फिर उसने उनसे कहा, ‘अब जाओ, अच्छे से अच्छा भोजन खाओ, और मधु तथा मीठा रस पीओ। उन गरीबों को भोजन खिलाओ, जिनके घर में चूल्हा भी नहीं जलता है, क्योंकि आज का दिन हमारे प्रभु के लिए पवित्र है। उदास मत हो; क्योंकि प्रभु का आनन्द तुम्हारी शक्ति है।’
सभोपदेशक 11:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) सात, नहीं आठ व्यक्तियों को भाग दो, क्योंकि तू नहीं जानता, कि इस पृथ्वी में कब तुझपर विपत्ति आ पड़े। पवित्र बाइबल जो कुछ तुम्हारे पास है उसका कुछ भाग सात आठ लोगों को दे दो। तुम जान ही नहीं सकते कि इस धरती पर कब क्या बुरा घट जाए? Hindi Holy Bible सात वरन आठ जनों को भी भाग दे, क्योंकि तू नहीं जानता कि पृथ्वी पर क्या विपत्ति आ पकेगी। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) सात वरन् आठ जनों को भी भाग दे, क्योंकि तू नहीं जानता कि पृथ्वी पर क्या विपत्ति आ पड़ेगी। नवीन हिंदी बाइबल अपना भाग सात बल्कि आठ जनों को बाँट दे, क्योंकि तू नहीं जानता कि पृथ्वी पर क्या विपत्ति आ पड़ेगी। सरल हिन्दी बाइबल अपना अंश सात भागों बल्कि आठ भागों में बांट दो, क्योंकि तुम्हें यह पता ही नहीं कि पृथ्वी पर क्या हो जाए! इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 सात वरन् आठ जनों को भी भाग दे, क्योंकि तू नहीं जानता कि पृथ्वी पर क्या विपत्ति आ पड़ेगी। |
फिर उसने उनसे कहा, ‘अब जाओ, अच्छे से अच्छा भोजन खाओ, और मधु तथा मीठा रस पीओ। उन गरीबों को भोजन खिलाओ, जिनके घर में चूल्हा भी नहीं जलता है, क्योंकि आज का दिन हमारे प्रभु के लिए पवित्र है। उदास मत हो; क्योंकि प्रभु का आनन्द तुम्हारी शक्ति है।’
इसलिए गांवों में रहने वाले यहूदी, जो बिना शहरपनाह के कस्बों में रहते हैं, अदार महीने के चौदहवें दिन को आनन्द, भोज, और छुट्टी का दिन मानते हैं। वे इस दिन अपने सर्वोत्तम भोजन का कुछ अंश एक-दूसरे को भेजते हैं।
क्योंकि इन दिवसों पर यहूदियों ने अपने शत्रुओं से छुटकारा पाकर चैन की सांस ली थी। इस महीने में उनका दु:ख, सुख में; और उनका शोक, हर्ष में बदल गया था। अत: यहूदियों को चाहिए कि वे इन दिनों को सामूहिक भोज और आनन्द-उत्सव के दिन मानें। वे इन दिनों में अपने सर्वोत्तम भोजन का कुछ अंश एक-दूसरे को भेजें तथा गरीबों को दान दें।
वह तुम्हें छ: विपत्तियों से बचाएगा, और सातवीं विपत्ति में भी तुम्हारी कुछ हानि न होगी।
उसने उदारता से दरिद्रों को दान दिया है, उसकी धार्मिकता सदा बनी रहेगी; सम्मान से उसका सिर ऊंचा रहता है।
जो गरीब को दान करता है वह मानो प्रभु को उधार देता है; प्रभु उसको इस कार्य का प्रतिफल देगा।
यदि बादल जल से भरे हैं, तो वे स्वत: भूमि पर बरसेंगे। चाहे वृक्ष दक्षिण की ओर गिरे, चाहे वह उत्तर की ओर गिरे, वह जिस स्थान पर गिरा है, वह वहीं पड़ा रहेगा।
यदि मनुष्य अनेक वर्षों तक जीवित रहता है तो उसे चाहिए कि वह अपनी आयु के सब वर्षों में जीवन का आनन्द ले, किन्तु वह स्मरण रखे कि अन्धकार के दिन भी कम नहीं होंगे। अत: जो कुछ होता है, वह व्यर्थ है।
अपनी जवानी के दिनों में अपने सृष्टिकर्ता परमेश्वर को स्मरण रख, अन्यथा इन दिनों के बाद वे दिन और वर्ष आएंगे जब तू यह कहेगा, ‘अब जीवन में मुझे आनन्द नहीं मिलता।’
महाराज, मैं आपसे निवेदन करता हूं, आप मेरा यह परामर्श स्वीकार कीजिए: सद् आचरण कर अपने पाप के बन्धनों को तोड़ दीजिए। आप पीड़ितों के प्रति दया कर अधर्म से मुक्त हो जाइए। तब संभव है कि आपकी शांति के ये दिन लम्बे हो जाएं।”
उसके आगमन से शान्ति का युग आरम्भ होगा! जब असीरियाई सेना हमारे देश पर आक्रमण करेगी, हमारी भूमि को रौंदेगी तब हम सात चरवाहों और जनता के आठ नेताओं को उसके विरुद्ध भेजेंगे।
यदि वह दिन में सात बार तुम्हारे विरुद्ध अपराध करता और सात बार आ कर कहता कि ‘मुझे खेद है’, तो तुम उसे क्षमा करते जाओ।”
भाइयो और बहिनो! यदि यह पता चले कि किसी ने कोई अपराध किया है, तो आप लोग, जो आध्यात्मिक हैं, उसे नम्रतापूर्वक सुधारें। आप स्वयं सावधान रहें: कहीं ऐसा न हो कि आप भी प्रलोभन में पड़ जायें।
आप बन्दियों की इस तरह सुध लेते रहें, मानो आप उनके साथ बन्दी हों और जिन पर अत्याचार किया जाता है, उनको भी स्मरण करें; क्योंकि आप पर भी अत्याचार किया जा सकता है।
आप अपने सेवकों से पूछिए। वे आपको यह बात बताएंगे। अत: आप मेरे सैनिकों पर कृपा-दृष्टि कीजिए। ये आनन्द के पर्व पर आए हैं। जो भी आपके पास है, वह आप हमें, अपने सेवकों को, और अपने पुत्र-तुल्य दाऊद को दे दीजिए।” ’