भजन संहिता 43 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)निर्वासित व्यक्ति की प्रार्थना (भजन 42 का शेष भाग) 1 हे परमेश्वर, मेरा न्याय चुका और विधर्मी जाति से मेरा मुक़द्दमा लड़; मुझ को छली और कुटिल पुरुष से बचा। 2 क्योंकि हे परमेश्वर, तू ही मेरी शरण है, तू ने क्यों मुझे त्याग दिया है? मैं शत्रु के अन्धेर के मारे शोक का पहिरावा पहिने हुए क्यों फिरता रहूँ? 3 अपने प्रकाश और अपनी सच्चाई को भेज; वे मेरी अगुवाई करें, वे ही मुझ को तेरे पवित्र पर्वत पर और तेरे निवास स्थान में पहुँचाएँ! 4 तब मैं परमेश्वर की वेदी के पास जाऊँगा, उस ईश्वर के पास जो मेरे अति आनन्द का कुंड है; और हे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, मैं वीणा बजा बजाकर तेरा धन्यवाद करूँगा। 5 हे मेरे प्राण, तू क्यों गिरा जाता है? तू अन्दर ही अन्दर क्यों व्याकुल है? परमेश्वर पर भरोसा रख, क्योंकि वह मेरे मुख की चमक और मेरा परमेश्वर है; मैं फिर उसका धन्यवाद करूँगा। |
Hindi OV (Re-edited) Bible - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible
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