Biblia Todo Logo
ऑनलाइन बाइबिल
- विज्ञापनों -




कुलुस्सियों 3:15 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

15 मसीह की शान्ति जिसके लिये तुम एक देह होकर बुलाए भी गए हो, तुम्हारे हृदय में राज्य करे; और तुम धन्यवादी बने रहो।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबल

15 तुम्हारे मन पर मसीह से प्राप्त होने वाली शांति का शासन हो। इसी के लिये तुम्हें उसी एक देह में बुलाया गया है। सदा धन्यवाद करते रहो।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

Hindi Holy Bible

15 और मसीह की शान्ति जिस के लिये तुम एक देह होकर बुलाए भी गए हो, तुम्हारे हृदय में राज्य करे, और तुम धन्यवादी बने रहो।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

15 मसीह की शान्‍ति आपके हृदय में राज्‍य करे। इसी शान्‍ति के लिए आप लोग, एक ही देह के अंग बन कर, बुलाये गये हैं। आप लोग कृतज्ञ बने रहें।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

नवीन हिंदी बाइबल

15 मसीह की शांति तुम्हारे मनों पर राज्य करे जिसके लिए तुम एक देह में बुलाए भी गए हो; और आभारी बने रहो।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

सरल हिन्दी बाइबल

15 तुम्हारे हृदय में मसीह की शांति राज्य करे—वस्तुतः एक शरीर में तुम्हें इसी के लिए बुलाया गया है. हमेशा धन्यवादी बने रहो.

अध्याय देखें प्रतिलिपि




कुलुस्सियों 3:15
35 क्रॉस रेफरेंस  

उसके फाटकों से धन्यवाद, और उसके आँगनों में स्तुति करते हुए प्रवेश करो, उसका धन्यवाद करो, और उसके नाम को धन्य कहो!


और वे धन्यवादबलि चढ़ाएँ, और जयजयकार करते हुए, उसके कामों का वर्णन करें।


मैं तुझ को धन्यवादबलि चढ़ाऊँगा, और यहोवा से प्रार्थना करूँगा।


यहोवा अपनी प्रजा को बल देगा; यहोवा अपनी प्रजा को शान्ति की आशीष देगा।


जिसका मन तुझ में धीरज धरे हुए है, उसकी तू पूर्ण शान्ति के साथ रक्षा करता है, क्योंकि वह तुझ पर भरोसा रखता है।


या मेरे साथ मेल करने को वे मेरी शरण लें, वे मेरे साथ मेल कर लें।


क्योंकि जो महान् और उत्तम और सदैव स्थिर रहता, और जिसका नाम पवित्र है, वह यों कहता है, “मैं ऊँचे पर और पवित्रस्थान में निवास करता हूँ, और उसके संग भी रहता हूँ, जो खेदित और नम्र है, कि नम्र लोगों के हृदय और खेदित लोगों के मन को हर्षित करूँ।


मैं मुँह के फल का सृजनहार हूँ; यहोवा ने कहा है, जो दूर और जो निकट हैं, दोनों को पूरी शान्ति मिले; और मैं उसको चंगा करूँगा।


परन्तु मैं ऊँचे शब्द से धन्यवाद करके तुझे बलिदान चढ़ाऊँगा; जो मन्नत मैं ने मानी, उसको पूरी करूँगा। उद्धार यहोवा ही से होता है!”


मैं तुम्हें शान्ति दिए जाता हूँ, अपनी शान्ति तुम्हें देता हूँ; जैसे संसार देता है, मैं तुम्हें नहीं देता : तुम्हारा मन व्याकुल न हो और न डरे।


मैं ने ये बातें तुम से इसलिये कहीं हैं कि तुम्हें मुझ में शान्ति मिले। संसार में तुम्हें क्लेश होता है, परन्तु ढाढ़स बाँधो, मैं ने संसार को जीत लिया है।”


इस कारण कि परमेश्‍वर को जानने पर भी उन्होंने परमेश्‍वर के योग्य बड़ाई और धन्यवाद न किया, परन्तु व्यर्थ विचार करने लगे, यहाँ तक कि उन का निर्बुद्धि मन अन्धेरा हो गया।


क्योंकि परमेश्‍वर का राज्य खाना–पीना नहीं, परन्तु धर्म और मेलमिलाप और वह आनन्द है जो पवित्र आत्मा से होता है।


परमेश्‍वर जो आशा का दाता है तुम्हें विश्‍वास करने में सब प्रकार के आनन्द और शान्ति से परिपूर्ण करे, कि पवित्र आत्मा की सामर्थ्य से तुम्हारी आशा बढ़ती जाए।


अत: जब हम विश्‍वास से धर्मी ठहरे, तो अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्‍वर के साथ मेल रखें,


इसलिये कि एक ही रोटी है तो हम भी जो बहुत हैं, एक देह हैं : क्योंकि हम सब उसी एक रोटी में भागी होते हैं।


परन्तु जो पुरुष विश्‍वास नहीं रखता, यदि वह अलग हो तो अलग होने दो, ऐसी दशा में कोई भाई या बहिन बन्धन में नहीं। परमेश्‍वर ने हमें मेलमिलाप के लिये बुलाया है।


क्योंकि सब वस्तुएँ तुम्हारे लिये हैं, ताकि अनुग्रह बहुतों के द्वारा अधिक होकर परमेश्‍वर की महिमा के लिये धन्यवाद भी बढ़ाए।


तुम हर बात में सब प्रकार की उदारता के लिये जो हमारे द्वारा परमेश्‍वर का धन्यवाद करवाती है, धनवान किए जाओ।


जिससे सारी देह, हर एक जोड़ की सहायता से एक साथ मिलकर और एक साथ गठकर, उस प्रभाव के अनुसार जो हर एक अंग के ठीक–ठीक कार्य करने के द्वारा उस में होता है, अपने आप को बढ़ाती है कि वह प्रेम में उन्नति करती जाए।


एक ही देह है, और एक ही आत्मा; जैसे तुम्हें जो बुलाए गए थे अपने बुलाए जाने से एक ही आशा है।


इसलिये प्रिय बालकों के समान परमेश्‍वर का अनुकरण करो,


और सदा सब बातों के लिये हमारे प्रभु यीशु मसीह के नाम से परमेश्‍वर पिता का धन्यवाद करते रहो।


और पिता का धन्यवाद करते रहो, जिसने हमें इस योग्य बनाया कि ज्योति में पवित्र लोगों के साथ मीरास में सहभागी हों।


और उसी में जड़ पकड़ते और बढ़ते जाओ; और जैसे तुम सिखाए गए वैसे ही विश्‍वास में दृढ़ होते जाओ, और अधिकाधिक धन्यवाद करते रहो।


वचन में या काम में जो कुछ भी करो सब प्रभु यीशु के नाम से करो, और उसके द्वारा परमेश्‍वर पिता का धन्यवाद करो।


हर बात में धन्यवाद करो; क्योंकि तुम्हारे लिये मसीह यीशु में परमेश्‍वर की यही इच्छा है।


अब मैं सबसे पहले यह आग्रह करता हूँ कि विनती, और प्रार्थना, और निवेदन, और धन्यवाद सब मनुष्यों के लिये किए जाएँ।


विश्‍वास की अच्छी कुश्ती लड़; और उस अनन्त जीवन को धर ले, जिसके लिये तू बुलाया गया और बहुत से गवाहों के सामने अच्छा अंगीकार किया था।


इसलिये हम उसके द्वारा स्तुतिरूपी बलिदान, अर्थात् उन होठों का फल जो उसके नाम का अंगीकार करते हैं, परमेश्‍वर को सर्वदा चढ़ाया करें।


“आमीन! हमारे परमेश्‍वर की स्तुति और महिमा और ज्ञान और धन्यवाद और आदर और सामर्थ्य और शक्‍ति युगानुयुग बनी रहें। आमीन!”


हमारे पर का पालन करें:

विज्ञापनों


विज्ञापनों