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यशायाह 12:1 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

उस दिन तू कहेगा, “हे यहोवा, मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ, क्योंकि यद्यपि तू मुझ पर क्रोधित हुआ था, परन्तु अब तेरा क्रोध शान्त हुआ, और तू ने मुझे शान्ति दी है।

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पवित्र बाइबल

उस समय तुम कहोगे: “हे यहोवा, मैं तेरे गुण गाता हूँ! तू मुझ से कुपित रहा है किन्तु अब मुझ पर क्रोध मत कर! तू मुझ पर अपना प्रेम दिखा।”

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Hindi Holy Bible

उस दिन तू कहेगा, हे यहोवा, मैं तेरा धन्यवाद करता हूं, क्योंकि यद्यिप तू मुझ पर क्रोधित हुआ था, परन्तु अब तेरा क्रोध शान्त हुआ, और तू ने मुझे शान्ति दी है॥

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

तू उस दिन यह कहेगा : “प्रभु, मैं तुझे धन्‍यवाद देता हूं। यद्यपि तू मुझ पर क्रोधित था, तथापि तेरा क्रोध अब शान्‍त हो गया, और तूने मुझे सांत्‍वना दी।

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सरल हिन्दी बाइबल

उस दिन तुम कहोगे: “याहवेह, मैं आपका आभार मानूंगा. यद्यपि आप मुझसे क्रोधित थे, अब आपका गुस्सा शांत हो गया और आपने मुझे शांति दी है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

उस दिन तू कहेगा, “हे यहोवा, मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ, क्योंकि यद्यपि तू मुझ पर क्रोधित हुआ था, परन्तु अब तेरा क्रोध शान्त हुआ, और तूने मुझे शान्ति दी है।”

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यशायाह 12:1
55 क्रॉस रेफरेंस  

फिर उसने उनसे कहा, “जाकर चिकना चिकना भोजन करो और मीठा मीठा रस पियो, और जिनके लिये कुछ तैयार नहीं हुआ उनके पास भोजन सामग्री भेजो; क्योंकि आज का दिन हमारे प्रभु के लिये पवित्र है; और उदास मत रहो, क्योंकि यहोवा का आनन्द तुम्हारा दृढ़ गढ़ है।”


तब तू अपना दु:ख भूल जाएगा, तू उसे उस पानी के समान स्मरण करेगा जो बह गया हो।


यह भी मेरे बचाव का कारण होगा, कि भक्‍तिहीन जन उसके सामने नहीं जा सकता।


क्योंकि उसका क्रोध तो क्षण भर का होता है, परन्तु उसकी प्रसन्नता जीवन भर की होती है। कदाचित् रात को रोना पड़े, परन्तु सबेरे आनन्द पहुँचेगा।


तू मेरे सम्मान को बढ़ाएगा, और फिरकर मुझे शान्ति देगा।


हे हमारे उद्धारकर्ता परमेश्‍वर, हम को पुन: स्थापित कर, और अपना क्रोध हम पर से दूर कर!


मुझे भलाई का कोई चिह्न दिखा, जिसे देखकर मेरे बैरी निराश हों, क्योंकि हे यहोवा, तू ने आप मेरी सहायता की और मुझे शान्ति दी है।


हे यहोवा परमेश्‍वर, मैं अपने पूर्ण मन से तेरा धन्यवाद करूँगा; मैं तेरे सब आश्‍चर्यकर्मों का वर्णन करूँगा।


क्योंकि अब थोड़ी ही देर है कि मेरी जलन और क्रोध उनका सत्यानाश करके शान्त होगा।


वे केवल बन्दियों के पैरों के पास गिर पड़ेंगे और मरे हुओं के नीचे दबे पड़े रहेंगे। इतने पर भी उसका क्रोध शान्त नहीं हुआ, और उसका हाथ अब तक बढ़ा हुआ है।


उसकी प्रजा के बचे हुओं के लिये अश्शूर से एक ऐसा राज–मार्ग होगा जैसा मिस्र देश से चले आने के समय इस्राएल के लिये हुआ था।


जिस दिन यहोवा तुझे तेरे सन्ताप और घबराहट से, और उस कठिन श्रम से जो तुझ से लिया गया विश्राम देगा,


क्योंकि आदमियों की घमण्ड भरी आँखें नीची की जाएँगी और मनुष्यों का घमण्ड दूर किया जाएगा; और उस दिन केवल यहोवा ही ऊँचे पर विराजमान रहेगा।


हे यहोवा, तू मेरा परमेश्‍वर है; मैं तुझे सराहूँगा, मैं तेरे नाम का धन्यवाद करूँगा; क्योंकि तू ने आश्‍चर्यकर्म किए हैं, तू ने प्राचीनकाल से पूरी सच्‍चाई के साथ युक्‍तियाँ की हैं।


उस समय यह कहा जाएगा, “देखो, हमारा परमेश्‍वर यही है, हम इसी की बाट जोहते आए हैं, कि वह हमारा उद्धार करे। यहोवा यही है; हम उसकी बाट जोहते आए हैं। हम उससे उद्धार पाकर मगन और आनन्दित होंगे।”


उस समय यहूदा देश में यह गीत गाया जाएगा : “हमारा एक दृढ़ नगर है; उद्धार का काम देने के लिये वह उसकी शहरपनाह और गढ़ को नियुक्‍त करता है।


यहोवा के छुड़ाए हुए लोग लौटकर जयजयकार करते हुए सिय्योन में आएँगे, और उनके सिर पर सदा का आनन्द होगा; वे हर्ष और आनन्द पाएँगे और शोक और लम्बी साँस का लेना जाता रहेगा।


हे आकाश, जयजयकार कर, हे पृथ्वी, मगन हो; हे पहाड़ो, गला खोलकर जयजयकार करो! क्योंकि यहोवा ने अपनी प्रजा को शान्ति दी है और अपने दीन लोगों पर दया की है।


यहोवा ने सिय्योन को शान्ति दी है, उसने उसके सब खण्डहरों को शान्ति दी है; वह उसके जंगल को अदन के समान और उसके निर्जल देश को यहोवा की वाटिका के समान बनाएगा; उसमें हर्ष और आनन्द और धन्यवाद और भजन गाने का शब्द सुनाई पड़ेगा।


क्षण भर ही के लिये मैं ने तुझे छोड़ दिया था, परन्तु अब बड़ी दया करके मैं फिर तुझे रख लूँगा।


क्रोध के आवेग में आकर मैं ने पल भर के लिए तुझ से मुँह छिपाया था, परन्तु अब अनन्त करुणा से मैं तुझ पर दया करूँगा, तेरे छुड़ानेवाले यहोवा का यही वचन है।


यह मेरी दृष्‍टि में नूह के समय के जलप्रलय के समान है; क्योंकि जैसे मैं ने शपथ खाई थी कि नूह के समय के जलप्रलय से पृथ्वी फिर न डूबेगी, वैसे ही मैं ने यह भी शपथ खाई है कि फिर कभी तुझ पर क्रोध न करूँगा और न तुझ को धमकी दूँगा।


परदेशी लोग तेरी शहरपनाह को उठाएँगे, और उनके राजा तेरी सेवा टहल करेंगे; क्योंकि मैं ने क्रोध में आकर तुझे दु:ख दिया था, परन्तु अब तुझ से प्रसन्न होकर तुझ पर दया की है।


मैं यहोवा के कारण अति आनन्दित होऊँगा, मेरा प्राण परमेश्‍वर के कारण मगन रहेगा; क्योंकि उसने मुझे उद्धार के वस्त्र पहिनाए, और धर्म की चद्दर ऐसे ओढ़ा दी है जैसे दूल्हा फूलों की माला से अपने आपको सजाता और दुल्हिन अपने गहनों से अपना सिंगार करती है।


तू तो उन्हीं से मिलता है जो धर्म के काम हर्ष के साथ करते, और तेरे मार्गों पर चलते हुए तुझे स्मरण करते हैं। देख, तू क्रोधित हुआ था, क्योंकि हम ने पाप किया; हमारी यह दशा तो बहुत समय से है, क्या हमारा उद्धार हो सकता है?


इसलिये जो मैं उत्पन्न करने पर हूँ, उसके कारण तुम हर्षित हो और सदा सर्वदा मगन रहो; क्योंकि देखो, मैं यरूशलेम को मगन और उसकी प्रजा को आनन्दित बनाऊँगा।


जिस प्रकार माता अपने पुत्र को शान्ति देती है, वैसे ही मैं भी तुम्हें शान्ति दूँगा; तुम को यरूशलेम ही में शान्ति मिलेगी।


तब उनमें से धन्य कहने, और आनन्द करने का शब्द सुनाई पड़ेगा।


उस समय उनकी कुमारियाँ नाचती हुई हर्ष करेंगी, और जवान और बूढ़े एक संग आनन्द करेंगे। क्योंकि मैं उनके शोक को दूर करके उन्हें आनन्दित करूँगा, मैं उन्हें शान्ति दूँगा, और दु:ख के बदले आनन्द दूँगा।


हे एप्रैम, मैं तुझे कैसे छोड़ दूँ? हे इस्राएल, मैं कैसे तुझे शत्रु के वश में कर दूँ? मैं कैसे तुझे अदमा के समान छोड़ दूँ, और सबोयीम के समान कर दूँ? मेरा हृदय तो उलट–पुलट हो गया, मेरा मन स्‍नेह के मारे पिघल गया है।


“चलो, हम यहोवा की ओर फिरें; क्योंकि उसी ने फाड़ा, और वही चंगा भी करेगा; उसी ने मारा, और वही हमारे घावों पर पट्टी बाँधेगा।


इस कारण यहोवा यों कहता है, अब मैं दया करके यरूशलेम को लौट आया हूँ; मेरा भवन उस में बनेगा, और यरूशलेम पर नापने की डोरी डाली जाएगी, सेनाओं के यहोवा की यही वाणी है।


उस दिन घोड़ों की घंटियों पर भी यह लिखा रहेगा, “यहोवा के लिये पवित्र।” और यहोवा के भवन की हण्डियाँ उन कटोरों के तुल्य पवित्र ठहरेंगी, जो वेदी के सामने रहते हैं।


तब यहोवा सारी पृथ्वी का राजा होगा; और उस दिन एक ही यहोवा और उसका नाम भी एक ही माना जाएगा।


परन्तु अब मैं इस प्रजा के बचे हुओं से ऐसा बर्ताव न करूँगा जैसा कि पहले के दिनों में करता था, सेनाओं के यहोवा की यही वाणी है।


“सेनाओं का यहोवा यों कहता है : चौथे, पाँचवें, सातवें और दसवें महीने में जो जो उपवास के दिन होते हैं, वे यहूदा के घराने के लिये हर्ष और आनन्द और उत्सव के पर्वों के दिन हो जाएँगे; इसलिये अब तुम सच्‍चाई और मेलमिलाप से प्रीति रखो।


क्योंकि जब उनका त्याग दिया जाना जगत के मिलाप का कारण हुआ, तो क्या उनका ग्रहण किया जाना मरे हुओं में से जी उठने के बराबर न होगा?