“तब वह राजा अपनी इच्छा के अनुसार काम करेगा, और अपने आप को सारे देवताओं से ऊँचा और बड़ा ठहराएगा; वरन् सब देवताओं के परमेश्वर के विरुद्ध भी अनोखी बातें कहेगा। जब तक परमेश्वर का क्रोध शान्त न हो जाए तब तक उस राजा का कार्य सफल होता रहेगा; क्योंकि जो कुछ निश्चय करके ठना हुआ है वह अवश्य ही पूरा होनेवाला है।
उसी रात में क्या हुआ कि यहोवा के दूत ने निकलकर अश्शूरियों की छावनी में एक लाख पचासी हज़ार पुरुषों को मारा, और भोर को जब लोग उठे, तब देखा, कि शव ही शव पड़े हैं।