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योएल 2:26 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

26 तुम पेट-भर खाओगे, और सन्‍तुष्‍ट होगे। तुम अपने प्रभु परमेश्‍वर के नाम की स्‍तुति करोगे, जिसने तुम्‍हारे साथ अद्भुत व्‍यवहार किया है। मेरे निज लोग फिर कभी लज्‍जित न होंगे।

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पवित्र बाइबल

26 फिर तुम्हारे पास खाने को भरपूर होगा। तुम संतुष्ट होगे। अपने परमेश्वर यहोवा के नाम का तुम गुणगान करोगे। उसने तुम्हारे लिये अद्भुत बातें की हैं। अब मेरे लोग फिर कभी लज्जित नहीं होंगे।

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Hindi Holy Bible

26 तुम पेट भरकर खाओगे, और तृप्त होगे, और अपने परमेश्वर यहोवा के नाम की स्तुति करोगे, जिसने तुम्हारे लिये आश्चर्य के काम किए हैं। और मेरी प्रजा की आशा फिर कभी न टूटेगी।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

26 “तुम पेट भरकर खाओगे, और तृप्‍त होगे, और अपने परमेश्‍वर यहोवा के नाम की स्तुति करोगे, जिस ने तुम्हारे लिये आश्‍चर्य के काम किए हैं। मेरी प्रजा की आशा फिर कभी न टूटेगी।

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सरल हिन्दी बाइबल

26 तुम्हारे पास खाने के लिए भोजन वस्तु और तुम पेट भर खाओगे, और तुम याहवेह, अपने परमेश्वर के नाम की स्तुति करोगे, जिसने तुम्हारे लिये अद्भुत काम किए हैं; मेरे लोग फिर कभी लज्जित नहीं होंगे.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

26 “तुम पेट भरकर खाओगे, और तृप्त होगे, और अपने परमेश्वर यहोवा के नाम की स्तुति करोगे, जिसने तुम्हारे लिये आश्चर्य के काम किए हैं। और मेरी प्रजा की आशा फिर कभी न टूटेगी।

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योएल 2:26
41 क्रॉस रेफरेंस  

कृपया, जो भेंट तुम्‍हारे पास लाई गई है, उसे स्‍वीकार करो। परमेश्‍वर ने मुझ पर अनुग्रह किया है। मेरे पास भी बहुत है।’ इस प्रकार याकूब ने उससे आग्रह किया। तब एसाव ने उसकी भेंट स्‍वीकार की।


उन्‍होंने कनान देश के किलाबंद नगरों पर, और उपजाऊ भूमि पर कब्‍जा कर लिया; उन्‍होंने उनके मकानों पर अधिकार कर लिया, जो धन-धान्‍य से भरे थे, जहाँ खुदे हुए हौद, अंगूर और जैतून के उद्यान थे; जहाँ असंख्‍य फलदायक वृक्ष थे। अत: उन्‍हें खाने के लिए भरपूर भोजन मिला, और वे खा-खाकर मुटा गए। वे तेरी अपार भलाई के कारण मजा करने लगे।


जो जीवन भर तुझे भली वस्‍तुओं से तृप्‍त करता है, जिससे तेरा यौवन गरुड़ के सदृश गतिवान हो जाता है।


ओ मेरे प्राण, अपने नीड़ को लौट आ; क्‍योंकि प्रभु ने मेरा उपकार किया है।


मैं प्रभु का स्‍तुतिगान करूंगा, क्‍योंकि उसने मुझ पर उपकार किया है।


विनम्र व्यक्‍ति भोजन कर तृप्‍त होंगे, प्रभु को खोजने वाले प्रभु की स्‍तुति करेंगे। उनका हृदय सदा धड़कता रहे!


वे संकट काल में भी लज्‍जित न होंगे। वरन् अकाल में भी तृप्‍त रहेंगे।


हे परमेश्‍वर, लोग तेरी सराहना करें; सब जातियाँ तेरी सराहना करें।


इस्राएल का प्रभु परमेश्‍वर धन्‍य है, उसने ही आश्‍चर्यपूर्ण कार्य किए हैं।


धार्मिक मनुष्‍य के पास अपनी भूख तृप्‍त करने के लिए पर्याप्‍त भोजन रहता है; किन्‍तु दुर्जन को कभी पेट-भर भोजन नहीं मिलता।


‘ओ मेरी संगिनी, ओ मेरी दुलहन! मैं अपने उद्यान में आया हूं। मैंने अपना गन्‍धरस और बलसान चुन लिया। मैंने मधु छत्ते से टपकता मधु खाया। मैंने दूध के साथ अंगूर-रस पिया।’ ओ प्रेमियो, छककर पियो।’


हे प्रभु, तू ही मेरा परमेश्‍वर है; मैं तुझे सराहूंगा, मैं तेरे नाम का गुणगान करूंगा। तूने अद्भुत कार्य किए हैं, तूने अपनी योजनाएं पूर्ण की हैं, जो आरम्‍भ से बनी थीं, जो विश्‍वस्‍त और निश्‍चयपूर्ण थीं।


अत: प्रभु, अब्राहम का मुक्‍तिदाता, याकूब के वंशजों का परमेश्‍वर, यों कहता है: “अब याकूब का वंश लज्‍जित नहीं होगा, अपमान के कारण उसका मुख काला नहीं होगा।


किन्‍तु प्रभु ने अपने शाश्‍वत उद्धार से इस्राएली राष्‍ट्र को बचा लिया; अब वह अनन्‍तकाल तक लज्‍जित और आतंकित नहीं होगा।


राजा तेरे बच्‍चों के पालक-पिता होंगे; रानियाँ उनको दूध पिलानेवाली धाइयाँ बनेंगी। वे भूमि की ओर सिर झुकाकर तुझे प्रणाम करेंगे, वे तेरे पैरों की धूल चाटेंगे। तब तुझे अनुभव होगा कि निस्‍सन्‍देह मैं ही प्रभु हूं; जो लोग मेरी प्रतीक्षा करते हैं, वे निराश नहीं होंगे।


मत डर; क्‍योंकि अब तू लज्‍जित न होगी। मत घबरा; क्‍योंकि अब तू अपमानित न होगी। जो अपमान तूने जवानी में सहा था, उसे तू भूल जाएगी। अपने विधवापन का कलंक तुझे याद न रहेगा।


जो भोजन नहीं है, उस पर पैसा क्‍यों खर्च करते हो? जिससे सन्‍तोष नहीं मिलता, उसके लिए परिश्रम क्‍यों करते हो? ध्‍यान से मेरी बात सुनो! तब तुम्‍हें खाने को उत्तम वस्‍तु प्राप्‍त होगी, और तुम स्‍वादिष्‍ट व्‍यंजन खाकर तृप्‍त होगे।


भूमि तुम्‍हें अपना फल देगी और उसको भर पेट खाकर तुम देश में निश्‍चिन्‍त निवास करोगे।


मैं तुम्‍हारे जीवन का आधार चूर-चूर कर दूंगा। दस स्‍त्रियां एक ही तन्‍दूर पर रोटियां बनाएंगी, और वे तुम्‍हें रोटी तौल-तौलकर देंगी। तुम रोटियां खाओगे, पर तृप्‍त नहीं होगे।


तुम अंगूर के संचयकाल तक दंवरी करते रहोगे, और बुवाई के समय तक अंगूर का संचय। तुम रोटी खाकर तृप्‍त होगे और निश्‍चिन्‍त होकर अपने देश में निवास करोगे।


तू भोजन करेगा, पर तृप्‍त नहीं होगा, तेरा पेट हमेशा खाली रहेगा। तू बचाएगा तो भी तू जमा नहीं कर पाएगा। जो कुछ तू बचाएगा, मैं उसे तेरे तलवारधारी शत्रु को दे दूंगा।


‘यद्यपि तूने अपने कार्यों से मेरे प्रति विद्रोह किया, तथापि तुझे उस दिन लज्‍जित नहीं होना पड़ेगा; क्‍योंकि मैं तेरे मध्‍य से अहंकारियों को, शेखी मारनेवालों को दूर कर दूंगा। उसके बाद तू मेरे पवित्र पर्वत पर अपना अहंकार नहीं दिखाएगी।


स्‍वर्गिक सेनाओं का प्रभु उनकी ढाल बनेगा, वे अपने शत्रुओं पर प्रबल होंगे। वे उनके गोफन के पत्‍थरों को कुचलेंगे, वे मदिरा के सदृश उनका रक्‍तपान करेंगे। वे चषक के समान छलकेंगे। वे वेदी के कोने के सदृश लबालब भर जाएंगे।


वह दिन कितना भला और सुन्‍दर होगा, युवा भरपेट भोजन करेंगे, और युवतियां नव अंगूर-रस से तृप्‍त होंगी।


धर्मग्रन्‍थ कहता है, “जो कोई उस पर विश्‍वास करता है, उसे लज्‍जित नहीं होना पड़ेगा।”


आशा व्‍यर्थ नहीं होती, क्‍योंकि परमेश्‍वर ने हमें पवित्र आत्‍मा प्रदान किया है और उसके द्वारा परमेश्‍वर का प्रेम ही हमारे हृदय में उंडेला गया है।


जैसे कि धर्मग्रन्‍थ में लिखा है, “देखो, मैं सियोन में ठोकर का पत्‍थर, लोगों को गिराने वाली शिला रख रहा हूँ। परन्‍तु जो उस पर विश्‍वास करता है, उसे लज्‍जित नहीं होना पड़ेगा।”


वह तुम्‍हारे पशुओं के लिए मैदान में घास उपजाएगा। तुम भोजन वस्‍तु खाकर तृप्‍त होगे।


तुम अपने प्रभु परमेश्‍वर के सम्‍मुख अपने पुत्र-पुत्रियों, सेवक-सेविकाओं तथा तुम्‍हारे नगर के भीतर रहनेवाले लेवी जन के साथ आनन्‍द मनाना, क्‍योंकि तुम्‍हारे साथ लेवी का कोई अंश अथवा पैतृक सम्‍पत्ति नहीं।


परन्‍तु तू, तेरे पुत्र-पुत्री, सेवक-सेविका और तेरे नगर के भीतर रहनेवाला लेवी जन उनको तेरे प्रभु परमेश्‍वर के सम्‍मुख उस स्‍थान में खाएगा, जिसको तेरा प्रभु परमेश्‍वर स्‍वयं चुनेगा। तू अपने समस्‍त उद्यम के लिए प्रभु परमेश्‍वर के सम्‍मुख आनन्‍द मनाना।


तुम वहीं अपने प्रभु परमेश्‍वर के सम्‍मुख भोजन करना। तुम अपने समस्‍त परिवार के साथ अपने उद्यम के लिए आनन्‍द मनाना, जिस पर तुम्‍हारे प्रभु परमेश्‍वर ने आशिष दी है।


तू खा-पीकर तृप्‍त रहेगा। तू उस उत्तम देश के कारण जो तेरे प्रभु परमेश्‍वर ने तुझे दिया है, प्रभु को धन्‍य-धन्‍य कहेगा।


इस वर्तमान संसार के धनवानों से अनुरोध करो कि वे घमण्‍ड न करें और नश्‍वर धन-सम्‍पत्ति पर नहीं, बल्‍कि परमेश्‍वर पर भरोसा रखें, जो हमारे उपभोग की सब वस्‍तुएं पर्याप्‍त मात्रा में देता है।


बच्‍चो! अब तुम उन में बने रहो, जिससे जब वह प्रकट हों, तो हमें पूरा भरोसा हो और उनके आगमन पर उनके सामने हमें लज्‍जित न होना पड़े।


हमारे पर का पालन करें:

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