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यहोशू 8:33 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

33 समस्‍त इस्राएली अपने धर्मवृद्धों, शास्‍त्रियों और शासकों के साथ प्रभु की मंजूषा के दोनों ओर खड़े हो गए। वे प्रभु की विधान-मंजूषा वहन करने वाले लेवीय पुरोहितों के सम्‍मुख खड़े थे। उनके साथ प्रवासी भी थे। आधे इस्राएली गरिज्‍जीम पर्वत की ढाल पर, और आधे इस्राएली एबल पर्वत की ढाल पर खड़े हो गए। ऐसा करने का आदेश प्रभु के सेवक मूसा ने उन्‍हें दिया था कि लेवीय पुरोहित सर्वप्रथम इस्राएली समाज को आशीर्वाद देंगे।

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पवित्र बाइबल

33 अग्रज (नेता), अधिकारी, न्यायाधीश और इस्राएल के सभी लोग पवित्र सन्दूक के चारों ओर खड़े थे। वे उन लेवीवंशी याजकों के सामने खड़े थे, जो यहोवा के साक्षीपत्र के पवित्र सन्दूक को ले चलते थे। इस्राएली और गैर इस्राएली सभी लोग वहाँ खड़े थे। आधे लोग एबाल पर्वत के सामने खड़े थे और अन्य आधे लोग गिरिज्जीम पर्वत के सामने खड़े थे। यहोवा के सेवक मूसा ने उनसे ऐसा करने को कहा था। मूसा ने उनसे ऐसा करने को इस आशीर्वाद के लिए कहा था।

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Hindi Holy Bible

33 और वे, क्या देशी क्या परदेशी, सारे इस्राएली अपने वृद्ध लोगों, सरदारों, और न्यायियों समेत यहोवा की वाचा का सन्दूक उठाने वाले लेवीय याजकों के साम्हने उस सन्दूक के इधर उधर खड़े हुए, अर्थात आधे लोग तो गिरिज्जीम पर्वत के, और आधे एबाल पर्वत के साम्हने खड़े हुए, जैसा कि यहोवा के दास मूसा ने पहिले आज्ञा दी थी, कि इस्राएली प्रजा को आर्शीवाद दिए जाएं।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

33 और वे, क्या देशी क्या परदेशी, सारे इस्राएली अपने वृद्ध लोगों, सरदारों, और न्यायियों समेत यहोवा की वाचा का सन्दूक उठानेवाले लेवीय याजकों के सामने उस सन्दूक के इधर उधर खड़े हुए, अर्थात् आधे लोग तो गिरिज्जीम पर्वत के, और आधे एबाल पर्वत के सामने खड़े हुए, जैसा कि यहोवा के दास मूसा ने पहले से आज्ञा दी थी कि इस्राएली प्रजा को आशीर्वाद दिए जाएँ।

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सरल हिन्दी बाइबल

33 उस समय सब इस्राएली अपने धर्मवृद्धों, अधिकारियों तथा न्याय करनेवालो के साथ और याहवेह के वाचा का संदूक उठानेवाले दोनों ओर खड़े हुए थे; दूसरे लोग जो वहां रहते थे तथा जन्म से ही जो इस्राएली थे, उनमें आधे गेरिज़िम पर्वत के पास तथा आधे एबल पर्वत के पास खड़े थे. और यह याहवेह के सेवक मोशेह को पहले से कही गई थी कि इस्राएली प्रजा को आशीर्वाद दे.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

33 और वे, क्या देशी क्या परदेशी, सारे इस्राएली अपने वृद्ध लोगों, सरदारों, और न्यायियों समेत यहोवा की वाचा का सन्दूक उठानेवाले लेवीय याजकों के सामने उस सन्दूक के इधर-उधर खड़े हुए, अर्थात् आधे लोग तो गिरिज्जीम पर्वत के, और आधे एबाल पर्वत के सामने खड़े हुए, जैसा कि यहोवा के दास मूसा ने पहले आज्ञा दी थी, कि इस्राएली प्रजा को आशीर्वाद दिए जाएँ। (यूह. 4:20)

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यहोशू 8:33
22 क्रॉस रेफरेंस  

देशी और प्रवासी व्यक्‍ति के लिए, जो तुम्‍हारे मध्‍य निवास करता है, एक ही व्‍यवस्‍था है।’


प्रवासी तथा देशी व्यक्‍ति के लिए एक ही न्‍याय-सिद्धान्‍त होगा; क्‍योंकि मैं प्रभु, तुम्‍हारा परमेश्‍वर हूँ।


तुम्‍हारी धर्मसभा में तुम्‍हारे लिए तथा तुम्‍हारे मध्‍य निवास करने वाले प्रवासी व्यक्‍ति के लिए एक ही संविधि होगी। यह तुम्‍हारी पीढ़ी से पीढ़ी तक स्‍थायी संविधि होगी। प्रभु की दृष्‍टि में तुम और प्रवासी दोनों समान हैं।


तुम्‍हारे लिए तथा तुम्‍हारे मध्‍य निवास करने वाले प्रवासी के लिए एक ही व्‍यवस्‍था और एक ही न्‍याय-सिद्धान्‍त होंगे।’


अनजाने में भूल करने वाले व्यक्‍ति के लिए, इस्राएल के देशी एवं उनके मध्‍य निवास करने वाले प्रवासी के लिए तुम एक ही व्‍यवस्‍था रखना।


हमारे पूर्वज इस पहाड़ पर आराधना करते थे और आप यहूदी लोग कहते हैं कि यरूशलेम ही वह स्‍थान है जहाँ आराधना करना चाहिए।”


जब तुम्‍हारा प्रभु परमेश्‍वर तुमको उस देश में पहुंचा देगा, जिस पर अधिकार करने के लिए तुम वहाँ जा रहे हो, तब गरिज्‍जीम पर्वत से आशिष और एबल पर्वत से श्राप के वचन सुनाना।


तुम सब लोगों को, स्‍त्री-पुरुष, बच्‍चों, और अपने नगर में रहने वाले प्रवासियों को एकत्र करना जिससे वे व्‍यवस्‍था का पाठ सुन सकें, उसको सीख सकें और अपने प्रभु परमेश्‍वर की भक्‍ति करें तथा इस व्‍यवस्‍था के वचनों का पालन करने को तत्‍पर रहें।


तब उन्‍होंने प्रभु की विधान-मंजूषा वहन करनेवाले लेवियों को यह आदेश दिया,


मूसा ने इस व्‍यवस्‍था को लिख लिया और लेवीय पुरोहितों को, जो प्रभु की विधान-मंजूषा वहन करते थे, तथा इस्राएल के समस्‍त धर्मवृद्धों को दे दिया।


यहोशुअ ने समस्‍त इस्राएलियों को, उनके धर्मवृद्धों, मुखियों, शासकों और शास्‍त्रियों को बुलाया। उसने उनसे कहा, ‘अब मैं वृद्ध हो गया हूँ। मेरी बहुत आयु हो गई।


यहोशुअ ने शकेम नगर में इस्राएली कुलों के सब लोगों को एकत्र किया। उसने इस्राएलियों के धर्मवृद्धों, मुखियों, शासकों और शास्‍त्रियों को बुलाया। वे परमेश्‍वर के सम्‍मुख प्रस्‍तुत हुए।


फसल का समय था। नदी जलमग्‍न थी। इस्राएली लोगों ने नदी पार करने के लिए अपने तम्‍बुओं से प्रस्‍थान किया। विधान की मंजूषा वहन करनेवाले पुरोहित इस्राएलियों के आगे थे। जब पुरोहित यर्दन नदी के तट पर पहुँचे और उन्‍होंने पैर जल में डाले


उन्‍होंने लोगों को यह आदेश दिया, ‘जब तुम अपने प्रभु परमेश्‍वर की विधान-मंजूषा को लेवीय पुरोहितों के द्वारा ले जाते हुए देखो, तब अपने-अपने स्‍थान से प्रस्‍थान कर उसका अनुगमन करना।


उसने पुरोहितों से यह कहा, ‘विधान की मंजूषा उठाकर लोगों के आगे-आगे चलो।’ पुरोहित विधान की मंजूषा उठाकर इस्राएली समज के आगे-आगे चलने लगे।


जिन कार्यों को करने की आज्ञा प्रभु ने यहोशुअ के द्वारा इस्राएली लोगों को दी थी, जब तक वे पूर्ण नहीं हो गए तब तक मंजूषा को वहन करने वाले पुरोहित यर्दन नदी के मध्‍य में खड़े रहे। ऐसा ही आदेश मूसा ने यहोशुअ को दिया था। लोगों ने जल्‍दी-जल्‍दी नदी पार की।


जब प्रभु की विधान-मंजूषा वहन करने वाले पुरोहित यर्दन नदी के मध्‍य से बाहर निकल आए, और उन्‍होंने सूखी भूमि पर अपने पैर रखे तब यर्दन नदी का जल अपने पूर्व स्‍थान पर लौट आया, और पहले के समान उसके किनारों पर बहने लगा।


यहोशुअ बेन-नून ने पुरोहितों को बुलाया और उनसे यह कहा, ‘विधान-मंजूषा उठाओ। तुम में से सात पुरोहित मेढ़े के सींग के सात नरसिंघे उठाकर विधान-मंजूषा के आगे-आगे जाएंगे।’


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