ऑनलाइन बाइबिल

विज्ञापनों


संपूर्ण बाइबिल पुराना वसीयतनामा नया करार




2 शमूएल 15:30 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

तब दाऊद जैतून के पहाड़ की चढ़ाई पर सिर ढाँके, नंगे पाँव, रोता हुआ चढ़ने लगा; और जितने लोग उसके संग थे, वे भी सिर ढाँके रोते हुए चढ़ गए।

अध्याय देखें

पवित्र बाइबल

दाऊद जैतूनों के पर्वत पर चढ़ा। वह रो रहा था। उसने अपना सिर ढक लिया और वह बिना जूते के गया। दाऊद के साथ के सभी व्यक्तियों ने भी अपना सिर ढक लिया। वे दाऊद के साथ रोते हुए गए।

अध्याय देखें

Hindi Holy Bible

तब दाऊद जलपाइयों के पहाड़ की चढ़ाई पर सिर ढांपे, नंगे पांव, रोता हुआ चढ़ने लगा; और जितने लोग उसके संग थे, वे भी सिर ढांपे रोते हुए चढ़ गए।

अध्याय देखें

पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

दाऊद जैतून पहाड़ पर चढ़ने लगा। वह रो रहा था। वह नंगे पैर था। उसका सिर ढका था। जो लोग उसके साथ थे, वे भी अपना सिर ढांपे हुए थे। वे रोते हुए पहाड़ पर चढ़ रहे थे।

अध्याय देखें

सरल हिन्दी बाइबल

दावीद ज़ैतून पर्वत की चढ़ाई चढ़ते चले गए वह चलते हुए रोते जा रहे थे. उनका सिर तो ढका हुआ था मगर पांव नंगे. उनके साथ चल रहे हर एक व्यक्ति ने भी अपना अपना सिर ढांक लिया था और वे भी रोते हुए चल रहे थे.

अध्याय देखें

इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

तब दाऊद जैतून के पहाड़ की चढ़ाई पर सिर ढाँके, नंगे पाँव, रोता हुआ चढ़ने लगा; और जितने लोग उसके संग थे, वे भी सिर ढाँके रोते हुए चढ़ गए।

अध्याय देखें



2 शमूएल 15:30
21 क्रॉस रेफरेंस  

तब सादोक और एब्यातार ने परमेश्‍वर के सन्दूक को यरूशलेम में लौटा दिया; और आप वहीं रहे।


और राजा मुँह ढाँपे हुए चिल्‍ला चिल्‍लाकर पुकारता रहा, “हाय मेरे बेटे अबशालोम! हाय अबशालोम, मेरे बेटे, मेरे बेटे!”


तब योआब घर में राजा के पास जाकर कहने लगा, “तेरे कर्मचारियों ने आज के दिन तेरा, और तेरे बेटे–बेटियों का और तेरी पत्नियों और रखेलियों का प्राण बचाया है, परन्तु तू ने आज के दिन उन सभों का मुँह काला किया है;


तब मोर्दकै तो राजभवन के फाटक में लौट गया परन्तु हामान शोक करता हुआ और सिर ढाँपे हुए झट अपने घर को गया।


मेरे आँसू दिन और रात मेरा आहार हुए हैं; और लोग दिन भर मुझ से कहते रहते हैं, तेरा परमेश्‍वर कहाँ है?


हे मेरे प्राण, तू क्यों गिरा जाता है? तू अन्दर ही अन्दर क्यों व्याकुल है? परमेश्‍वर पर भरोसा रख, क्योंकि वह मेरे मुख की चमक और मेरा परमेश्‍वर है; मैं फिर उसका धन्यवाद करूँगा।


लम्बी साँसें ले तो ले, परन्तु वे सुनाई न पड़ें; मरे हुओं के लिये भी विलाप न करना। सिर पर पगड़ी बाँधे और पाँवों में जूती पहिने रहना; और न तो अपने होंठ को ढाँपना न शोक के योग्य रोटी खाना।”


तुम सिर पर पगड़ी बाँधे और पाँवों में जूती पहिने रहोगे, न तुम रोओगे, न छाती पीटोगे, वरन् अपने अधर्म के कामों में फँसे हुए गलते जाओगे और एक दूसरे की ओर कराहते रहोगे।


उस दिन वह जैतून के पर्वत पर पाँव रखेगा, जो पूर्व की ओर यरूशलेम के सामने है; तब जैतून का पर्वत पूर्व से लेकर पश्‍चिम तक बीचोबीच से फटकर बहुत बड़ा खड्ड हो जाएगा; तब आधा पर्वत उत्तर की ओर और आधा दक्षिण की ओर हट जाएगा।


“धन्य हैं वे, जो शोक करते हैं, क्योंकि वे शांति पाएँगे।


जब वह जैतून नामक पहाड़ पर बैतफगे और बैतनिय्याह के पास पहुँचा, तो उसने अपने चेलों में से दो को यह कहके भेजा,


निकट आते हुए जब वह जैतून पहाड़ की ढलान पर पहुँचा, तो चेलों की सारी मण्डली उन सब सामर्थ्य के कामों के कारण जो उन्होंने देखे थे, आनन्दित होकर बड़े शब्द से परमेश्‍वर की स्तुति करने लगी :


जब वह निकट आया तो नगर को देखकर उस पर रोया


वह दिन को मन्दिर में उपदेश करता था, और रात को बाहर जाकर जैतून नामक पहाड़ पर रहा करता था;


तब वह बाहर निकलकर अपनी रीति के अनुसार जैतून के पहाड़ पर गया, और चेले उसके पीछे हो लिए।


तब वे जैतून नामक पहाड़ से जो यरूशलेम के निकट एक सब्त के दिन की दूरी पर है, यरूशलेम को लौटे।


आनन्द करनेवालों के साथ आनन्द करो, और रोनेवालों के साथ रोओ।


इसलिये यदि एक अंग दु:ख पाता है, तो सब अंग उसके साथ दु:ख पाते हैं; और यदि एक अंग की बड़ाई होती है, तो उसके साथ सब अंग आनन्द मनाते हैं।