श्रेष्ठगीत 1:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘काश! तुम अपने ओंठों से मुझे चूमते; तुम्हारा अधर अंगूर-रस से अधिक मधुर है। पवित्र बाइबल तू मुझ को अपने मुख के चुम्बनों से ढक ले। क्योंकि तेरा प्रेम दाखमधु से भी उत्तम है। Hindi Holy Bible वह अपने मुंह के चुम्बनों से मुझे चूमे! क्योंकि तेरा प्रेम दाखमधु से उत्तम है, पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वह अपने मुँह के चुम्बनों से मुझे चूमे! क्योंकि तेरा प्रेम दाखमधु से उत्तम है, सरल हिन्दी बाइबल वह अपने मुख के चुम्बनों से मेरा चुंबन करे! क्योंकि तुम्हारा प्रेम दाखमधु से उत्तम है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तू अपने मुँह के चुम्बनों से मुझे चूमे! क्योंकि तेरा प्रेम दाखमधु से उत्तम है, |
उसने अपने सब भाइयों का चुम्बन किया और उनके गले लग कर रोया। तत्पश्चात् यूसुफ के भाइयों ने उससे बातचीत की।
ऐसा न हो कि प्रभु क्रुद्ध हो, और तुम मार्ग में ही नष्ट हो जाओ, क्योंकि उसका क्रोध तुरन्त भड़कता है। धन्य हैं वे सब, जो प्रभु की शरण में आते हैं।
मैंने कहा, “मुझे अपनी अनुचरी बना लो, आओ, हम शीघ्रता करें।” महाराज मुझे अपने कक्ष में ले गए और बोले, “हम तुममें उल्लसित और आनन्दित होंगे, हम अंगूर-रस से अधिक तुम्हारे प्रेम की प्रशंसा करेंगे।” कन्याएँ उचित ही तुमसे प्रेम करती हैं।
ओ मेरी संगिनी, ओ मेरी दुलहन! तेरा प्यार कितना मीठा है, अंगूर से अधिक मधुर तेरा प्यार है।
उसका कण्ठ अत्यन्त मधुर है, वह हर दृष्टि से सुन्दर है। ओ यरूशलेम की कन्याओ, यह मेरा प्रियतम है, यही मेरा मित्र है।’
हम बड़े तड़के अंगूर-उद्यानों में चलें, और देखें कि अंगूर-लताओं में कलियाँ आई अथवा नहीं, अंगूर के फूल फूले हैं अथवा नहीं, अनार की कलियाँ खिल उठी हैं या नहीं वहाँ मैं तुमको अपना प्रेम अर्पित करूंगी।
तेरे कण्ठ का चुम्बन तीखी शराब के घूंट के समान लगता है!’ वह मेरे प्रियतम के लिए ही उतरती है।
स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु सियोन पर्वत पर सब जातियों के लिए महाभोज तैयार करेगा, जिस में छप्पन व्यंजन, शुद्ध किया हुआ अंगूर का रस होगा; जिसमें स्निग्ध भोजन, और पुराने अंगूर रस के पेय होंगे।
शिष्यों के साथ भोजन करते समय येशु ने रोटी ली, आशिष माँग कर तोड़ी और शिष्यों को दी, और कहा, “लो, खाओ। यह मेरी देह है।”
तब वह उठ कर अपने पिता के घर की ओर चल पड़ा। वह दूर ही था कि उसके पिता ने उसे देख लिया और वह दया से द्रवित हो उठा। उसने दौड़कर उसे गले लगा लिया और उसका चुम्बन किया।
जब हम सोर से प्तुलिमयिस नगर पहुँचे, तो हमारी यह समुद्र-यात्रा समाप्त हुई। वहाँ हम भाई-बहिनों का अभिवादन करने गये और एक दिन उनके यहाँ रहे।