यदि तुम मेरे स्थान पर होते तो मैं भी तुम्हारी तरह बातें करता। मैं तुम्हारे विरुद्ध शब्द गढ़ता, और तुम पर सिर हिलाता।
सभोपदेशक 4:1 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तब मैंने पुनर्विचार किया कि सूर्य के नीचे धरती पर कितना अत्याचार होता है। जिन पर अत्याचार होता है, वे आंसू बहाते हैं, पर उनके आंसू पोंछनेवाला कोई नहीं है। अत्याचार करनेवालों के पास शक्ति थी, किन्तु आंसू बहानेवालों के पास उन्हें सान्त्वना देनेवाला भी नहीं था। पवित्र बाइबल मैंने फिर यह भी देखा है कि कुछ लोगों के साथ बुरा व्यवहार किया जाता है। मैंने उनके आँसू देखे हैं और फिर यह भी देखा है कि उन दुःखी लोगों को ढाढ़स बँधाने वाला भी कोई नहीं है। मैंने देखा है कि कठोर लोगों के पास समूची शक्ति है और ये लोग जिन लोगों को क्षति पहुँचाते हैं उन्हें ढाढ़स बँधाने वाला भी कोई नहीं है। Hindi Holy Bible तब मैं ने वह सब अन्धेर देखा जो संसार में होता है। और क्या देखा, कि अन्धेर सहने वालों के आंसू बह रहे हैं, और उन को कोई शान्ति देने वाला नहीं! अन्धेर करने वालों के हाथ में शक्ति थी, परन्तु उन को कोई शान्ति देने वाला नहीं था। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब मैं ने वह सब अन्धेर देखा जो संसार में होता है। और क्या देखा, कि अन्धेर सहनेवालों के आँसू बह रहे हैं, और उनको कोई शान्ति देनेवाला नहीं! अन्धेर करनेवालों के हाथ में शक्ति थी, परन्तु उनको कोई शान्ति देनेवाला नहीं था। नवीन हिंदी बाइबल तब मैंने संसार में होनेवाले सब अंधेर के कामों को भी देखा, और क्या पाया कि अंधेर सहनेवालों के आँसू बह रहे हैं, और उन्हें सांत्वना देनेवाला कोई नहीं है। अंधेर करनेवालों के हाथ में शक्ति है, परंतु अंधेर सहनेवालों को कोई सांत्वना नहीं देता। सरल हिन्दी बाइबल धरती पर किए जा रहे अत्याचार को देखकर मैंने दोबारा सोचा: मैंने अत्याचार सहने वाले व्यक्तियों के आंसुओं को देखा और यह भी कि उन्हें शांति देने के लिए कोई भी नहीं है; अत्याचारियों के पास तो उनका अधिकार था, मगर अत्याचार सहने वालों के पास शांति देने के लिए कोई भी न था. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब मैंने वह सब अंधेर देखा जो सूर्य के नीचे होता है। और क्या देखा, कि अंधेर सहनेवालों के आँसू बह रहे हैं, और उनको कोई शान्ति देनेवाला नहीं! अंधेर करनेवालों के हाथ में शक्ति थी, परन्तु उनको कोई शान्ति देनेवाला नहीं था। |
यदि तुम मेरे स्थान पर होते तो मैं भी तुम्हारी तरह बातें करता। मैं तुम्हारे विरुद्ध शब्द गढ़ता, और तुम पर सिर हिलाता।
‘अत्याचार बढ़ जाने पर मनुष्य दुहाई देते हैं, वे बलवान के बाहुबल के कारण सहायता के लिए पुकारते हैं।
सच्चाई की ओर लौटो, और विचार करो, जिससे मेरे साथ अन्याय न हो। कृपया पुन: सच्चाई से सोचो, मैंने अपने पक्ष में जो कहा है, वह सच है।
परमेश्वर ने यह पृथ्वी दुर्जनों के हाथ में सौंप दी है; उसने न्यायाधीशों की आंखों पर पट्टी बांध दी है ताकि वे न्याय और अन्याय को न पहचान सकें! यदि वह नहीं तो फिर कौन यह कार्य करता है?
प्रभु यह कहता है, “पीड़ित लुट गए, दरिद्र विलाप करते हैं। इस कारण अब मैं उठूंगा; मैं उसे सुरक्षित रखूंगा, जो सुरक्षा चाहता है।”
मैं दाहिनी ओर दृष्टि करता हूं और यह देखता हूं कि मुझे पहचाननेवाला कोई नहीं है। मेरे लिए शरण-स्थल भी नहीं रहा; मेरी चिन्ता करनेवाला कोई नहीं है।
हे प्रभु, मैं तेरी दुहाई देता हूं, मैं यह कहता हूं, तू ही मेरा शरण-स्थल है, तू ही जीव-लोक में मेरा सर्वस्व है।
रात और दिन मेरे आंसू ही मेरा आहार रहे हैं। लोग निरन्तर मुझसे पूछते हैं, “कहां है तेरा परमेश्वर?”
मैं अपने परमेश्वर, अपनी चट्टान से यह पूछता हूँ: “तू ने मुझे क्यों भुला दिया? क्यों मैं शत्रु के अत्याचार के कारण शोक-संतप्त मारा-मारा फिरता हूँ?”
निन्दा ने मेरे हृदय को विदीर्ण कर दिया है; मैं अत्यन्त निराश हूँ। मैंने सहानुभूति की आशा की, पर वह न मिली; मैंने सान्त्वना देने वालों की प्रतीक्षा की, पर वह न मिली;
उन्होंने खाने के लिए मुझे विष दिया; मेरी प्यास बुझाने के लिए मुझे पीने को सिरका दिया।
‘जब तुम इब्रानी स्त्रियों का प्रसव करवाने जाओ और उन्हें प्रसव-शिला पर देखो तब यदि लड़के का जन्म हुआ हो, तो उसे मार डालना; किन्तु यदि लड़की हो तो उसे जीवित रहने देना।’
फरओ ने अपनी समस्त प्रजा को आदेश दिया, ‘तुम इब्रानियों से उत्पन्न सब लड़कों को नील नदी में फेंक देना, किन्तु लड़कियों को जीवित रहने देना।’
जब गरीब मनुष्य के भाई ही उससे घृणा करते हैं, तब आश्चर्य नहीं, उसके मित्र उससे दूर हो जाएं। वह बातचीत के द्वारा उनको मनाता है, पर वह उनकी मित्रता नहीं पाता।
जब एक गरीब मनुष्य दूसरे गरीब मनुष्य पर अत्याचार करता है, तब उसका यह कार्य मानो घनघोर वर्षा से फसल का सर्वनाश होना है।
जब धार्मिक मनुष्य शासन करते हैं तब जनता आनन्द मनाती है; किन्तु जब दुर्जन सत्ता हथिया लेते हैं, तब जनता शोक मनाती है।
मैंने सूर्य के नीचे धरती पर यह भी देखा: न्याय के स्थान पर अन्याय हो रहा है, धार्मिकता के स्थान पर अधर्म हो रहा है।
यदि तुम किसी प्रदेश में गरीबों पर अत्याचार होते देखो, यदि तुम वहाँ न्याय और धर्म का गला घोंटा जाता हुआ देखो, तो आश्चर्य मत करना; क्योंकि एक अधिकारी के ऊपर उससे बड़ा अधिकारी होता है और उससे भी ऊपर उच्च अधिकारी होता है।
निस्सन्देह अत्याचार की कमाई से बुद्धिमान भी मूर्ख बन जाता है, घूस लेने से बुद्धि नष्ट हो जाती है।
जब मैंने सूर्य के नीचे धरती पर होनेवाली बातों पर गम्भीरतापूर्वक अपना मन लगाया, तब मैंने यह देखा: जब एक मनुष्य दूसरे मनुष्य पर प्रभुत्व जमाता है तब वह स्वयं का अनिष्ट करता है।
स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु का यह अंगूर-उद्यान इस्राएल वंश है। यहूदा प्रदेश के निवासी प्रभु के सुन्दर पौधे हैं। प्रभु ने उनसे न्याय की आशा की, पर उसे देखने को मिला: रक्त पात। प्रभु ने उनसे धार्मिकता की आशा की, पर उसे सुनने को मिला: गरीबों का करुण- क्रंदन!
पर मैं यह प्याला उन लोगों के हाथ में दूंगा जिन्होंने तुझे दु:ख दिया है, जिन्होंने तुझसे कहा था, “भूमि पर लेट, हम तेरे ऊपर से जाएंगे।” तूने अपनी पीठ को मैदान बना दिया था, कि वे तुझ पर से गुजर सकें! तू उनके लिए मार्ग बन गई थी।’
उनके पैर बुराई की ओर दौड़ते हैं, वे निर्दोष व्यक्ति का रक्त बहाने को भागकर जाते हैं। उनके विचार अधर्म के विचार हैं, उनकी योजनाएं केवल हिंसा और विनाश के लिए हैं।
मृतक के लिए शोक मनानेवाले को रोटी खिलानेवाला भी कोई नहीं मिलेगा कि उसको सांत्वना मिले! माता अथवा पिता की मृत्यु के अवसर पर उसके पुत्र को सांत्वना देने के लिए कोई भी मनुष्य प्याले में उसको अंगूर-रस नहीं पिलाएगा।
‘मैं इन बातों के कारण रोती हूं; मेरी आंखों से आंसू की धारा बहती है। वह मुझमें साहस फूंकता था, वह मुझसे दूर चला गया है। मेरे बच्चे बेघर हो गए हैं; क्योंकि शत्रु मुझ पर प्रबल हुआ है।’
सियोन हाथ फैलाकर प्रार्थना कर रही है; पर उसे सांत्वना देनेवाला कोई नहीं है। प्रभु ने याकूब के विरुद्ध उसके पड़ोसी राष्ट्रों को आदेश दिया कि वे उसके बैरी बन जाएं। अत: उनके मध्य में यरूशलेम एक घृणित नगरी बन गई।
वह रात में फूट-फूटकर रोती है। उसके गालों पर आंसू बहते हैं। उसके अनेक चाहनेवाले थे, पर अब उनमें से एक भी उसको सांत्वना नहीं देता, उसके मित्रों ने उसके साथ विश्वासघात किया। वे उसके शत्रु बन गए।
उसकी अशुद्धता उसके कपड़ों पर लिपटी है। उसने अपने अंत का विचार भी न किया। अत: वह विस्मित ढंग से पतन के गड्ढे में गिर पड़ी! उसे सांत्वना देनेवाला भी कोई नहीं है। ‘हे प्रभु, मेरे कष्टों को देख; क्योंकि शत्रु मुझ पर प्रबल हो गया!’
प्रभु का यह कथन है: ‘वे सद्आचरण करना जानते ही नहीं। उन्होंने अपने गढ़ों में केवल हिंसा और लूट एकत्र की है।’
असीरिया देश के गढ़ों में, मिस्र देश के किलों में यह घोषणा सुनाओ: ‘सामरी पहाड़ियों पर एकत्र हो, और वहाँ से सामरी राज्य के भीतर अशान्ति का नजारा देखो, अत्याचार और दमन के दृश्य देखो।’
ओ पुरोहितो, तुम यह कार्य भी करते हो: तुम रोते हो, कराहते हो और अपने आंसुओं से प्रभु की वेदी को भिगोते हो; क्योंकि प्रभु तुम्हारे आंसुओं पर ध्यान नहीं देता, तुम्हारे हाथ से भेंट को स्वीकार नहीं करता और तुम पर कृपा नहीं करता।
तुम धार्मिक और अधार्मिक में पुन: भेद पहचानोगे; तुम जानोगे कि कौन व्यक्ति मुझ-परमेश्वर की सेवा करता है, और कौन व्यक्ति मेरी सेवा नहीं करता।’
स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है, ‘तब मैं अदालत में तुम्हारे सम्मुख उपस्थित होऊंगा। मैं इन सब लोगों के विरुद्ध तुरन्त साक्षी दूंगा: झाड़-फूंक करनेवाले ओझा, व्यभिचारी, झूठी शपथ खानेवाले, मजदूर की मजदूरी दबानेवाले, विधवाओं और अनाथों पर अत्याचार करनेवाले, प्रवासी के अधिकारों को छीननेवाले और मुझसे न डरनेवाले।
यह सब इसलिए हुआ कि नबियों के ग्रन्थों में जो लिखा है, वह पूरा हो जाए।” तब सब शिष्य येशु को छोड़कर भाग गये।
ऐसे लोग जिन्हें तू नहीं जानता है, तेरी भूमि की उपज, तेरे परिश्रम का फल खाएँगे। तुझ पर निरन्तर दमन होता रहेगा, तू कुचला जाता रहेगा।
इसलिए तू भूखा, प्यासा, नंगा रहकर, हर प्रकार के अभाव में अपने शत्रुओं की सेवा करेगा, जिन्हें प्रभु तेरे विरुद्ध भेजेगा। जब तक वह तुझे नष्ट नहीं कर देगा, तब तक तेरी गर्दन पर लोहे का जुआ रखा रहेगा।
मजदूरों ने तुम्हारे खेतों की फसल लुनी और तुमने उन्हें मजदूरी नहीं दी। वह मजदूरी पुकार रही है और लुनने वालों की दुहाई स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु के कानों तक पहुँच गयी है।
उसके पास लोहे के नौ सौ रथ थे। उसने बीस वर्ष तक निर्दयतापूर्वक इस्राएलियों पर अत्याचार किया। तब इस्राएलियों ने प्रभु की दुहाई दी।