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व्यवस्थाविवरण 27:13 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

परन्‍तु इन कुलों के व्यक्‍ति इस्राएली समाज को शाप देने के लिए एबल पर्वत पर खड़े होंगे : रूबेन, गाद, आशेर, जबूलून, दान और नफ्‍ताली।

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पवित्र बाइबल

और ये परिवार समूह एबाल पर्वत पर से अभिशाप पढ़ेंगेः रूबेन, गाद, आशेर, जबूलून, दान और नप्ताली।

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Hindi Holy Bible

और रूबेन, गाद, आशेर, जबूलून, दान, और नप्ताली, ये एबाल पहाड़ पर खड़े हो के शाप सुनाएं।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

और रूबेन, गाद, आशेर, जबूलून, दान, और नप्‍ताली, ये एबाल पहाड़ पर खड़े होके शाप सुनाएँ।

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सरल हिन्दी बाइबल

शाप उच्चारण के लिए एबल पर्वत पर खड़े व्यक्ति इन गोत्रों से होंगे: रियूबेन, गाद, आशेर, ज़ेबुलून, दान और नफताली.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

और रूबेन, गाद, आशेर, जबूलून, दान, और नप्ताली, ये एबाल पहाड़ पर खड़े होकर श्राप सुनाएँ।

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व्यवस्थाविवरण 27:13
9 क्रॉस रेफरेंस  

लिआ गर्भवती हुई। उसने एक पुत्र को जन्‍म दिया। उसने उसका नाम ‘रूबेन’ रखा; क्‍योंकि वह कहती थी, ‘प्रभु ने मेरी पीड़ा पर दृष्‍टि की है। अब निश्‍चय ही मेरा पति मुझसे प्रेम करेगा।’


लिआ बोली, ‘परमेश्‍वर ने मुझे एक उत्तम वरदान से सम्‍पन्न किया है। अब मेरा पति मेरे साथ रहेगा; क्‍योंकि मैंने उसके लिए छ: पुत्रों को जन्‍म दिया है।’ अत: लिआ ने उसका नाम ‘जबूलून’ रखा।


जब तुम्‍हारा प्रभु परमेश्‍वर तुमको उस देश में पहुंचा देगा, जिस पर अधिकार करने के लिए तुम वहाँ जा रहे हो, तब गरिज्‍जीम पर्वत से आशिष और एबल पर्वत से श्राप के वचन सुनाना।


‘जब तुम यर्दन नदी को पार कर लोगे तब इन कुलों के व्यक्‍ति इस्राएली समाज को आशिष देने के लिए गरिज्‍जीम पर्वत पर खड़े होंगे : शिमोन, लेवी, यहूदा, इस्‍साकार, यूसुफ और बिन्‍यामिन।


लेवी वंश के व्यक्‍ति समस्‍त इस्राएली समाज से उच्‍च स्‍वर में यह कहेंगे:


जब तुम यर्दन नदी को पार कर लोगे तब उन पत्‍थरों को एबल पर्वत पर गाड़ना, और उनको चूने से पोत देना, जैसा आदेश आज मैं तुम्‍हें दे रहा हूँ।


समस्‍त इस्राएली अपने धर्मवृद्धों, शास्‍त्रियों और शासकों के साथ प्रभु की मंजूषा के दोनों ओर खड़े हो गए। वे प्रभु की विधान-मंजूषा वहन करने वाले लेवीय पुरोहितों के सम्‍मुख खड़े थे। उनके साथ प्रवासी भी थे। आधे इस्राएली गरिज्‍जीम पर्वत की ढाल पर, और आधे इस्राएली एबल पर्वत की ढाल पर खड़े हो गए। ऐसा करने का आदेश प्रभु के सेवक मूसा ने उन्‍हें दिया था कि लेवीय पुरोहित सर्वप्रथम इस्राएली समाज को आशीर्वाद देंगे।