राजा अहाब ने ओबद्याह से कहा, ‘आओ, हम दोनों देश के समस्त जल-स्रोतों और घाटियों को जाएं। कदाचित हमें वहाँ चारा-पानी मिले, और हम घोड़ों तथा खच्चरों को मरने से बचा सकें। यों हम कुछ पशुओं को नहीं खोएंगे।’
व्यवस्थाविवरण 11:15 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वह तुम्हारे पशुओं के लिए मैदान में घास उपजाएगा। तुम भोजन वस्तु खाकर तृप्त होगे। पवित्र बाइबल और मैं तुम्हारे खेतों में तुम्हारे मवेशियों के लिए घास उगाऊंगा। तुम्हारे भोजन के लिए बहुत अधिक होगा।” Hindi Holy Bible और मैं तेरे पशुओं के लिये तेरे मैदान में घास उपजाऊंगा, और तू पेट भर खाएगा और सन्तुष्ट रहेगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और मैं तेरे पशुओं के लिये तेरे मैदान में घास उपजाऊँगा, और तू पेट भर खाएगा और सन्तुष्ट रहेगा। सरल हिन्दी बाइबल वह तुम्हारे पशुओं के लिए मैदानों में घास उत्पन्न करते रहेंगे. तुम भरपूर खाकर तृप्त हो जाओगे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और मैं तेरे पशुओं के लिये तेरे मैदान में घास उपजाऊँगा, और तू पेट भर खाएगा और सन्तुष्ट रहेगा। |
राजा अहाब ने ओबद्याह से कहा, ‘आओ, हम दोनों देश के समस्त जल-स्रोतों और घाटियों को जाएं। कदाचित हमें वहाँ चारा-पानी मिले, और हम घोड़ों तथा खच्चरों को मरने से बचा सकें। यों हम कुछ पशुओं को नहीं खोएंगे।’
तू पशु के लिए घास, और मनुष्य के लिए वनस्पति उपजाता है, जिससे मनुष्य धरती से भोजन-वस्तु उत्पन्न करे,
पशु कैसे कराह रहे हैं, रेवड़ के पशु विकल हैं, क्योंकि उनके लिए चरागाह नहीं हैं। भेड़-बकरियाँ भी विपत्ति का शिकार हो गईं।
प्रभु ने उनकी प्रार्थना का उत्तर दिया। उसने कहा, ‘देखो, मैं अन्न, अंगूर-रस और जैतून का तेल तुम्हें भेज रहा हूं। तुम उन्हें खा-पीकर तृप्त होंगे। मैं तुम्हें अन्य राष्ट्रों में और अधिक बदनाम न होने दूंगा।
ओ मैदान के पशुओ, मत डरो, क्योंकि निर्जन प्रदेश के चरागाह हरे-भरे हो गए हैं। पेड़ में फल लगने लगे हैं। अंजीर के वृक्ष और अंगूर की लता में भरपूर फसल होने लगी है।
तुम पेट-भर खाओगे, और सन्तुष्ट होगे। तुम अपने प्रभु परमेश्वर के नाम की स्तुति करोगे, जिसने तुम्हारे साथ अद्भुत व्यवहार किया है। मेरे निज लोग फिर कभी लज्जित न होंगे।
तुम अंगूर के संचयकाल तक दंवरी करते रहोगे, और बुवाई के समय तक अंगूर का संचय। तुम रोटी खाकर तृप्त होगे और निश्चिन्त होकर अपने देश में निवास करोगे।
तुमने बहुत बोया, पर काटा थोड़ा। तुम खाते हो, पर तृप्त नहीं होते। पानी पीते हो, पर प्यास नहीं बुझती। तुम कपड़े पहिनते हो, पर उससे तुम्हारी ठण्ड दूर नहीं होती। मजदूर कमाता है, पर अपनी कमाई को ऐसी थैली में रखता है, जिसमें छेद है।’
अच्छी-अच्छी वस्तुओं से भरे हुए घर, जिनको तूने नहीं भरा; खोदे गए कुएं, जिनको तूने नहीं खोदा; अंगूर के उद्यान और जैतून के वृक्ष, जिनको तूने नहीं लगाया; और जब तू इन वस्तुओं को खाकर तृप्त होगा,
तू खा-पीकर तृप्त रहेगा। तू उस उत्तम देश के कारण जो तेरे प्रभु परमेश्वर ने तुझे दिया है, प्रभु को धन्य-धन्य कहेगा।