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2 शमूएल 24:16 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

16 परन्तु जब दूत ने यरूशलेम का नाश करने को उस पर अपना हाथ बढ़ाया, तब यहोवा वह विपत्ति डालकर शोकित हुआ, और प्रजा का नाश करनेवाले दूत से कहा, “बस कर; अब अपना हाथ खींच।” यहोवा का दूत उस समय अरौना नामक एक यबूसी के खलिहान के पास था।

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पवित्र बाइबल

16 स्वर्गदूत ने अपनी भुजा यरूशलेम की ओर उसे नष्ट करने के लिये उठाई। किन्तु जो बुरी बातें हुई उनके लिये यहोवा बहुत दुःखी हुआ। यहोवा ने उस स्वर्गदूत से कहा जिसने लोगों को नष्ट किया, “बहुत हो चुका! अपनी भुजा नीचे करो।” यहोवा का स्वर्गदूत यबूसी अरौना के खलिहान के किनारे था।

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Hindi Holy Bible

16 परन्तु जब दूत ने यरूशलेम का नाश करने को उस पर अपना हाथ बढ़ाया, तब यहोवा वह विपत्ति डालकर शोकित हुआ, और प्रजा के नाश करने वाले दूत से कहा, बस कर; अब अपना हाथ खींच। और यहोवा का दूत उस समय अरौना नाम एक यबूसी के खलिहान के पास था।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

16 स्‍वर्गदूत ने यरूशलेम नगर के वासियों को नष्‍ट करने के लिए उसकी ओर हाथ उठाया। परन्‍तु उस क्षण ही प्रभु यह विपत्ति देखकर दु:खी हुआ। उसने लोगों का संहार करने वाले दूत से कहा, ‘बस! यह पर्याप्‍त है। अपना हाथ रोक ले।’ उस समय प्रभु का दूत यबूसी जाति के अरौनाह नामक व्यक्‍ति के खलियान के पास पहुँचा था।

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सरल हिन्दी बाइबल

16 जब विनाशक स्वर्गदूत ने येरूशलेम को ध्वस्त करने के उद्देश्य से उसकी ओर हाथ बढ़ाया, याहवेह ने विनाश का विचार त्याग दिया. उन्होंने उस स्वर्गदूत को, जो मनुष्यों को मार रहा था, कहा, “बस करो अब! अपना हाथ रोक दो!” इस समय स्वर्गदूत यबूसी औरनन के खलिहान के निकट था.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

16 परन्तु जब दूत ने यरूशलेम का नाश करने को उस पर अपना हाथ बढ़ाया, तब यहोवा वह विपत्ति डालकर शोकित हुआ, और प्रजा के नाश करनेवाले दूत से कहा, “बस कर; अब अपना हाथ खींच।” यहोवा का दूत उस समय अरौना नामक एक यबूसी के खलिहान के पास था।

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2 शमूएल 24:16
37 क्रॉस रेफरेंस  

यबूसी, एमोरी, गिर्गाशी,


और यहोवा पृथ्वी पर मनुष्य को बनाने से पछताया, और वह मन में अति खेदित हुआ।


उसी दिन गाद ने दाऊद के पास आकर उससे कहा, “जाकर अरौना यबूसी के खलिहान में यहोवा की एक वेदी बनवा।”


उस दिन दाऊद ने कहा, “जो कोई यबूसियों को मारना चाहे, उसे चाहिये कि नाले से होकर चढ़े, और अन्धे और लँगड़े जिन से दाऊद मन से घिन करता है उन्हें मारे।” इससे यह कहावत चली, “अन्धे और लँगड़े भवन में आने न पाएँगे।”


परन्तु वह स्वयं जंगल में एक दिन के मार्ग पर जाकर एक झाऊ के पेड़ के तले बैठ गया, वहाँ उसने यह कह कर अपनी मृत्यु माँगी, “हे यहोवा, बस है; अब मेरा प्राण ले ले, क्योंकि मैं अपने पुरखाओं से अच्छा नहीं हूँ।”


उसी रात में क्या हुआ कि यहोवा के दूत ने निकलकर अश्शूरियों की छावनी में एक लाख पचासी हज़ार पुरुषों को मारा, और भोर को जब लोग उठे, तब देखा, कि शव ही शव पड़े हैं।


और यबूसी, एमोरी, गिर्गाशी,


तब सुलैमान ने यरूशलेम में मोरिय्याह नामक पहाड़ पर उसी स्थान में यहोवा का भवन बनाना आरम्भ किया, जिसे उसके पिता दाऊद ने दर्शन पाकर यबूसी ओर्नान के खलिहान में तैयार किया था।


तब यहोवा ने एक दूत भेज दिया, जिसने अश्शूर के राजा की छावनी में सब शूरवीरों, प्रधानों और सेनापतियों को नष्‍ट किया। अत: वह लज्जित होकर अपने देश को लौट गया। जब वह अपने देवता के भवन में था, तब उसके निज पुत्रों ने वहीं उसे तलवार से मार डाला।


यहोवा तो अपनी प्रजा का न्याय चुकाएगा, और अपने दासों की दुर्दशा देखकर तरस खाएगा।


उनका मार्ग अन्धियारा और फिसलन भरा हो, और यहोवा का दूत उनको खदेड़ता जाए।


परन्तु वह जो दयालु है, वह उनके अधर्म को ढाँपता, और उन्हें नष्‍ट नहीं करता; वह बारबार अपने क्रोध को ठण्डा करता है, और अपनी जलजलाहट को पूरी रीति से भड़कने नहीं देता।


हे यहोवा, लौट आ! कब तक? और अपने दासों पर तरख खा!


और जिन घरों में तुम रहोगे उन पर वह लहू तुम्हारे लिए चिह्न ठहरेगा; अर्थात् मैं उस लहू को देखकर तुम को छोड़ जाऊँगा, और जब मैं मिस्र देश के लोगों को मारूँगा, तब वह विपत्ति तुम पर न पड़ेगी और तुम नष्‍ट न होगे।


क्योंकि यहोवा देश के बीच होकर मिस्रियों को मारता जाएगा; इसलिये जहाँ जहाँ वह चौखट के सिरे, और दोनों अलंगों पर उस लहू को देखेगा, वहाँ वहाँ वह उस द्वार को छोड़ जाएगा, और नाश करनेवाले को तुम्हारे घरों में मारने के लिये न जाने देगा।


तब यहोवा अपनी प्रजा की हानि करने से जो उसने कहा था पछताया।


मेघों का गरजना और ओलों का बरसना तो बहुत हो गया; अब यहोवा से विनती करो; तब मैं तुम लोगों को जाने दूँगा, और तुम न रोके जाओगे।”


जब तू ने उसे निकाला, तब सोच–विचार कर उसको दु:ख दिया : उसने पुरवाई के दिन उसको प्रचण्ड वायु से उड़ा दिया है।


मैं सदा मुक़द्दमा न लड़ता रहूँगा, न सर्वदा क्रोधित रहूँगा, क्योंकि आत्मा मेरे बनाए हुए हैं और जीव मेरे सामने मूर्च्छित हो जाते हैं।


क्या यहूदा के राजा हिजकिय्याह ने या किसी यहूदी ने उसको कहीं मरवा डाला? क्या उस राजा ने यहोवा का भय न माना और उससे विनती न की? तब यहोवा ने जो विपत्ति उन पर डालने के लिये कहा था, उसके विषय क्या वह न पछताया? ऐसा करके हम अपने प्राणों की बड़ी हानि करेंगे।”


यदि तुम इसी देश में रह जाओ, तब तो मैं तुम को नष्‍ट नहीं करूँगा वरन् बनाए रखूँगा; और तुम्हें न उखाड़ूँगा, वरन् रोपे रखूँगा; क्योंकि तुम्हारी जो हानि मैं ने की है उससे मैं पछताता हूँ।


इसके विषय में यहोवा पछताया, और उसने कहा, “ऐसी बात अब न होगी।”


इसके विषय में भी यहोवा पछताया; और परमेश्‍वर यहोवा ने कहा, “ऐसी बात फिर न होगी।”


हे यहोवा, मैं तेरी कीर्ति सुनकर डर गया। हे यहोवा, वर्तमान युग में अपने काम को पूरा कर; इसी युग में तू उसको प्रगट कर; क्रोध करते हुए भी दया करना स्मरण कर।


मैं उसके मुँह में से आहेर का लहू और घिनौनी वस्तुएँ निकाल दूँगा, तब उन में से जो बचा रहेगा, वह हमारे परमेश्‍वर का जन होगा, और यहूदा में अधिपति सा होगा; और एक्रोन के लोग यबूसियों के समान बनेंगे।


फिर तीसरी बार आकर उनसे कहा, “अब सोते रहो और विश्राम करो, बस, घड़ी आ पहुँची; देखो मनुष्य का पुत्र पापियों के हाथ पकड़वाया जाता है।


उसी क्षण प्रभु के एक स्वर्गदूत ने तुरन्त उसे मारा, क्योंकि उसने परमेश्‍वर को महिमा न दी; और वह कीड़े पड़के मर गया।


और न तुम कुड़कुड़ाओ, जिस रीति से उनमें से कितने कुड़कुड़ाए और नष्‍ट करनेवाले के द्वारा नष्‍ट किए गए।


ऐसे जन के लिये यह दण्ड जो भाइयों में से बहुतों ने दिया, बहुत है।


यरूशलेम के निवासी यबूसियों को यहूदी न निकाल सके; इसलिये आज के दिन तक यबूसी यहूदियों के संग यरूशलेम में रहते हैं।


और यरूशलेम में रहनेवाले यबूसियों को बिन्यामीनियों ने न निकाला; इसलिये यबूसी आज के दिन तक यरूशलेम में बिन्यामीनियों के संग रहते हैं।


वे यबूस के पास थे, और दिन बहुत ढल गया था कि सेवक ने अपने स्वामी से कहा, “आ, हम यबूसियों के इस नगर में मुड़कर टिकें।”


“मैं शाऊल को राजा बना के पछताता हूँ; क्योंकि उसने मेरे पीछे चलना छोड़ दिया, और मेरी आज्ञाओं का पालन नहीं किया।” तब शमूएल का क्रोध भड़का; और वह रात भर यहोवा की दोहाई देता रहा।


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