विलापगीत 1:20 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘हे प्रभु, देख; क्योंकि मैं संकट में हूं। मेरी अंतड़ियाँ ऐंठ रही हैं। मेरा हृदय व्याकुल हो उठा है; क्योंकि मैंने तेरे वचन से बहुत विद्रोह किया है। घर के बाहर तलवार से मैं निर्वंश होती हूं, और घर के भीतर मृत्यु विराज रही है। पवित्र बाइबल “हे यहोवा, मुझे देख! मैं दु:ख में पड़ी हूँ! मेरा अंतरंग बेचैन है! मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मेरा हृदय उलट—पलट गया हो! मुझे मेरे मन में ऐसा लगता है क्योंकि मैं हठी रही थी! गलियों में मेरे बच्चों को तलवार ने काट डाला है। घरों के भीतर मौत का वास था। Hindi Holy Bible हे यहोवा, दृष्टि कर, क्योंकि मैं संकट में हूँ, मेरी अन्तडिय़ां ऐंठी जाती हैं, मेरा हृदय उलट गया है, क्योंकि मैं ने बहुत बलवा किया है। बाहर तो मैं तलवार से निर्वश होती हूँ; और घर में मृत्यु विराज रही है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) हे यहोवा, दृष्टि कर, क्योंकि मैं संकट में हूँ, मेरी अन्तड़ियाँ ऐंठी जाती हैं, मेरा हृदय उलट गया है, क्योंकि मैं ने बहुत बलवा किया है। बाहर तो मैं तलवार से निर्वंश होती हूँ; और घर में मृत्यु विराज रही है। सरल हिन्दी बाइबल “याहवेह, मेरी ओर दृष्टि कीजिए! क्योंकि मैं पीड़ा में डूबी हुई हूं, अत्यंत प्रचंड है मेरी आत्मा की वेदना, अपने इस विकट विद्रोह के कारण मेरे अंतर में मेरा हृदय अत्यंत व्यग्र है. बाहर तो तलवार संहार में सक्रिय है; यहां आवास में मानो मृत्यु व्याप्त है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 हे यहोवा, दृष्टि कर, क्योंकि मैं संकट में हूँ, मेरी अंतड़ियाँ ऐंठी जाती हैं, मेरा हृदय उलट गया है, क्योंकि मैंने बहुत बलवा किया है। बाहर तो मैं तलवार से निर्वंश होती हूँ; और घर में मृत्यु विराज रही है। |
मनुष्य लोगों के सम्मुख गीत गाता है, और यह कहता है, “मैंने पाप किया था, मैंने उचित कार्य को अनुचित बना दिया था, तो भी मुझे इस अधर्म का दण्ड नहीं दिया गया।
मैं जल के सदृश उण्डेला गया हूँ; मेरी अस्थियाँ जोड़ से उखड़ गई हैं; मेरा हृदय मोम-सा बन गया है; वह मेरी छाती के भीतर पिघल गया है।
जो मनुष्य अपने अपराध छिपाता है वह जीवन में उन्नति नहीं करता; परन्तु अपने अपराध को स्वीकार करनेवाले और उसको पुन: न करनेवाले मनुष्य पर परमेश्वर दया करता है।
अत: मोआब के लिए मेरा प्राण शोक-संतप्त वीणा के सदृश व्याकुल है; कीर-हेरेस के लिए मेरा हृदय रो रहा है।
मैं सूपाबेनी अथवा सारस के समान चूं-चूं करता हूं; कबूतर जैसे मैं कराहता हूं; मेरी आंखें ऊपर देखते-देखते पथरा गईं। स्वामी, मैं कष्ट में हूं; तू मुझे सहारा दे!
अगर मैं मैदान में जाता हूं तो मुझे वहां तलवार की मारकाट दिखाई देती है। यदि नगर में प्रवेश करता हूं तो मुझे वहां अकाल की महामारी दिखाई देती है। नबी और पुरोहित देश में रोजगार की तलाश में मारे-मारे फिर रहे हैं। वे समझ नहीं पा रहे हैं कि क्या करें।” ’
हे प्रभु, हम अपने और अपने पूर्वजों के दुष्कर्मों को उनके अधर्म के कामों को स्वीकार करते हैं। हे प्रभु, हमने तेरे प्रति पाप किया है।
तू कहती है, “मैं निर्दोष हूं; निश्चय ही प्रभु का क्रोध मुझ पर से हट जाएगा।” पर नहीं, क्योंकि तूने कहा कि तूने पाप नहीं किया, इसलिए मैं तुझे न्याय के कटघरे में खड़ा करूँगा।
केवल तू अपने दुष्कर्म को स्वीकार कर, कि तूने मुझ-प्रभु परमेश्वर से विद्रोह किया था, और यहां-वहां हरएक हरे वृक्ष के नीचे अन्य देवताओं की पूजा की थी, और यों तूने मेरे आदेशों को नहीं माना,’ प्रभु ने यह कहा है।
ओ एफ्रइम, निस्सन्देह, तू मेरा प्रिय पुत्र है, सचमुच तू मेरा प्यारा बेटा है। यदि मैं तेरे विरुद्ध कुछ कहता भी हूं, तब भी मुझे तेरी सुधि रहती है। मेरा हृदय तेरे लिए भर आता है, मैं निस्सन्देह तुझ पर दया करूंगा’, प्रभु की यह वाणी है।
आह! मेरा मन! मेरा मन! मैं पीड़ा से तड़प रहा हूं। आह! मेरा हृदय! मेरे हृदय की धड़कन तेज हो गई है! मैं चुप नहीं रह सकता; क्योंकि मैं युद्ध के बिगुल की आवाज, युद्ध का कोलाहल सुन रहा हूं।
‘मेरा हृदय मोआब के लिए बांसुरी की करुण रागिनी के सदृश रो रहा है। मेरा हृदय कीरहेरेस के निवासियों के लिए शोक से व्याकुल है, मानो बांसुरी पर शोक का आलाप हो रहा है। मोआब और कीरहेरेस का कमाया हुआ सारा धन नष्ट हो गया।
अब उसके सब निवासी कराहते हुए भोजन की तलाश में भटक रहे हैं। वे अपने प्राण बचाने के लिए बहुमूल्य वस्तुओं के बदले में भोजन खरीद रहे हैं। ‘हे प्रभु, मेरे कष्ट को देख, मुझ पर ध्यान दे! क्योंकि मैं कितनी तिरस्कृत हो गई हूं।’
‘प्रभु सच्चा है; मैंने ही उसके वचन से विद्रोह किया है। ओ विश्व की सब कौमो! मेरी बात सुनो, मेरे दु:ख पर ध्यान दो। मेरे जवान बेटे और बेटियां बन्दी बनकर निर्वासित हो गए।
यरूशलेम नगरी ने भयानक पाप किए थे, अत: सब उससे घृणा करने लगे। जो उसका आदर करते थे अब वे उसका अनादर करते हैं; क्योंकि उन्होंने उसकी नग्नता देख ली है। अब यरूशलेम नगरी स्वयं कराह रही है, और शर्म से अपना मुंह छिपा रही है।
उसकी अशुद्धता उसके कपड़ों पर लिपटी है। उसने अपने अंत का विचार भी न किया। अत: वह विस्मित ढंग से पतन के गड्ढे में गिर पड़ी! उसे सांत्वना देनेवाला भी कोई नहीं है। ‘हे प्रभु, मेरे कष्टों को देख; क्योंकि शत्रु मुझ पर प्रबल हो गया!’
रोते-रोते मेरी आंखें धुंधली पड़ गईं; मेरी अंतड़ियाँ ऐंठ रही हैं; मेरा कलेजा मुंह को आ रहा है; क्योंकि मेरे लोगों की नगरी का सर्वनाश हो गया; शिशु और बच्चे नगर के चौराहों पर मूर्च्छित पड़े हैं।
स्वतंत्र राष्ट्र का प्रतीक मुकुट हमारे सिर से नीचे गिर गया। धिक्कार है हमें! क्योंकि हमने पाप किया है।
नगर के बाहर शत्रु की तलवार लटक रही है, और नगर के भीतर महामारी तथा अकाल की छाया है। जो नगर के बाहर मैदान में है, वह शत्रु की तलवार से मौत के घाट उतर जाता है; और जो नगर के भीतर है, उसको महामारी और अकाल खा जाते हैं।
हमने पाप किया। हमने दुष्कर्म किए, और तेरे प्रति दुष्ट व्यवहार किया। तेरी आज्ञाओं और आदेशों की अवहेलना कर तुझसे विद्रोह किया।
ओ एफ्रइम, मैं तुझे कैसे त्याग दूं? ओ इस्राएल, मैं तुझे कैसे शत्रु के हाथ में सौंप दूं? मैं तुझे कैसे अदमा नगर के सदृश राख बना दूं? मैं तुझे कैसे सबोईम नगर के समान नष्ट कर दूं? मेरा हृदय बदल गया है! मेरी दया प्रज्वलित हो उठी है।
यह मैंने सुना, और मेरा शरीर कांपने लगा। आवाज सुनते ही मेरे ओंठ कांपने लगे। सड़ायंध मेरी हड्डियों तक घुस गई। मेरे पैरों तले की जमीन खिसक गई। मैं चुपचाप उस दिन की प्रतीक्षा करूंगा, जब हमारे आक्रमणकारियों पर संकट आएगा।
वे युद्ध-भूमि में तलवार से निर्वंश हो जाएंगे, वे घर के भीतर भय से आक्रांत होंगे। युवक और युवतियाँ, दुधमुंहा बच्चा और वृद्ध, सब नष्ट हो जाएंगे।