यदि परमेश्वर सामने से गुजर कर किसी को बन्दी बना ले, और न्याय के लिए अदालत में बुलाए तो उसको कौन रोक सकता है?
सभोपदेशक 7:13 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) परमेश्वर के कार्यों पर विचार करो: जिसको परमेश्वर ने टेढ़ा बनाया है, उसे कौन सीधा कर सकता है? पवित्र बाइबल परमेश्वर की रचना को देखो। देखो तुम एक बात भी बदल नहीं सकते। चाहे तुम यही क्यों न सोचो कि वह गलत है। Hindi Holy Bible परमेश्वर के काम पर दृष्टि कर; जिस वस्तु को उसने टेढ़ा किया हो उसे कौन सीधा कर सकता है? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) परमेश्वर के काम पर दृष्टि कर; जिस वस्तु को उसने टेढ़ा किया हो उसे कौन सीधा कर सकता है? नवीन हिंदी बाइबल परमेश्वर के कार्य पर विचार कर : जिस वस्तु को उसने टेढ़ा किया हो उसे कौन सीधा कर सकता है? सरल हिन्दी बाइबल परमेश्वर के कामों पर मनन करो: क्योंकि वह ही इसके योग्य हैं कि टेढ़े को सीधा कर सकें. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परमेश्वर के काम पर दृष्टि कर; जिस वस्तु को उसने टेढ़ा किया हो उसे कौन सीधा कर सकता है? |
यदि परमेश्वर सामने से गुजर कर किसी को बन्दी बना ले, और न्याय के लिए अदालत में बुलाए तो उसको कौन रोक सकता है?
यदि वह किसी नगर को ध्वस्त कर दे तो कोई भी उसका पुनर्निर्माण नहीं कर सकता। यदि वह किसी को बन्द कर दे तो कौन उसको खोल सकता है?
यदि परमेश्वर चुप रहता है तो उसको कौन दोषी ठहरा सकता है? जब वह अपना मुख छिपा लेता है तब कौन उसका दर्शन पा सकता है, वह चाहे कोई राष्ट्र हो अथवा मनुष्य?
‘ओ अय्यूब, मेरी बात सुनो; चुपचाप खड़े रहो, और परमेश्वर के आश्चर्यपूर्ण कार्यों पर विचार करो।
यदि वह किसी से कुछ छीन ले तो कौन उसको रोक सकेगा? कौन उससे उत्तर मांग सकता है? कि यह तू क्या कर रहा है?
जब मैं देखता हूं तेरे आकाश को, जो तेरा हस्त-शिल्प है, चंद्रमा एवं नक्षत्रों को जिन्हें तूने स्थापित किया है,
वस्तुत: परमेश्वर ने हर एक काम का समय निश्चित किया है, और प्रत्येक काम अथवा प्रत्येक वस्तु अपने नियत समय पर ही सुन्दर लगती है। उसने मनुष्य के हृदय में अनादि-अनन्त काल का ज्ञान भरा है, फिर भी मनुष्य यह भेद जान नहीं पाता है कि परमेश्वर ने आदि से अन्त तक क्या कार्य किया है।
तब मुझे अनुभव हुआ कि परमेश्वर का समस्त कार्य, जो सूर्य के नीचे इस धरती पर होता है, चाहे मनुष्य उसका भेद जानने के लिए कितना ही परिश्रम क्यों न करे, वह उसका पता नहीं लगा सकता। यदि कोई बुद्धिमान मनुष्य उसको जानने का दावा करे तो भी वह उसका पता नहीं लगा सकता।
जब सेनाओं के प्रभु ने यह निश्चय किया है तो उसके निश्चय को कौन बदल सकता है? जब उसने अपना हाथ बढ़ा दिया है तो कौन उसे मोड़ सकता है?
मैं ही परमेश्वर हूं, और भविष्य में भी मैं ही “वह” रहूंगा। मेरे हाथ से मुक्त करनेवाला कोई नहीं है। जो कार्य मैं सम्पन्न करता हूं, उसे कोई मिटा नहीं सकता।’
तुम्हारे भोजन-उत्सव में सितार, सारंगी, डफ, बांसुरी बजाये जाते हैं, और शराब का दौर चलता है। पर तुम प्रभु के कार्यों पर ध्यान नहीं देते, और न ही उसकी कृतियों पर तुम्हारी दृष्टि जाती है।
पृथ्वी के समस्त निवासी उसके सम्मुख नगण्य हैं; वह स्वर्ग की सेना में, पृथ्वी के प्राणियों के मध्य, अपनी इच्छा के अनुसार कार्य करता है। कोई उसका हाथ रोक नहीं सकता, और न प्रश्न पूछने का साहस कर सकता है, कि “तूने यह क्या किया?’ ”
उसने मूसा से कहा, “मैं जिस पर दया करना चाहूँगा, उसी पर दया करूँगा और जिस पर तरस खाना चाहूँगा, उसी पर तरस खाऊंगा।”
तुम मुझ से कहोगे, “तो, परमेश्वर मनुष्य को क्यों दोष देता है? परमेश्वर की इच्छा का विरोध कौन कर सकता है?”
परमेश्वर सब बातों में अपने मन की योजना पूरी करता है। अपने उद्देश्य के अनुसार उसने निर्धारित किया कि हम मसीह में विरासत प्राप्त करें और हम लोगों के कारण उसकी महिमा की स्तुति हो। हम लोगों ने तो सब से पहले मसीह पर भरोसा रखा था।