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रोमियों 12:15 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

15 आनन्द करनेवालों के साथ आनन्द करो, और रोनेवालों के साथ रोओ।

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पवित्र बाइबल

15 जो प्रसन्न हैं उनके साथ प्रसन्न रहो। जो दुःखी है, उनके दुःख में दुःखी होओ।

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Hindi Holy Bible

15 आनन्द करने वालों के साथ आनन्द करो; और रोने वालों के साथ रोओ।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

15 आनन्‍द मनाने वालों के साथ आनन्‍द मनायें, रोने वालों के साथ रोयें।

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नवीन हिंदी बाइबल

15 आनंद मनानेवालों के साथ आनंद मनाओ, रोनेवालों के साथ रोओ।

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सरल हिन्दी बाइबल

15 जो आनंदित हैं, उनके साथ आनंद मनाओ तथा जो शोकित हैं, उनके साथ शोक;

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रोमियों 12:15
20 क्रॉस रेफरेंस  

ये बातें सुनते ही मैं बैठकर रोने लगा और कितने दिन तक विलाप करता, और स्वर्ग के परमेश्‍वर के सम्मुख उपवास करता और यह कहकर प्रार्थना करता रहा।


जब तेमानी एलीपज, और शूही बिलदद, और नामाती सोपर, अय्यूब के इन तीन मित्रों ने इस सब विपत्ति का समाचार पाया जो उस पर पड़ी थीं। तब वे आपस में यह ठानकर कि हम अय्यूब के पास जाकर उसके संग विलाप करेंगे, और उसको शान्ति देंगे, अपने अपने यहाँ से उसके पास चले।


क्या मैं उसके लिये रोता नहीं था, जिसके दुर्दिन आते थे? क्या दरिद्र जन के कारण मैं प्राण में दु:खित न होता था?


रोने का समय, और हँसने का भी समय; छाती पीटने का समय, और नाचने का भी समय है;


तब एबेदमेलेक कूशी ने यिर्मयाह से कहा, “ये पुराने कपड़े और चिथड़े अपनी काँखों में रस्सियों के नीचे रख ले।” यिर्मयाह ने वैसा ही किया।


भला होता कि मेरा सिर जल ही जल, और मेरी आँखें आँसुओं का सोता होतीं, कि मैं रात दिन अपने मारे हुए लोगों के लिये रोता रहता।


उसके पड़ोसियों और कुटुम्बियों ने यह सुन कर कि प्रभु ने उस पर बड़ी दया की है, उसके साथ आनन्द मनाया,


बहुत से यहूदी मार्था और मरियम के पास उनके भाई की मृत्यु पर शान्ति देने के लिये आए थे।


वह वहाँ पहुँचकर और परमेश्‍वर के अनुग्रह को देखकर आनन्दित हुआ, और सब को उपदेश दिया कि तन मन लगाकर प्रभु से लिपटे रहो।


इसलिये यदि एक अंग दु:ख पाता है, तो सब अंग उसके साथ दु:ख पाते हैं; और यदि एक अंग की बड़ाई होती है, तो उसके साथ सब अंग आनन्द मनाते हैं।


किसकी निर्बलता से मैं निर्बल नहीं होता? किसके ठोकर खाने से मेरा जी नहीं दुखता?


और मैं ने यही बात तुम्हें इसलिये लिखी कि कहीं ऐसा न हो कि मेरे आने पर, जिनसे मुझे आनन्द मिलना चाहिए मैं उनसे उदास होऊँ; क्योंकि मुझे तुम सब पर इस बात का भरोसा है कि जो मेरा आनन्द है, वही तुम सब का भी है।


क्योंकि उसका मन तुम सब में लगा हुआ था, इस कारण वह व्याकुल रहता था क्योंकि तुम ने उस की बीमारी का हाल सुना था।


इसलिये मैं ने उसे भेजने का और भी यत्न किया कि तुम उससे फिर भेंट करके आनन्दित हो जाओ और मेरा भी शोक घट जाए।


कैदियों की ऐसी सुधि लो कि मानो उनके साथ तुम भी कैद हो, और जिनके साथ बुरा बर्ताव किया जाता है, उनकी भी यह समझकर सुधि लिया करो कि हमारी भी देह है।


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