इसलिए मैं तेरे निवेदन के अनुसार कार्य करूंगा। देख, मैं तुझे बुद्धि और विवेक से परिपूर्ण हृदय प्रदान करता हूं। तुझसे पहले और तेरे बाद तेरे समान बुद्धिमान राजा कोई नहीं होगा।
सभोपदेशक 2:15 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैंने अपने हृदय में कहा, “जो दशा मूर्ख की होती है, वही मेरी भी होगी। फिर मैं इतना बुद्धिमान क्यों हुआ?” अत: मैंने अपने हृदय में कहा, “मूर्ख होना, अथवा बुद्धिमान होना भी व्यर्थ है।” पवित्र बाइबल अपने मन में मैंने सोचा, “किसी मूर्ख व्यक्ति के साथ जो घटता है वह मेरे साथ भी घटेगा सो इतना बुद्धिमान बनने के लिये इतना कठिन परिश्रम मैंने क्यों किया?” अपने आपसे मैंने कहा, “बुद्धिमान बनना भी बेकार है।” Hindi Holy Bible तब मैं ने मन में कहा, जैसी मूर्ख की दशा होगी, वैसी ही मेरी भी होगी; फिर मैं क्यों अधिक बुद्धिमान हुआ? और मैं ने मन में कहा, यह भी व्यर्थ ही है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब मैं ने मन में कहा, “जैसी मूर्ख की दशा होगी, वैसी ही मेरी भी होगी; फिर मैं क्यों अधिक बुद्धिमान हुआ?” और मैं ने मन में कहा कि यह भी व्यर्थ ही है। नवीन हिंदी बाइबल तब मैंने अपने मन में कहा, “जैसा मूर्ख का अंत होगा, वैसा मेरा भी होगा; फिर मेरे बुद्धिमान होने का क्या लाभ?” अतः मैंने अपने मन में कहा, “यह भी व्यर्थ है।” सरल हिन्दी बाइबल मैंने मन में विचार किया, जो दशा मूर्ख की है वही मेरी भी होगी. तो मैं अधिक बुद्धिमान क्यों रहा? “मैंने स्वयं को याद दिलाया, यह भी बेकार ही है.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब मैंने मन में कहा, “जैसी मूर्ख की दशा होगी, वैसी ही मेरी भी होगी; फिर मैं क्यों अधिक बुद्धिमान हुआ?” और मैंने मन में कहा, यह भी व्यर्थ ही है। |
इसलिए मैं तेरे निवेदन के अनुसार कार्य करूंगा। देख, मैं तुझे बुद्धि और विवेक से परिपूर्ण हृदय प्रदान करता हूं। तुझसे पहले और तेरे बाद तेरे समान बुद्धिमान राजा कोई नहीं होगा।
जो कुछ सूर्य के नीचे धरती पर होता है, वह सब मैंने देखा है। मुझे अनुभव हुआ कि यह सब निस्सार है− यह मानो हवा को पकड़ना है।
मैंने अपने हृदय से कहा, ‘देख, तूने बहुत ज्ञान प्राप्त कर लिया है, इतना कि तेरा ज्ञान उन सब राजाओं से बढ़ गया, जो तुझसे पहले यरूशलेम में हुए थे। तुझे बहुत बुद्धि और ज्ञान का अनुभव हो चुका है।”
सभा-उपदेशक यह कहता है: सब व्यर्थ है, सब निस्सार है। निस्सन्देह सब व्यर्थ है, सब निस्सार है; सब कुछ व्यर्थ है!
क्योंकि जैसे मूर्ख की स्मृति स्थायी नहीं होती वैसे ही बुद्धिमान की भी स्मृति स्थायी नहीं होती। कुछ ही दिनों में लोग सब भूल जाते हैं। जैसे मूर्ख मरता है वैसे ही बुद्धिमान भी।
जीवन के विषय में जितना विचार करो, उतना ही वह निस्सार लगता है, तो ऐसे जीवन से मनुष्य को क्या लाभ?
अत: बुद्धिमान व्यक्ति किस बात में मूर्ख मनुष्य से श्रेष्ठ हुआ? गरीब मनुष्य, जो यह जानता है कि जीवन में कैसा आचरण करना चाहिए, उससे किस बात में श्रेष्ठ सिद्ध हुआ?