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ऑनलाइन बाइबिल
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1 शमूएल 28:15 - सरल हिन्दी बाइबल

15 शमुएल ने शाऊल से पूछा, “मुझे बुलाकर तुमने मेरा विश्राम भंग क्यों किया?” शाऊल ने उत्तर दिया, “मैं घोर संकट में आ पड़ा हूं. फिलिस्तीनी हमारे विरुद्ध युद्ध के लिए उठ खड़े हुए हैं. परमेश्वर मुझसे विमुख हो गए हैं. उनसे मुझे कोई भी उत्तर प्राप्‍त नहीं हो रहा: न तो भविष्यवक्ताओं के माध्यम से, न स्वप्नों के माध्यम से. इसलिये मुझे आपको कष्ट देना पड़ा है. कृपया मुझे बताइए मैं क्या करूं.”

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पवित्र बाइबल

15 शमूएल ने शाऊल से कहा, “तुमने मुझे क्यों परेशान किया? तुमने मुझे ऊपर क्यों बुलाया?” शाऊल ने उत्तर दिया, “मैं मुसीबत में हूँ! पलिश्ती मेरे विरुद्ध लड़ने आए हैं और परमेश्वर ने मुझे छोड़ दिया है। परमेश्वर अब मुझको उत्तर नहीं देगा। वह मुझे उत्तर देने के लिये नबी या स्वप्न का उपयोग नहीं करेगा। यही कारण है कि मैंने तुमको बुलाया। मैं चाहता हूँ कि तुम बताओ कि मैं क्या करूँ!”

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Hindi Holy Bible

15 शमूएल ने शाऊल से पूछा, तू ने मुझे ऊपर बुलवाकर क्यों सताया है? शाऊल ने कहा, मैं बड़े संकट में पड़ा हूं; क्योंकि पलिश्ती मेरे साथ लड़ रहे हैं और परमेश्वर ने मुझे छोड़ दिया, और अब मुझे न तो भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा उत्तर देता है, और न स्वपनों के; इसलिये मैं ने तुझे बुलाया कि तू मुझे जता दे कि मैं क्या करूं।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

15 शमूएल ने शाऊल से पूछा, ‘तूने क्‍यों मेरी शान्‍ति भंग की? तूने मुझे क्‍यों जगाया?’ शाऊल ने उत्तर दिया, ‘मैं बड़े संकट में हूँ। पलिश्‍ती मुझसे युद्ध कर रहे हैं। परमेश्‍वर ने मुझसे मुंह मोड़ लिया है। अब वह मुझे उत्तर नहीं देता, न नबियों के द्वारा, और न स्‍वप्‍न में। इसलिए मैंने आपको बुलाया है। आप मुझे बताइए कि मुझे क्‍या करना चाहिए।’

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

15 शमूएल ने शाऊल से पूछा, “तू ने मुझे ऊपर बुलवाकर क्यों सताया है?” शाऊल ने कहा, “मैं बड़े संकट में पड़ा हूँ; क्योंकि पलिश्ती मेरे साथ लड़ रहे हैं और परमेश्‍वर ने मुझे छोड़ दिया, और अब मुझे न तो भविष्यद्वक्‍ताओं के द्वारा उत्तर देता है, और न स्वप्नों के; इसलिये मैं ने तुझे बुलाया कि तू मुझे जता दे कि मैं क्या करूँ।”

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

15 शमूएल ने शाऊल से पूछा, “तूने मुझे ऊपर बुलवाकर क्यों सताया है?” शाऊल ने कहा, “मैं बड़े संकट में पड़ा हूँ; क्योंकि पलिश्ती मेरे साथ लड़ रहे हैं और परमेश्वर ने मुझे छोड़ दिया, और अब मुझे न तो भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा उत्तर देता है, और न स्वप्नों के; इसलिए मैंने तुझे बुलाया कि तू मुझे जता दे कि मैं क्या करूँ।”

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1 शमूएल 28:15
18 क्रॉस रेफरेंस  

मुझे अपने सान्‍निध्य से दूर न कीजिए और मुझसे आपके पवित्रात्मा को न छीनिए.


विश्वासहीन व्यक्ति अपनी ही नीतियों का परिणाम भोगेगा, किंतु धर्मी अपनी नीतियों का.


यदि वे बच्चों का पालन पोषण करते भी हैं, तो मैं हर एक को उनसे ले लूंगा. उन पर हाय जब मैं उनसे दूर हो जाता हूं!


“तब राजा अपने बायें पक्ष के समूह से उन्मुख हो कहेगा, ‘मुझसे दूर हो जाओ, शापितो! अनंत आग में जा पड़ो, जो शैतान और उसके दूतों के लिए तैयार की गई है;


वह चिल्लाई, “शिमशोन, फिलिस्तीनी आपको पकड़ने आ रहे हैं!” वह अपनी नींद से जाग उठा. उसने सोचा, “इसके पहले के अवसरों के समान मैं अब भी एक झटके में स्वयं को आज़ाद कर लूंगा.” किंतु उसे यह मालूम ही न था कि याहवेह उसे छोड़ गए हैं.


शाऊल दावीद से डरने लगे, क्योंकि याहवेह दावीद के साथ थे, मगर उनसे दूर.


तब दावीद ने याहवेह से पूछा, “क्या में जाकर इन फिलिस्तीनियों से युद्ध करूं?” याहवेह ने दावीद को उत्तर दिया, “जाओ, फिलिस्तीनियों का संहार करो, और काइलाह नगर को मुक्त करो.”


तब दावीद ने पुनः याहवेह से पूछा, और उन्हें याहवेह की ओर से यह उत्तर प्राप्‍त हुआ, “जाओ, फिलिस्तीनियों पर हमला करो क्योंकि मैं फिलिस्तीनियों को तुम्हारे अधीन कर दूंगा.”


“अच्छा बताइए, आपके लिए मैं किसे बुलाऊंगा?” उसने पूछा उसने उत्तर दिया, “ऐसा करो, मेरे लिए तुम शमुएल को बुला लाओ.”


“जब याहवेह ही तुमसे विमुख हो चुके हैं, तुम्हारे शत्रु बन चुके हैं, तो क्या लाभ है मुझसे पूछने का?” शमुएल ने उन्हें उत्तर दिया.


जब उन्होंने याहवेह से जानकारी चाही, याहवेह ने उन्हें कोई उत्तर ही न दिया; न तो स्वप्नों के माध्यम से, न उरीम के माध्यम से और न ही भविष्यवक्ताओं के माध्यम से.


तब शाऊल ने भेष बदला और अपने वस्त्र परिवर्तित कर लिए तथा अपने साथ दो व्यक्तियों को लेकर चल पड़े. वे उस स्त्री के पास रात में पहुंचे. शाऊल ने उस स्त्री को आदेश दिया, “मेरे लिए आत्मा को बुलाकर पूछताछ कीजिए.” मेरे लिए उन्हें बुला दीजिए, जिसका मैं नाम लूंगा.


इस समय दावीद बहुत ही परेशान थे, क्योंकि उनके साथी उनका पत्थराव करने की योजना कर रहे थे. हर एक व्यक्ति का हृदय अपने पुत्र-पुत्रियों के अपहरण के कारण बहुत ही कटु हो चुका था. मगर दावीद ने इस स्थिति में याहवेह अपने परमेश्वर में बल प्राप्‍त किया.


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