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सभोपदेशक 8:6 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

प्रत्‍येक बात का उपयुक्‍त समय और उसकी उपयुक्‍त कार्य-विधि होती है, यद्यपि मनुष्‍य की बुराई उसके लिए बहुत भारी पड़ती है।

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पवित्र बाइबल

उचित कार्य करने का किसी व्यक्ति के लिये एक ठीक समय होता है और एक ठीक प्रकार। प्रत्येक व्यक्ति को एक अवसर लेना चाहिये उसे निश्चित करना चाहिये कि उसे क्या करना है? और फिर अनेक विपत्तियों के होने पर भी उसे वह करना चाहिये।

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Hindi Holy Bible

क्योंकि हर एक विषय का समय और नियम होता है, यद्यिप मनुष्य का दु:ख उसके लिये बहुत भारी होता है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

क्योंकि हर एक विषय का समय और नियम होता है, यद्यपि मनुष्य का दु:ख उसके लिये बहुत भारी होता है।

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नवीन हिंदी बाइबल

प्रत्येक कार्य का उपयुक्‍त समय और नियम होता है, यद्यपि मनुष्य का दुःख उसके लिए बहुत भारी होता है।

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सरल हिन्दी बाइबल

क्योंकि हर एक खुशी के लिए सही समय और तरीका होता है, फिर भी एक व्यक्ति पर भारी संकट आ ही जाता है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

क्योंकि हर एक विषय का समय और नियम होता है, यद्यपि मनुष्य का दुःख उसके लिये बहुत भारी होता है।

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सभोपदेशक 8:6
14 क्रॉस रेफरेंस  

‘प्रभु, तूने ये बातें अपने हृदय में छिपाकर रखी हैं; मैं जानता हूं, तेरा यही उद्देश्‍य था।


जिससे वह मनुष्‍य को उसके कुमार्ग से लौटा लाए और उसको अहंकार के जाल से मुक्‍त करे।


‘परमेश्‍वर मनुष्‍य को रोगी बनाता और यों उसको ताड़ना देता है; और मनुष्‍य शय्‍या पर दु:ख से तड़पता है। उसकी हड्डियों में पीड़ा निरन्‍तर बनी रहती है।


ओ जवान, अपनी जवानी भर आनन्‍द मना, अपनी जवानी के दिनों में अपना हृदय आनन्‍द से भर ले। जिस मार्ग पर तेरा दिल तुझे ले जाए, जो मार्ग तेरी आंखों में उचित लगे, उस पर चल। किन्‍तु यह बात जान ले, तेरे सब कामों के विषय में स्‍पष्‍टीकरण के लिए परमेश्‍वर तुझे कटघरे में खड़ा करेगा।


हर एक बात का उपयुक्‍त अवसर, और आकाश के नीचे पृथ्‍वी पर किए जानेवाले काम का निर्धारित समय होता है:


वस्‍तुत: परमेश्‍वर ने हर एक काम का समय निश्‍चित किया है, और प्रत्‍येक काम अथवा प्रत्‍येक वस्‍तु अपने नियत समय पर ही सुन्‍दर लगती है। उसने मनुष्‍य के हृदय में अनादि-अनन्‍त काल का ज्ञान भरा है, फिर भी मनुष्‍य यह भेद जान नहीं पाता है कि परमेश्‍वर ने आदि से अन्‍त तक क्‍या कार्य किया है।


मैंने अपने हृदय में कहा, “परमेश्‍वर ने प्रत्‍येक बात और हर एक कार्य का समय निश्‍चित कर रखा है; अत: वह धार्मिक मनुष्‍य और दुर्जन दोनों का न्‍याय करेगा।”


जब घर का स्‍वामी उठ कर द्वार बन्‍द कर चुका होगा, तो तुम बाहर रह कर द्वार खटखटाओगे और कहोगे, ‘प्रभु! हमारे लिए खोल दीजिए’। वह तुम्‍हें उत्तर देगा, ‘मैं नहीं जानता कि तुम कहाँ से आए हो।’