और वह मनुष्य बनैले गदहे के समान होगा, उसका हाथ सब के विरुद्ध उठेगा और सब के हाथ उसके विरुद्ध उठेंगे; और वह अपने सब भाई–बन्धुओं के मध्य में बसा रहेगा।”
अय्यूब 39:5 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “किसने बनैले गदहे को स्वाधीन करके छोड़ दिया है? किसने उसके बंधन खोले हैं? पवित्र बाइबल “अय्यूब, जंगली गधों को कौन आजाद छोड़ देता है? किसने उसके रस्से खोले और उनको बन्धन मुक्त किया? Hindi Holy Bible किस ने बनैले गदहे को स्वाधीन कर के छोड़ दिया है? किस ने उसके बन्धन खोले हैं? पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘किसने जंगली गधे को इधर-उधर फिरने की स्वतंत्रता दी है? किसने जंगली गधे को स्वच्छन्द स्वभाव का बनाया है? सरल हिन्दी बाइबल “किसने वन्य गधों को ऐसी स्वतंत्रता प्रदान की है? किसने उस द्रुत गधे को बंधन मुक्त कर दिया है? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “किसने जंगली गदहे को स्वाधीन करके छोड़ दिया है? किसने उसके बन्धन खोले हैं? |
और वह मनुष्य बनैले गदहे के समान होगा, उसका हाथ सब के विरुद्ध उठेगा और सब के हाथ उसके विरुद्ध उठेंगे; और वह अपने सब भाई–बन्धुओं के मध्य में बसा रहेगा।”
परन्तु मनुष्य छूछा और निर्बुद्धि होता है; क्योंकि मनुष्य जन्म ही से जंगली गदहे के बच्चे के समान होता है।
देखो, वे जंगली गदहों के समान अपने काम को और कुछ भोजन यत्न से ढूँढ़ने को निकल जाते हैं; उनके बाल–बच्चों का भोजन उनको जंगल से मिलता है।
क्या तू जंगली साँड़ को रस्से से बाँधकर रेघारियों में चला सकता है? क्या वह नालों में तेरे पीछे पीछे हेंगा फेरेगा?
क्योंकि राजभवन त्यागा जाएगा, कोलाहल से भरा नगर सुनसान हो जाएगा; और पहाड़ी और उन पर के पहरुओं के घर सदा के लिये माँदें और जंगली गदहों का विहार–स्थान और घरेलू पशुओं की चराई उस समय तक बने रहेंगे
जंगली गदहे भी मुंडे टीलों पर खड़े हुए गीदड़ों के समान हाँफते हैं; उनकी आँखें धुँधला जाती हैं क्योंकि हरियाली कुछ भी नहीं है।
जंगल में पली हुई जंगली गदही जो कामातुर होकर वायु सूँघती फिरती है तब कौन उसे वश में कर सकता है? जितने उसको ढूँढ़ते हैं वे व्यर्थ परिश्रम न करें; क्योंकि वे उसे उसकी ऋतु में पाएँगे।
वह मनुष्यों में से निकाला गया, और उसका मन पशुओं का सा, और उसका निवास जंगली गदहों के बीच हो गया; वह बैलों के समान घास चरता, और उसका शरीर आकाश की ओस से भींगा करता था, जब तक कि उसने जान न लिया कि परमप्रधान परमेश्वर मनुष्यों के राज्य में प्रभुता करता है और जिसे चाहता उसी को उस पर अधिकारी ठहराता है।
क्योंकि वे अश्शूर को ऐसे चले गए, जैसा जंगली गदहा झुण्ड से बिछुड़ के रहता है; एप्रैम ने यारों को मजदूरी पर रखा है।