क्योंकि हम यह स्थान नष्ट करने पर हैं, इसलिये कि इसकी चिल्लाहट यहोवा के सम्मुख बढ़ गई है; और यहोवा ने हमें इसका सत्यानाश करने के लिये भेजा है।”
1 इतिहास 21:15 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) फिर परमेश्वर ने एक दूत यरूशलेम को भी उसका नाश करने को भेजा, और वह नाश करने ही पर था कि यहोवा दु:ख देने से खेदित हुआ, और नाश करनेवाले दूत से कहा, “बस कर; अब अपना हाथ खींच ले।” उस समय यहोवा का दूत यबूसी ओर्नान के खलिहान के पास खड़ा था। पवित्र बाइबल परमेश्वर ने एक स्वर्गदूत को यरूशलेम को नष्ट करने के लिए भेजा। किन्तु जब स्वर्गदूत ने यरूशलेम को नष्ट करना आरम्भ किया तो यहोवा ने देखा और उसे दुख हुआ। इसलिये यहोवा ने इस्राएल को नष्ट न करने का निर्णय किया। यहोवा ने उस दूत से, जो नष्ट कर रहा था कहा, “रुक जाओ! यही पर्याप्त है!” यहोवा का दूत उस समय यबूसी ओर्नान की खलिहान के पास खड़ा था। Hindi Holy Bible फिर परमेश्वर ने एक दूत यरूशलेम को भी उसे नाश करने को भेजा; और वह नाश करने ही पर था, कि यहोवा दु:ख देने से खेदित हुआ, और नाश करने वाले दूत से कहा, बस कर; अब अपना हाथ खींच ले। और यहोवा का दूत यबूसी ओर्नान के खलिहान के पास खड़ा था। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) परमेश्वर ने यरूशलेम नगर को नष्ट करने के लिए वहाँ दूत भेजा। जब दूत यरूशलेम को नष्ट करने वाला था तब प्रभु ने यह देखा। वह उनकी विपत्ति देखकर पछताया। उसने लोगों का संहार करने वाले दूत से कहा, ‘बस! यह पर्याप्त है। अपना हाथ रोक ले।’ उस समय प्रभु का दूत यबूसी जाति के ओर्नान नामक व्यक्ति के खलियान के पास खड़ा था। सरल हिन्दी बाइबल येरूशलेम के विनाश के लिए परमेश्वर ने एक स्वर्गदूत भेजा. मगर जब यह दूत येरूशलेम को नाश करने पर ही था, याहवेह ने इस पर दृष्टि की और महामारी देख वह दुःखी हो गए. उन्होंने उस विनाश करनेवाले स्वर्गदूत को आदेश दिया, “बहुत हुआ! आराम दो अपने हाथ को.” याहवेह का दूत यबूसी औरनन के खलिहान के पास खड़ा हुआ था. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 फिर परमेश्वर ने एक दूत यरूशलेम को भी उसका नाश करने को भेजा; और वह नाश करने ही पर था, कि यहोवा दुःख देने से खेदित हुआ, और नाश करनेवाले दूत से कहा, “बस कर; अब अपना हाथ खींच ले।” और यहोवा का दूत यबूसी ओर्नान के खलिहान के पास खड़ा था। |
क्योंकि हम यह स्थान नष्ट करने पर हैं, इसलिये कि इसकी चिल्लाहट यहोवा के सम्मुख बढ़ गई है; और यहोवा ने हमें इसका सत्यानाश करने के लिये भेजा है।”
परन्तु जब दूत ने यरूशलेम का नाश करने को उस पर अपना हाथ बढ़ाया, तब यहोवा वह विपत्ति डालकर शोकित हुआ, और प्रजा का नाश करनेवाले दूत से कहा, “बस कर; अब अपना हाथ खींच।” यहोवा का दूत उस समय अरौना नामक एक यबूसी के खलिहान के पास था।
उसी दिन गाद ने दाऊद के पास आकर उससे कहा, “जाकर अरौना यबूसी के खलिहान में यहोवा की एक वेदी बनवा।”
परन्तु वह स्वयं जंगल में एक दिन के मार्ग पर जाकर एक झाऊ के पेड़ के तले बैठ गया, वहाँ उसने यह कह कर अपनी मृत्यु माँगी, “हे यहोवा, बस है; अब मेरा प्राण ले ले, क्योंकि मैं अपने पुरखाओं से अच्छा नहीं हूँ।”
तब सुलैमान ने यरूशलेम में मोरिय्याह नामक पहाड़ पर उसी स्थान में यहोवा का भवन बनाना आरम्भ किया, जिसे उसके पिता दाऊद ने दर्शन पाकर यबूसी ओर्नान के खलिहान में तैयार किया था।
परन्तु वह जो दयालु है, वह उनके अधर्म को ढाँपता, और उन्हें नष्ट नहीं करता; वह बारबार अपने क्रोध को ठण्डा करता है, और अपनी जलजलाहट को पूरी रीति से भड़कने नहीं देता।
मेघों का गरजना और ओलों का बरसना तो बहुत हो गया; अब यहोवा से विनती करो; तब मैं तुम लोगों को जाने दूँगा, और तुम न रोके जाओगे।”
“यहूदा के राजा हिजकिय्याह के दिनों में मोरसेतवासी मीकायाह भविष्यद्वाणी कहता था, उसने यहूदा के सारे लोगों से कहा : ‘सेनाओं का यहोवा यों कहता है कि सिय्योन जोतकर खेत बनाया जाएगा और यरूशलेम खण्डहर हो जाएगा, और भवनवाला पर्वत जंगली स्थान हो जाएगा।’
तू ने क्यों यहोवा के नाम से यह भविष्यद्वाणी की कि ‘यह भवन शीलो के समान उजाड़ हो जाएगा, और यह नगर ऐसा उजड़ेगा कि उसमें कोई न रह जाएगा’?” इतना कहकर सब साधारण लोगों ने यहोवा के भवन में यिर्मयाह के विरुद्ध भीड़ लगाई।
मेरा जो स्थान शीलो में था, जहाँ मैं ने पहले अपने नाम का निवास ठहराया था, वहाँ जाकर देखो कि मैं ने अपनी प्रजा इस्राएल की बुराई के कारण उसकी क्या दशा कर दी है?
जब परमेश्वर ने उनके कामों को देखा, कि वे कुमार्ग से फिर रहे हैं, तब परमेश्वर ने अपनी इच्छा बदल दी, और उनकी जो हानि करने की ठानी थी, उसको न किया।
उसने यहोवा से यह कहकर प्रार्थना की, “हे यहोवा, जब मैं अपने देश में था, तब क्या मैं यही बात न कहता था? इसी कारण मैं ने तेरी आज्ञा सुनते ही तर्शीश को भाग जाने के लिये फुर्ती की; क्योंकि मैं जानता था कि तू अनुग्रहकारी और दयालु परमेश्वर है, और विलम्ब से कोप करनेवाला करुणानिधान है, और दु:ख देने से प्रसन्न नहीं होता।
फिर तीसरी बार आकर उनसे कहा, “अब सोते रहो और विश्राम करो, बस, घड़ी आ पहुँची; देखो मनुष्य का पुत्र पापियों के हाथ पकड़वाया जाता है।
और न तुम कुड़कुड़ाओ, जिस रीति से उनमें से कितने कुड़कुड़ाए और नष्ट करनेवाले के द्वारा नष्ट किए गए।
तब वे पराए देवताओं को अपने मध्य में से दूर करके यहोवा की उपासना करने लगे; और वह इस्राएलियों के कष्ट के कारण खेदित हुआ।
जब जब यहोवा उनके लिये न्यायी को ठहराता तब तब वह उस न्यायी के संग रहकर उसके जीवन भर उन्हें शत्रुओं के हाथ से छुड़ाता था; क्योंकि यहोवा उनका कराहना जो अन्धेर और उपद्रव करनेवालों के कारण होता था सुनकर दु:खी था।
“मैं शाऊल को राजा बना के पछताता हूँ; क्योंकि उसने मेरे पीछे चलना छोड़ दिया, और मेरी आज्ञाओं का पालन नहीं किया।” तब शमूएल का क्रोध भड़का; और वह रात भर यहोवा की दोहाई देता रहा।