अत: एलियाह उठे। उन्होंने खाया-पिया। वह इस भोजन से बल प्राप्त कर चालीस दिन और चालीस रात चलते रहे, और परमेश्वर के पर्वत होरेब पर पहुंचे।
व्यवस्थाविवरण 9:9 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब मैं पत्थर की पट्टियाँ, उस विधान की पट्टियाँ, जो प्रभु ने तुम्हारे साथ स्थापित किया, ग्रहण करने के लिए पहाड़ पर चढ़ा था, तब मैं चालीस दिन और चालीस रात तक पहाड़ पर रहा। मैंने न रोटी खायी और न पानी पिया। पवित्र बाइबल मैं पत्थर की शिलाओं को लेने के लिए पर्वत के ऊपर गया, जो वाचा यहोवा ने तुम्हारे साथ किया, उन शिलाओं में लिखे थे। मैं वहाँ पर्वत पर चालीस दिन और चालीस रात ठहरा। मैंने न रोटी खाई, न ही पानी पिया। Hindi Holy Bible जब मैं उस वाचा के पत्थर की पटियाओं को जो यहोवा ने तुम से बान्धी थी लेने के लिये पर्वत के ऊपर चढ़ गया, तब चालीस दिन और चालीस रात पर्वत ही के ऊपर रहा; और मैं ने न तो रोटी खाई न पानी पिया। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जब मैं उस वाचा के पत्थर की पटियाओं को जो यहोवा ने तुम से बाँधी थी लेने के लिये पर्वत के ऊपर चढ़ गया, तब चालीस दिन और चालीस रात पर्वत ही के ऊपर रहा; और मैं ने न तो रोटी खाई न पानी पिया। सरल हिन्दी बाइबल जब मैं उस पर्वत पर गया हुआ था, जहां चालीस दिन और चालीस रात ठहरा रहा था, कि वे पत्थर की पट्टियां पाऊं; वे वाचा की पट्टियां, जिन पर याहवेह ने वह वाचा गढ़ दी थी, जो उन्होंने तुम्हारे साथ बांधी थी; तब मैंने न तो वहां भोजन ही किया और न जल पिया. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जब मैं उस वाचा के पत्थर की पटियाओं को जो यहोवा ने तुम से बाँधी थी लेने के लिये पर्वत के ऊपर चढ़ गया, तब चालीस दिन और चालीस रात पर्वत ही के ऊपर रहा; और मैंने न तो रोटी खाई न पानी पिया। |
अत: एलियाह उठे। उन्होंने खाया-पिया। वह इस भोजन से बल प्राप्त कर चालीस दिन और चालीस रात चलते रहे, और परमेश्वर के पर्वत होरेब पर पहुंचे।
एलीशा ने उत्तर दिया, ‘नहीं, आप इनका वध मत करना। क्या आप उन सैनिकों का वध करते हैं, जिनको आप तलवार और धनुष के बल पर बन्दी बनाते हैं? इनके सम्मुख जल और रोटी परोसो, ताकि ये खाएं-पीएं और अपने महाराज के पास लौट जाएं।’
प्रभु ने मूसा से कहा, ‘मेरे पास पहाड़ पर चढ़कर आ, और वहाँ मेरी प्रतीक्षा कर। मैं तुझे पत्थर की पट्टियाँ दूंगा, जिन पर मैंने लोगों की शिक्षा के लिए व्यवस्था तथा आज्ञाएँ लिखी हैं।’
मूसा ने मेघ के भीतर प्रवेश किया, और वह पहाड़ पर चढ़े। वह चालीस दिन और चालीस रात पहाड़ पर रहे।
जब प्रभु ने सीनय पर्वत पर मूसा से वार्तालाप समाप्त किया तब उन्हें साक्षी की दो पट्टियाँ, अपने हाथ से लिखी पत्थर की दो पट्टियाँ दीं।
जब लोगों ने देखा कि मूसा पहाड़ से उतरने में विलम्ब कर रहे हैं तब वे हारून के पास एकत्र हुए। उन्होंने कहा, ‘उठिए! हमारे लिए ऐसा देवता बनाइए, जो हमारे आगे-आगे चले; क्योंकि हम नहीं जानते हैं कि इस पुरुष मूसा को, जो हमें मिस्र देश से निकाल लाया है, क्या हुआ?’
मूसा वहाँ प्रभु के साथ चालीस दिन और चालीस रात रहे। न तो उन्होंने रोटी खाई और न पानी पिया। उन्होंने विधान की बातें, अर्थात् दस आज्ञाएँ पट्टियों पर लिख लीं।
इन बातों का एक लाक्षणिक अर्थ है। वे दो स्त्रियाँ दो विधानों की प्रतीक हैं। एक विधान, अर्थात् सीनय पर्वत का विधान, दासता के लिए सन्तति उत्पन्न करता है। यह हागार है।
उसने तुझे पीड़ित किया, तुझे भूख का अनुभव कराया। पर उसने तुझे “मन्ना” भी खिलाया, जिसको तू नहीं जानता था, और न तेरे पूर्वज ही जानते थे, ताकि तू जान ले कि मनुष्य केवल रोटी से जीवित नहीं रहता; किन्तु वह प्रभु के मुंह से निकले हुए प्रत्येक वचन से जीवित रहता है।
प्रभु ने चालीस दिन और चालीस रात के अन्त में पत्थर की दो पट्टियाँ, विधान की पट्टियाँ मुझे दीं।
अत: मैं लौट पड़ा और पहाड़ से नीचे उतर आया। पहाड़ आग में दहक रहा था। विधान की दोनों पट्टियाँ मेरे हाथों में थीं।
मैं पहले के समान चालीस दिन और चालीस रात प्रभु के सम्मुख पड़ा रहा। मैंने न रोटी खाई, और न पानी पिया, क्योंकि जो कार्य प्रभु की दृष्टि में बुरा था, उसको करके तुमने पाप किया था और इस प्रकार तुमने प्रभु को चिढ़ाया था।
वहाँ धूपदान की स्वर्णमय वेदी और विधान की स्वर्ण से मढ़ी हुई मंजूषा थी। मंजूषा में “मन्ना” से भरा हुआ स्वर्णमय पात्र था, हारून की छड़ी थी, जो पल्लवित हो उठी थी, और विधान की शिला-पट्टियां थीं