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विलापगीत 3:48 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

अपने लोगों की नगरी का विनाश देखकर मेरी आंखों से आंसू की नदी बहती है।

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पवित्र बाइबल

मेरी आँखों से आँसुओं की नदियाँ बही! मैं विलाप करता हूँ क्योंकि मेरे लोगों का विनाश हुआ है!

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Hindi Holy Bible

मेरी आंखों से मेरी प्रजा की पुत्री के विनाश के कारण जल की धाराएं बह रही है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

मेरी आँखों से मेरी प्रजा की पुत्री के विनाश के कारण जल की धाराएँ बह रही हैं।

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सरल हिन्दी बाइबल

मेरी प्रजा के इस विनाश के कारण मेरे नेत्रों के अश्रुप्रवाह नदी सदृश हो गए हैं.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

मेरी आँखों से मेरी प्रजा की पुत्री के विनाश के कारण जल की धाराएँ बह रही है।

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विलापगीत 3:48
11 क्रॉस रेफरेंस  

मेरी आंखें आंसुओं की धाराएं प्रवाहित करती हैं; क्‍योंकि लोग तेरी व्‍यवस्‍था का पालन नहीं करते हैं।


जब हम बेबीलोन की नदियों के तट पर बैठे; तब सियोन को स्‍मरण कर रो दिए।


किन्‍तु यदि तुम मेरी बात नहीं सुनोगे, तो मैं तुम्‍हारे घमण्‍ड के कारण एकांत स्‍थान में आंसू बहाऊंगा, मेरी आंखें बुरी तरह रोएंगी, उनसे आंसुओं की नदी बहेगी; क्‍योंकि प्रभु का रेवड़ बन्‍दी बना लिया जाएगा।


‘ओ यिर्मयाह, तू उन से यह कहना: “मेरी आंखों से दिन-रात आंसुओं की झड़ी लगी रहती है; मेरे आंसू नहीं रुकते; क्‍योंकि यहूदा प्रदेश की जनता का सर्वनाश हो गया है; उसका भयंकर विनाश हुआ है।


आह! मेरा मन! मेरा मन! मैं पीड़ा से तड़प रहा हूं। आह! मेरा हृदय! मेरे हृदय की धड़कन तेज हो गई है! मैं चुप नहीं रह सकता; क्‍योंकि मैं युद्ध के बिगुल की आवाज, युद्ध का कोलाहल सुन रहा हूं।


काश, मेरा मस्‍तिष्‍क सागर होता, मेरी आंखें आँसुओं की झील होती, तो मैं अपने लोगों के महासंहार के कारण दिन-रात फूट-फूट कर रोता।


वे शीघ्र आएं, और हमारे लिए रोएं, कि हमारी आंखों से भी आंसुओं की नदी बहने लगे, हमारी पलकें आंसुओं के सागर में डूब जाएं।


‘मैं इन बातों के कारण रोती हूं; मेरी आंखों से आंसू की धारा बहती है। वह मुझमें साहस फूंकता था, वह मुझसे दूर चला गया है। मेरे बच्‍चे बेघर हो गए हैं; क्‍योंकि शत्रु मुझ पर प्रबल हुआ है।’


रोते-रोते मेरी आंखें धुंधली पड़ गईं; मेरी अंतड़ियाँ ऐंठ रही हैं; मेरा कलेजा मुंह को आ रहा है; क्‍योंकि मेरे लोगों की नगरी का सर्वनाश हो गया; शिशु और बच्‍चे नगर के चौराहों पर मूर्च्‍छित पड़े हैं।


ओ सियोन की पुत्री, उच्‍च स्‍वर में स्‍वामी को पुकार; तेरी आंखों से रात और दिन आंसू की जलधाराएं बहें! तू निरन्‍तर पुकारती रह, और चुप न रह; तेरी आंखों से आंसू बहते रहें, और वे बन्‍द न हों!