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1 पतरस 3:11 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

वह बुराई का साथ छोड़े, और भलाई ही करे; वह मेल मिलाप को ढूँढ़े, और उसके यत्न में रहे।

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पवित्र बाइबल

उसे चाहिए वह मुँह फेरे उससे जो नेक नहीं होता वह उन कर्मों को सदा करे जो उत्तम हैं, उसे चाहिए यत्नशील हो शांति पाने को उसे चाहिए वह शांति का अनुसरण करे।

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Hindi Holy Bible

वह बुराई का साथ छोड़े, और भलाई ही करे; वह मेल मिलाप को ढूंढ़े, और उस के यत्न में रहे।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

वह बुराई से दूर रहे और भलाई करे; वह शान्‍ति को ढूंढ़े तथा उसके लिए प्रयत्‍न करे।

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नवीन हिंदी बाइबल

वह बुराई से दूर रहे और भलाई करे; वह मेल-मिलाप को ढूँढ़े और उसे पाने के यत्‍न में रहे,

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सरल हिन्दी बाइबल

बुराई में रुचि लेना छोड़कर परोपकार करे; मेल-मिलाप का यत्न करे और इसी के लिए पीछा करे.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

वह बुराई का साथ छोड़े, और भलाई ही करे; वह मेल मिलाप को ढूँढ़े, और उसके यत्न में रहे।

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1 पतरस 3:11
37 क्रॉस रेफरेंस  

ऊज़ देश में अय्यूब नामक एक पुरुष था; वह खरा और सीधा था और परमेश्‍वर का भय मानता और बुराई से दूर रहता था।


यहोवा ने शैतान से पूछा, “क्या तू ने मेरे दास अय्यूब पर ध्यान दिया है कि पृथ्वी पर उसके तुल्य खरा और सीधा और मेरा भय माननेवाला और बुराई से दूर रहनेवाला मनुष्य और कोई नहीं है? यद्यपि तू ने मुझे बिना कारण उसका सत्यानाश करने को उभारा, तौभी वह अब तक अपनी खराई पर बना है।”


तब उसने मनुष्य से कहा, ‘देख, प्रभु का भय मानना यही बुद्धि है : और बुराई से दूर रहना यही समझ है’।”


हे यहोवा, भलों का, और सीधे मनवालों का भला कर!


बुराई को छोड़ और भलाई कर; मेल को ढूँढ़ और उसी का पीछा कर।


बुराई को छोड़ और भलाई कर; और तू सर्वदा बना रहेगा।


बुराई से हटना सीधे लोगों के लिये राजमार्ग है, जो अपने चालचलन की चौकसी करता, वह अपने प्राण की भी रक्षा करता है।


अधर्म का प्रायश्‍चित्त कृपा, और सच्‍चाई से होता है, और यहोवा के भय मानने के द्वारा मनुष्य बुराई करने से बच जाते हैं।


अपनी दृष्‍टि में बुद्धिमान न होना; यहोवा का भय मानना, और बुराई से अलग रहना।


जिस से तुम अपने स्वर्गीय पिता की सन्तान ठहरोगे क्योंकि वह भले और बुरे दोनों पर अपना सूर्य उदय करता है, और धर्मी और अधर्मी दोनों पर मेंह बरसाता है।


“धन्य हैं वे, जो मेल करानेवाले हैं, क्योंकि वे परमेश्‍वर के पुत्र कहलाएँगे।


‘और हमें परीक्षा में न ला, परन्तु बुराई से बचा; (क्योंकि राज्य और पराक्रम और महिमा सदा तेरे ही हैं।’ आमीन।)


कंगाल तुम्हारे साथ सदा रहते हैं, और तुम जब चाहो तब उनसे भलाई कर सकते हो; पर मैं तुम्हारे साथ सदा न रहूँगा।


कि अन्धकार और मृत्यु की छाया में बैठनेवालों को ज्योति दे, और हमारे पाँवों को कुशल के मार्ग में सीधे चलाए।”


वरन् अपने शत्रुओं से प्रेम रखो, और भलाई करो, और फिर पाने की आशा न रखकर उधार दो; और तुम्हारे लिये बड़ा फल होगा, और तुम परमप्रधान के सन्तान ठहरोगे, क्योंकि वह उन पर जो धन्यवाद नहीं करते और बुरों पर भी कृपालु है।


यीशु ने उनसे कहा, “मैं तुम से यह पूछता हूँ कि सब्त के दिन क्या उचित है, भला करना या बुरा करना; प्राण को बचाना या नाश करना?”


मैं यह विनती नहीं करता कि तू उन्हें जगत से उठा ले; परन्तु यह कि तू उन्हें उस दुष्‍ट से बचाए रख।


जहाँ तक हो सके, तुम भरसक सब मनुष्यों के साथ मेल मिलाप रखो।


क्योंकि परमेश्‍वर का राज्य खाना–पीना नहीं, परन्तु धर्म और मेलमिलाप और वह आनन्द है जो पवित्र आत्मा से होता है।


इसलिये हम उन बातों में लगे रहें जिनसे मेलमिलाप और एक दूसरे का सुधार हो।


अत: जब हम विश्‍वास से धर्मी ठहरे, तो अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्‍वर के साथ मेल रखें,


क्योंकि जिस अच्छे काम की मैं इच्छा करता हूँ, वह तो नहीं करता, परन्तु जिस बुराई की इच्छा नहीं करता, वही किया करता हूँ।


इस प्रकार मैं यह व्यवस्था पाता हूँ कि जब भलाई करने की इच्छा करता हूँ, तो बुराई मेरे पास आती है।


शरीर पर मन लगाना तो मृत्यु है, परन्तु आत्मा पर मन लगाना जीवन और शान्ति है;


पर आत्मा का फल प्रेम, आनन्द, शान्ति, धीरज, कृपा, भलाई, विश्‍वास,


इसलिये जहाँ तक अवसर मिले हम सब के साथ भलाई करें, विशेष करके विश्‍वासी भाइयों के साथ।


मसीह की शान्ति जिसके लिये तुम एक देह होकर बुलाए भी गए हो, तुम्हारे हृदय में राज्य करे; और तुम धन्यवादी बने रहो।


वे भलाई करें, और भले कामों में धनी बनें, और उदार और सहायता देने में तत्पर हों,


सबसे मेल मिलाप रखो, और उस पवित्रता के खोजी हो जिसके बिना कोई प्रभु को कदापि न देखेगा।


भलाई करना और उदारता दिखाना न भूलो, क्योंकि परमेश्‍वर ऐसे बलिदानों से प्रसन्न होता है।


इसलिये जो कोई भलाई करना जानता है और नहीं करता, उसके लिये यह पाप है।


क्योंकि प्रभु की आँखें धर्मियों पर लगी रहती हैं, और उसके कान उनकी विनती की ओर लगे रहते हैं; परन्तु प्रभु बुराई करनेवालों के विमुख रहता है।”


हे प्रिय, बुराई के नहीं पर भलाई के अनुयायी हो। जो भलाई करता है, वह परमेश्‍वर की ओर से है; पर जो बुराई करता है, उसने परमेश्‍वर को नहीं देखा।


तब यिप्‍तह ने फिर अम्मोनियों के राजा के पास यह कहने को दूत भेजे।