यदि मैंने अपनी विशाल धन-सम्पत्ति के कारण आनन्द मनाया होता, या इस कारण कि बहुत-सा धन मेरे हाथ लग गया है,
व्यवस्थाविवरण 8:17 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) सावधान! ऐसा न हो कि तू अपने हृदय में कहे, “मैंने अपनी शक्ति से, अपने भुजबल से यह सम्पत्ति अर्जित की है।” पवित्र बाइबल अपने मन में कभी ऐसा न सोचो, ‘मैंने यह सारी सम्पत्ति अपनी शक्ति और योग्यता से पाई है।’ Hindi Holy Bible और कहीं ऐसा न हो कि तू सोचने लगे, कि यह सम्पत्ति मेरे ही सामर्थ्य और मेरे ही भुजबल से मुझे प्राप्त हुई। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और कहीं ऐसा न हो कि तू सोचने लगे कि यह सम्पत्ति मेरे ही सामर्थ्य और मेरे ही भुजबल से मुझे प्राप्त हुई। सरल हिन्दी बाइबल नहीं तो यह संभव है कि तुम मन में यह मान लो, “यह तो मेरी ही शक्ति और मेरी ही क्षमता से कमाई मेरी संपत्ति है.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और कहीं ऐसा न हो कि तू सोचने लगे, कि यह सम्पत्ति मेरे ही सामर्थ्य और मेरे ही भुजबल से मुझे प्राप्त हुई। |
यदि मैंने अपनी विशाल धन-सम्पत्ति के कारण आनन्द मनाया होता, या इस कारण कि बहुत-सा धन मेरे हाथ लग गया है,
हमारे पूर्वजों ने तलवार से धरती पर अधिकार नहीं किया था, और न अपने भुजबल से विजय प्राप्त की थी, वरन् तेरे दाहिने हाथ ने, तेरी भुजा ने, तेरे मुख की ज्योति ने; क्योंकि तब तू उनसे प्रसन्न था।
मैंने पुन: अनुभव किया कि सूर्य के नीचे इस धरती पर तेज दौड़ने वाला धावक नहीं जीतता, और न बलवान योद्धा लड़ाई जीतता है। बुद्धिमान मनुष्य को भोजन नहीं मिलता, और न समझदारों को धन-सम्पत्ति। विद्वानों पर कोई कृपा नहीं करता। ये सब समय और संयोग के वश में हैं।
प्रभु यों कहता है, ‘ओ यिर्मयाह, यह कह: युद्ध में मरनेवालों की लाशें ऐसी पड़ी रहेंगी जैसे खेत में खाद का ढेर लगा रहता है, जैसे फसल काटनेवाले के पीछे पूले पड़े रहते हैं! उन लाशों को उठानेवाला नहीं मिलेगा।’
तू बुद्धिमान व्यापारी है; तूने व्यापार से अपनी धन-सम्पत्ति बढ़ाई है। इस धन-सम्पत्ति के कारण तेरा हृदय घमण्ड से फूल उठा है।
महाराज, मैं आपसे निवेदन करता हूं, आप मेरा यह परामर्श स्वीकार कीजिए: सद् आचरण कर अपने पाप के बन्धनों को तोड़ दीजिए। आप पीड़ितों के प्रति दया कर अधर्म से मुक्त हो जाइए। तब संभव है कि आपकी शांति के ये दिन लम्बे हो जाएं।”
तब मैंने सोचा, “क्या यह बेबीलोन नगर महान नहीं है? मैंने इसको अपनी बड़ी ताकत से बनाया है ताकि यह मेरी राजधानी बने और इसके माध्यम से मेरे वैभव की चहुं ओर प्रशंसा हो।”
एफ्रइम ने कहा, ‘अरे, मैं धनवान हूं। मैंने अपने लिए धन कमाया है।’ पर उसकी सारी सम्पत्ति भी उसके पाप नहीं मिटा सकती जो उसने किए हैं।
अत: मछुआ अपने जाल के सम्मुख बलि चढ़ाता है। वह महाजाल के सामने धूप जलाता है। जाल और महाजाल के द्वारा ही वह सुख से जीवन बिताता है, घी-चुपड़ी रोटी खाता है।
कौन है वह, जो तुम को दूसरों की अपेक्षा अधिक महत्व देता है? तुम्हारे पास क्या है, जो तुम्हें न दिया गया हो? और यदि तुम को सब कुछ दान में मिला है, तो इस पर क्यों गर्व करते हो, मानो यह तुम्हें न दिया गया हो?
‘यदि तू अपने हृदय में कहेगा, “ये राष्ट्र मुझसे अधिक शक्तिशाली हैं। मैं इन्हें किस प्रकार निकाल सकूंगा?”
‘जब तेरा प्रभु परमेश्वर उन्हें तेरे सम्मुख से निकाल देगा तब तू अपने हृदय में यह मत कहना, “मेरी धार्मिकता के कारण इस देश पर अधिकार करने के लिए प्रभु मुझे लाया है।” नहीं, इन राष्ट्रों की दुष्टता के कारण प्रभु इन्हें तेरे सामने से बाहर निकाल रहा है।
प्रभु ने गिद्ओन से कहा, ‘तेरे साथ आवश्यकता से अधिक लोग हैं। इस कारण मैं मिद्यानियों को उनके हाथ में नहीं सौंप सकता। अन्यथा इस्राएली डींग मारेंगे कि उन्होंने अपने ही बल से स्वयं को मुक्त किया है।
प्रभु ही व्यक्ति को निर्धन बनाने वाला, और वही धनवान बनाने वाला है; वही गिराने वाला, और वही उठाने वाला है।
परन्तु दाऊद ने कहा, ‘भाइयो, जो माल प्रभु ने हमें दिया है, उसका बंटवारा तुम इस प्रकार नहीं कर सकते, प्रभु ने हमारी रक्षा की। जो छापामार दल हमें लूटने आया था, उसको प्रभु ने हमारे हाथ में सौंप दिया।