तब एलियाह वहां से चल दिए. उन्हें शाफात के पुत्र एलीशा खेत में हल चलाते हुए मिले. हल में बारह जोड़े बैल जुते हुए थे, और वह खुद बारहवीं जोड़ी के साथ थे. एलीशा के पास से निकलते हुए एलियाह ने अपना बाहरी कपड़ा उन पर डाल दिया.
1 शमूएल 28:14 - सरल हिन्दी बाइबल शाऊल ने उससे पूछा, “उसका स्वरूप कैसा दिखाई दे रहा है?” स्त्री ने उत्तर दिया, “एक वृद्ध व्यक्ति ऊपर आ रहे हैं. वह बागा ओढ़े हुए हैं.” इससे शाऊल को यह अहसास हुआ कि वह शमुएल हैं. वह भूमि की ओर नतमस्तक हुए और सामने घुटने टेक दिए. पवित्र बाइबल शाऊल ने पूछा, “वह कैसा दिखाई पड़ता है?” स्त्री ने उत्तर दिया, “वह लबादा पहने एक बूढ़े की तरह दिखाई पड़ता है।” शाऊल ने समझ लिया कि वह शमूएल था। शाऊल ने प्रणाम किया। उसका माथा जमीन से जा लगा। Hindi Holy Bible उसने उस से पूछा उस का कैसा रूप है? उसने कहा, एक बूढ़ा पुरूष बागा ओढ़े हुए चढ़ा आता है। तब शाऊल ने निश्चय जानकर कि वह शमूएल है, औंधे मुंह भूमि पर गिर के दण्डवत किया। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) शाऊल ने स्त्री से पूछा, ‘वह कैसा दिखाई दे रहा है?’ स्त्री ने उत्तर दिया, ‘एक बूढ़ा आदमी ऊपर आ रहा है। वह लबादा ओढ़े हुए है।’ शाऊल समझ गया कि वह शमूएल है उसने भूमि की ओर सिर झुकाया, और उसका अभिवादन किया। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उसने उससे पूछा, “उसका कैसा रूप है?” उसने कहा, “एक बूढ़ा पुरुष बागा ओढ़े हुए चढ़ा आता है।” तब शाऊल ने निश्चय जानकर कि वह शमूएल है, औंधे मुँह भूमि पर गिरके दण्डवत् किया। इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उसने उससे पूछा, “उसका कैसा रूप है?” उसने कहा, “एक बूढ़ा पुरुष बागा ओढ़े हुए चढ़ा आता है।” तब शाऊल ने निश्चय जानकर कि वह शमूएल है, औंधे मुँह भूमि पर गिरकर दण्डवत् किया। |
तब एलियाह वहां से चल दिए. उन्हें शाफात के पुत्र एलीशा खेत में हल चलाते हुए मिले. हल में बारह जोड़े बैल जुते हुए थे, और वह खुद बारहवीं जोड़ी के साथ थे. एलीशा के पास से निकलते हुए एलियाह ने अपना बाहरी कपड़ा उन पर डाल दिया.
राजा ने उनसे पूछा, “किस प्रकार का व्यक्ति था वह, जो तुमसे भेंटकरने आया था, जिसने तुमसे यह सब कहा है?”
एलियाह ने अपनी चादर ली, उसे ऐंठ कर उससे यरदन के पानी पर वार किया. नदी का जल दाएं और बाएं दो भागों में बांटकर स्थिर हो गया, और वे दोनों सूखी ज़मीन पर चलते हुए पार निकल गए.
जैसे ही शमुएल मुड़कर जाने के लिए तैयार हुए, शाऊल ने उनके बाहरी वस्त्र के छोर को पकड़ लिया और इस काम में वह वस्त्र फट गया.
तब दावीद भी गुफा से बाहर आ गए. वहां से उन्होंने शाऊल को पुकारा, “महाराज, मेरे स्वामी!” दावीद का स्वर सुनकर शाऊल ने मुड़कर पीछे देखा. दावीद ने घुटने टेककर भूमि तक सिर झुकाकर उनका अभिवंदन किया,
“डरो मत!” राजा ने उसे आश्वासन दिया और पूछा, “तुम क्या देखती हो?” “मुझे भूमि में से एक दिव्य आकृति ऊपर आती हुई दिखाई दे रही है.”