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व्यवस्थाविवरण 4:28 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

वहां तुम मनुष्‍य के हाथ से बनाए गए लकड़ी और पत्‍थर के ऐसे देवताओं की सेवा करोगे, जो न देख सकते, न सुन सकते, न खा सकते और न सूंघ सकते हैं।

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पवित्र बाइबल

तुम लोग वहाँ मनुष्यों के बनाए देवताओं की पूजा करोगे, उन चीजों की जो लकड़ी और पत्थर की होंगी जो देख नहीं सकतीं, सुन नहीं सकतीं, खा नहीं सकतीं, सूँघ नहीं सकतीं।

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Hindi Holy Bible

और वहां तुम मनुष्य के बनाए हुए लकड़ी और पत्थर के देवताओं की सेवा करोगे, जो न देखते, और न सुनते, और न खाते, और न सूंघते हैं।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

और वहाँ तुम मनुष्य के बनाए हुए लकड़ी और पत्थर के देवताओं की सेवा करोगे, जो न देखते, और न सुनते, और न खाते, और न सूँघते हैं।

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सरल हिन्दी बाइबल

तुम उन राष्ट्रों में ऐसे देवताओं की उपासना करेंगे, जो लकड़ी और पत्थर की सिर्फ मानव की कलाकृति हैं, जो देख न सकते है, न सुन सकते है, और न ही सूंघने और भोजन करने की क्षमता.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

और वहाँ तुम मनुष्य के बनाए हुए लकड़ी और पत्थर के देवताओं की सेवा करोगे, जो न देखते, और न सुनते, और न खाते, और न सूँघते हैं।

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व्यवस्थाविवरण 4:28
22 क्रॉस रेफरेंस  

फिर भी उन्‍होंने ये बातें नहीं सुनीं। वे अपने प्राचीन रीति-रिवाजों का पालन करते रहे।


वे मृत हैं, वे जीवित नहीं होंगे; वे छायाएँ हैं, वे मृतकों के मध्‍य से उठ नहीं सकते। तूने उनको इस सीमा तक दण्‍डित किया, कि वे पूर्णत: नष्‍ट हो गए; तूने उनकी स्‍मृति तक मिटा दी!


मूर्तिकार के सहयोगी भी लज्‍जित होंगे, कारीगर तो मनुष्‍य ही हैं। सब कारीगर एकत्र हों। वे मेरे सम्‍मुख खड़े हों। मैं उनको आतंकित करूंगा, वे सबके सब लज्‍जित होंगे।


लोहार मूर्ति को बनाता है। वह उसको अंगारों पर रखता है। वह हथौड़ों से उसको पीटता है। वह अपने मजबूत हाथों से उसको आकार देता है। यह सब कार्य करते-करते उसे भूख लगती है। वह निर्बल हो जाता है। जब वह पानी नहीं पीता तब मूर्छित हो जाता है।


मूर्ति गढ़नेवालों का अस्‍तित्‍व निस्‍सार है, उनकी प्रिय मूर्तियों से कोई लाभ नहीं! मूर्तियों के समर्थक जो उनको अपना ईश्‍वर मानते हैं, न देखते हैं और न जानते हैं। वे लज्‍जित होंगे।


विजित कौमों में से बचे हुए लोगो, एकत्र हो। तुम-सब पास आओ। लकड़ी की मूर्ति ढोनेवालो, तुम मुझे नहीं जानते। तुम ऐसे देवता से प्रार्थना करते हो, जो तुम्‍हें नहीं बचा सकता।


वे उसको कंधों पर उठा कर ले जाते और उसको उसके स्‍थान पर प्रतिष्‍ठित कर देते हैं; मूर्ति वहाँ खड़ी रहती है। जब उसके उपासक सहायता के लिए उसे पुकारते हैं, तब वह उनको उत्तर नहीं देती है, वह अपने उपासकों को संकट से नहीं बचाती है।


उन राष्‍ट्रों की ये धर्म-रीतियां निस्‍सार हैं: जंगल का एक वृक्ष काटा जाता है, और बढ़ई बसूले से उसको काटता-छांटता है, और उसकी मूर्ति बनाता है।


उनकी ये मूर्तियां ककड़ी के खेत में खड़े फूस के पुतले के समान हैं; वे न बोल सकती हैं, और न चल ही सकती हैं। अत: उनको लाद कर ले जाते हैं। उनसे मत डरो, वे न तो तुम्‍हारा अनिष्‍ट कर सकती हैं, और न उनमें भलाई करने का सामर्थ्य ही है।’


मूर्तियों के आभूषण के लिए तर्शीश देश से चांदी की पत्तियां और उफाज देश से सोना लाया जाता है। मूर्तियां कारीगर के हाथों का काम है, सुनार के हाथों की कारीगरी है। मूर्तियों के वस्‍त्र नीले और बैंगनी रंग के हैं। पर यह सब कुशल कारीगर के हाथ से बनाई गई है।


इसलिए मैं तुम को इस देश से उखाड़ कर ऐसे देश में फेंक दूंगा। जिसको न तुम्‍हारे पूर्वज जानते थे, और न तुम जानते हो। वहां तुम अन्‍य देवी-देवताओं की रात-दिन गुलामी करोगे, और मैं तुम पर कदापि कृपा नहीं करूंगा।” ’


‘तुम्‍हारे हृदय में यह इच्‍छा उठती है, “आओ, हम भी अन्‍य राष्‍ट्रों के समान, भिन्न-भिन्न देशों की जातियों के समान पत्‍थर और लकड़ी की प्रतिमाएं पूजें।” ओ इस्राएल के वंशजो, तुम्‍हारी यह इच्‍छा कभी पूरी नहीं होगी।


‘मैं, स्‍वामी-प्रभु कहता हूँ: यदि तुम भी, ओ इस्राएल के वंशजो, मेरी बात सुनना नहीं चाहते, और मूर्ति-पूजा करना चाहते हो, तो जाओ, और अपने-अपने गृह-देवता की मूर्ति को गले लगाओ, उसकी पूजा करो! लेकिन अपनी भेंटों और मूर्तियों द्वारा तुम मेरे पवित्र नाम को अपवित्र नहीं कर पाओगे।


लेकिन आप देखते और सुनते हैं कि उस पौलुस ने न केवल इफिसुस में, बल्‍कि प्राय: समस्‍त आसिया में बहुत-से लोगों को समझा-बुझा कर बहका दिया है। उसका कहना है कि हाथ के बनाये हुए देवता, देवता नहीं हैं।


तब परमेश्‍वर उनसे विमुख हो गया और उसने उन्‍हें आकाश के नक्षत्रों की उपासना करने के लिए छोड़ दिया, जैसा कि नबियों की पुस्‍तक में लिखा है : ‘इस्राएलियो! क्‍या तुम लोगों ने निर्जन प्रदेश में चालीस वर्ष तक मुझे पशु-बलि तथा अन्न-बलि चढ़ायी थी? नहीं!


‘प्रभु तुझ को और तेरे राजा को, जिसे तूने अपने ऊपर प्रतिष्‍ठित किया है, ऐसे देश में ले जाएगा, जिसको न तू जानता है और न तेरे पूर्वज जानते थे। वहाँ तू पराए देवताओं की, लकड़ी और पत्‍थर की मूर्तियों की पूजा करेगा।


प्रभु तुझको पृथ्‍वी के एक सीमांत से दूसरे सीमांत तक, पृथ्‍वी की विभिन्न जातियों में तितर-बितर कर देगा। वहाँ तू उन पराए देवताओं की लकड़ी और पत्‍थर की मूर्तियों की पूजा करेगा जिन्‍हें न तू जानता है और न तेरे पूर्वज जानते थे।


तुमने उनके पास घृणित मूर्तियाँ, लकड़ी-पत्‍थर सोना-चांदी की मूर्तियाँ देखी थीं।


शेष मनुष्‍यों ने-जो इन विपत्तियों द्वारा नहीं मारे गये थे-अपने हाथों के कर्मों के लिए पश्‍चात्ताप नहीं किया। वे भूत-प्रेतों की पूजा करते रहे और सोना, चाँदी, पीतल, पत्‍थर और लकड़ी की उन देवमूर्तियों की भी, जो न तो देख सकती हैं, न सुन और चल सकती हैं।


अब, महाराज, मेरे स्‍वामी, अपने सेवक की यह बात ध्‍यान से सुनें : यदि प्रभु ने आपको मेरे विरुद्ध उकसाया है, तो प्रभु एक भेंट स्‍वीकार करे। परन्‍तु यदि उकसाने वाले मनुष्‍य हैं, तो वे प्रभु के सम्‍मुख अभिशप्‍त हों! उन्‍होंने मुझे आज निकाल दिया है जिससे मैं प्रभु की पैतृक-सम्‍पत्ति का हिस्‍सेदार न बनूं। उन्‍होंने मुझसे कहा, “जा, अन्‍य देशों के देवताओं की पूजा-आराधना कर!”