लिआ ने कहा, ‘मैं कितनी धन्य हूँ! स्त्रियाँ मुझे धन्य-धन्य कहेंगी।’ इसलिए उसने उसका नाम ‘आशेर’ रखा।
श्रेष्ठगीत 6:9 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तोभी मेरी कपोती, मेरी सर्वांग सुन्दरी, तू अद्वितीय है। तू अपनी मां की दुलारी, अपनी जननी की निष्कलंक कन्या है। सभी कन्याओं ने, रानियों और उप-पत्नियों ने भी तुझे देखकर धन्य कहा; उन्होंने तेरे रूप की प्रशंसा की : पवित्र बाइबल किन्तु मेरी कबूतरी, मेरी निर्मल, उनमें एक मात्र है। जिस मां ने उसे जन्म दिया वह उस माँ की प्रिय है। कुमारियों ने उसे देखा और उसे सराहा। हाँ, रानियों और सेविकाओं ने भी उसको देखकर उसकी प्रशंसा की थी। Hindi Holy Bible परन्तु मेरी कबूतरी, मेरी निर्मल, अद्वैत है अपनी माता की एकलौती अपनी जननी की दुलारी है। पुत्रियों ने उसे देखा और धन्य कहा; रानियों और रखेलियों ने देखकर उसकी प्रशंसा की। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) परन्तु मेरी कबूतरी, मेरी निर्मल, अद्वितीय है, अपनी माता की एकलौती, अपनी जननी की दुलारी है। पुत्रियों ने उसे देखा और धन्य कहा; रानियों और रखेलियों ने देखकर उसकी प्रशंसा की। सरल हिन्दी बाइबल किंतु मेरी कबूतरी, मेरी निर्मल सुंदरी, अनोखी है, अपनी माता की एकलौती संतान, अपनी जननी की दुलारी. जैसे ही दासियों ने उसे देखा, उसे धन्य कहा; रानियों तथा उपपत्नियों ने उसकी प्रशंसा की, उन्होंने कहा: इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परन्तु मेरी कबूतरी, मेरी निर्मल, अद्वितीय है अपनी माता की एकलौती, अपनी जननी की दुलारी है। पुत्रियों ने उसे देखा और धन्य कहा; रानियों और रखैलों ने देखकर उसकी प्रशंसा की। |
लिआ ने कहा, ‘मैं कितनी धन्य हूँ! स्त्रियाँ मुझे धन्य-धन्य कहेंगी।’ इसलिए उसने उसका नाम ‘आशेर’ रखा।
उसकी सात सौ पत्नियाँ थीं, जो राजकन्याएँ थीं। इनके अतिरिक्त तीन सौ रखेलें थीं। सुलेमान की पत्नियों ने प्रभु की ओर से उसका हृदय विमुख कर दिया।
हमारा मुंह हंसी से भरा था, हमारी जिह्वा जयजयकार कर रही थी। तब विजातीय राष्ट्रों ने कहा, ‘प्रभु ने इनके लिए महान कार्य किए हैं।’
राजकन्याएं आपकी सम्मानित महिलाओं में हैं; आपकी दाहिनी ओर रानी, ओपीर के कुन्दन से सजी हुई बैठी है।
ओ मेरी कपोती। चट्टानों की खोहों में पहाड़ों की गुप्त दरारों में मुझे तेरे रूप के दर्शन करने दे, मुझे तेरी आवाज सुनने दे। क्योंकि तेरा मुख सुन्दर है, तेरी आवाज मधुर है।”
‘मैं सोई हुई थी, पर मेरा मन जाग रहा था। सुनो, मेरा प्रियतम द्वार खटखटा रहा है : “ओ मेरी संगिनी, मेरी प्रियतमा, मेरी कपोती, मेरी निष्कलंक सुन्दरी! मेरे लिए द्वार खोल! मेरा सिर ओस से भीग गया है। मेरी लटें रात में टपकती बूंदों से तर हैं।”
चट्टानों के शिखर पर से, मैंने उसे देखा है, पहाड़ियों से मैंने उसका अवलोकन किया है : देखो, लोग अलग बसे हैं, अन्य राष्ट्रों के साथ उनकी गणना नहीं की गई!
ओ इस्राएल, तू धन्य है! तेरे सदृश और कौन जाति है, जिसका प्रभु ने उद्धार किया है? वह तेरी सहायता के लिए ढाल, और विजय-प्राप्ति के हेतु तलवार है! तेरे शत्रु तेरी ठकुर-सुहाती करेंगे, पर तू उनके पहाड़ी शिखर के पूजा-स्थलों को रौंद देगा।’
यह उस दिन होगा जब प्रभु अपने संतों में महिमा-मंडित होने और उन सब में आश्चर्य का कारण बनने आयेंगे, जिन्होंने विश्वास किया है। और विश्वास का विषय तो वह साक्षी है, जो हमने आपको दी है।