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1 शमूएल 29:3 - सरल हिन्दी बाइबल

फिलिस्तीनियों के सेनापतियों ने राजा से प्रश्न किया, “इन इब्रियों का यहां क्या काम?” राजा आकीश ने सेनापतियों को उत्तर दिया, “क्या तुम इस्राएल के राजा शाऊल के सेवक दावीद को नहीं जानते, जो मेरे साथ दीर्घ काल से—उस समय से है, जब से उसने शाऊल को छोड़ा है? तब से आज तक मैंने उसके कामों में कोई भी गलती नहीं देखी.”

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पवित्र बाइबल

पलिश्ती अधिकारियों ने पूछा, “ये हिब्रू यहाँ क्या कर रहे हैं?” आकीश ने पलिश्ती अधिकारियों से कहा, “यह दाऊद है। दाऊद शाऊल के अधिकारियों में से एक था। दाऊद मेरे पास बहुत समय से है। मैं दाऊद में कोई दोष तब से नहीं देखता जब से इसने शाऊल को छोड़ा और मेरे पास आया।”

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Hindi Holy Bible

तब पलिश्ती हाकिमों ने पूछा, इन इब्रियों का यहां क्या काम है? आकीश ने पलिश्ती सरदारों से कहा, क्या वह इस्राएल के राजा शाऊल का कर्मचारी दाऊद नहीं है, जो क्या जाने कितने दिनों से वरन वर्षो से मेरे साथ रहता है, और जब से वह भाग आया, तब से आज तक मैने उस में कोई दोष नहीं पाया।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

पलिश्‍ती सेना-नायकों ने पूछा, ‘ये इब्रानी सैनिक यहां क्‍या कर रहे हैं?’ आकीश ने सेना-नायकों को उत्तर दिया, ‘यह दाऊद है, इस्राएलियों के राजा शाऊल का सेवक! यह एक-दो वर्ष से मेरे साथ है। जब से यह शाऊल को छोड़कर मेरे पास आ गया है, तब से आज तक मैंने इसमें सन्‍देह की कोई बात नहीं पाई।’

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

तब पलिश्ती हाकिमों ने पूछा, “उन इब्रियों का यहाँ क्या काम है?” आकीश ने पलिश्ती सरदारों से कहा, “क्या वह इस्राएल के राजा शाऊल का कर्मचारी दाऊद नहीं है, जो क्या जाने कितने दिनों से वरन् वर्षों से मेरे साथ रहता है, और जब से वह भाग आया, तब से आज तक मैं ने उसमें कोई दोष नहीं पाया।”

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

तब पलिश्ती हाकिमों ने पूछा, “इन इब्रियों का यहाँ क्या काम है?” आकीश ने पलिश्ती सरदारों से कहा, “क्या वह इस्राएल के राजा शाऊल का कर्मचारी दाऊद नहीं है, जो क्या जाने कितने दिनों से वरन् वर्षों से मेरे साथ रहता है, और जब से वह भाग आया, तब से आज तक मैंने उसमें कोई दोष नहीं पाया।”

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1 शमूएल 29:3
13 क्रॉस रेफरेंस  

और युद्ध क्षेत्र से भागकर एक व्यक्ति ने इब्री अब्राम को ये बातें बताई. अब्राम तो उस समय ममरे नामक व्यक्ति, जो अमोरी जाति का था, उसके बड़े बलूत पेड़ों के पास रहता था. ममरे, एशकोल एवं ऐनर का भाई था; और इन्होंने अब्राम से वाचा बांधी थी.


दावीद जब शाऊल के विरुद्ध फिलिस्तीनियों के साथ युद्ध के लिए तैयार हो ही रहे थे कि कुछ मनश्शेहवासी भी दावीद के साथ हो गए. (फिर भी दावीद फिलिस्तीनियों के साथ युद्ध पर नहीं गए, क्योंकि फिलिस्तीनियों के अधिकारियों ने आपस में विचार-विमर्श किया और दावीद को इस शक के साथ लौटा दिया, “हमारे सिरों को कटवा कर वह अपने स्वामी शाऊल के पास लौट जाएगा.”)


दावीद जब वहां से ज़िकलाग को गए, मनश्शेहवासी अदनाह, योज़ाबाद, येदिआएल, मिखाएल, योज़ाबाद, एलिहू और ज़िल्लेथाइ दावीद की ओर आ गए थे. ये सभी हज़ारों के मुखिया मनश्शेह प्रदेश के थे.


आखिर में, इन व्यक्तियों ने कहा, “उसके परमेश्वर के कानून के विषय को छोड़, हमें और किसी भी विषय में दानिएल के विरुद्ध दोष लगाने का आधार नहीं मिलेगा.”


जब प्रधान पुरोहितों और सेवकों ने मसीह येशु को देखा तो चिल्लाकर कहने लगे, “क्रूसदंड! क्रूसदंड!” पिलातॉस ने उनसे कहा, “इसे ले जाओ और तुम ही दो इसे मृत्यु दंड क्योंकि मुझे तो इसमें कोई दोष नहीं मिला.”


किसी के प्रति भी दुष्टता का बदला दुष्टता न हो; तुम्हारा स्वभाव सब की दृष्टि में सुहावना हो;


किंतु विनम्रता और सम्मान के साथ. अपना विवेक शुद्ध रखो कि जिन विषयों में वे, जो मसीह में तुम्हारे उत्तम स्वभाव की निंदा करते हैं, लज्जित हों.


जब उन दोनों ने स्वयं को फिलिस्तीनी सेना पर प्रकट किया, फिलिस्तीनियों ने उन्हें देखा, वे आपस में विचार करने लगे, “देखो, देखो, इब्री अब अपनी उन गुफाओं में से निकलकर बाहर आ रहे हैं, जहां वे अब तक छिपे हुए थे.”


“कृपया अपनी सेविका की इस भूल को क्षमा कर दें. याहवेह आपके परिवार को प्रतिष्ठित करेंगे, क्योंकि मेरे स्वामी याहवेह के प्रतिनिधि होकर युद्ध कर रहे हैं. अपने संपूर्ण जीवन में अपने किसी का बुरा नहीं चाहा है.


इस समय दावीद के मन में एक ही विचार बार-बार उठ रहा था, “एक न एक दिन शाऊल के हाथों से मेरी हत्या तय है, तब इससे उत्तम विकल्प और क्या हो सकता है कि फिलिस्तिया देश को भाग जाऊं. परिणाम यह होगा कि शाऊल निराश हो इस्राएल राष्ट्र के किसी भी भाग में मेरी खोज करना छोड़ देंगे, और में उनसे सुरक्षित रह सकूंगा.”


दावीद के फिलिस्तीनियों के देश में रहने की कुल अवधि एक साल चार महीने हुई.


इस पर आकीश ने दावीद को बुलाकर उनसे कहा, “जीवन्त याहवेह की शपथ, तुम सच्चे रहे हो, और व्यक्तिगत रूप से मुझे सही यही लग रहा है कि इस युद्ध में तुम मेरे साथ साथ आया जाया करो. जिस दिन से तुम मेरे आश्रय में आए हो, तब से आज तक मुझे तुममें कुछ भी अप्रिय नहीं लगा. अब क्या किया जा सकता है; यदि सेनापति तुम्हें स्वीकार करना नहीं चाहते?


जब फिलिस्तीनियों ने इस हर्षनाद को सुना, वे विचार करने लगे, “इब्रियों की छावनी में यह शोर क्या है?” जब उन्हें यह अहसास हुआ कि शिविर में याहवेह का संदूक आ गया है,