पर चढ़ाओगे, जो स्थान याहवेह तुममें से किसी एक गोत्र के स्थान में चुनेंगे और तुम वहीं वह सब करोगे, जिसका आदेश मैं तुम्हें दे रहा हूं.
तुम याहवेह द्वारा नामित उस स्थान पर तुम सिर्फ वे वस्तुएं लेकर जाओगे, जो तुम्हारे लिए पवित्र हैं और तुम्हारी मन्नत्तों से संबंधित भेंटें भी.