36 ‘मेरा हृदय मोआब के लिए बांसुरी की करुण रागिनी के सदृश रो रहा है। मेरा हृदय कीरहेरेस के निवासियों के लिए शोक से व्याकुल है, मानो बांसुरी पर शोक का आलाप हो रहा है। मोआब और कीरहेरेस का कमाया हुआ सारा धन नष्ट हो गया।
36 “मुझे मोआब के लिये बहुत दु:ख है। शोक गीत छेड़ने वाली बाँसुरी की धुन की तरह मेरा हृदय रूदन कर रहा है। मैं कीर्हेरेस के लोगों के लिये दु:खी हूँ। उनके धन और सम्पत्ति सभी ले लिये गए हैं।
36 “इसलिये मोआब के लिए मेरा हृदय ऐसे विलाप करता है, जैसे विलापगान में बांसुरी; मेरा हृदय कीर-हेरासेथ के निवासियों के लिए बांसुरी के समान कराहता है. उन्होंने अपनी उपज का बहाव खो दिया है.
उन्होंने उनके नगरों को खण्डहर कर दिया। प्रत्येक इस्राएली सैनिक ने उनके उपजाऊ खेतों पर एक-एक पत्थर फेंका, और उनको पत्थरों से पाट दिया। उन्होंने पानी के झरनों को पूर दिया। उनके उत्तम वृक्ष काट डाले। अन्त में राजधानी कीर-हरेशेत ही शेष रही। पर उनको भी गोफन चलाने वाले इस्राएली सैनिकों ने घेर लिया, और नष्ट कर दिया।
मेरा हृदय मोआब के लिए दुहाई देता है, उसके सामन्त सोअर और एग्लत-शलीशीयाह नगरों में भाग गए हैं। वे लूहीत के चढ़ाव पर रोते हुए चढ़ रहे हैं। होरोनइम नगर के मार्ग पर महाविनाश का क्रंदन स्वर सुनाई पड़ रहा है।
प्रभु, स्वर्ग से, अपने पवित्र और वैभवपूर्ण निवास-स्थान से हम पर दृष्टि कर। कहां है तेरा हमारे प्रति उत्साह? कहाँ है तेरी शक्ति? अपने हृदय की ललक, अपनी दया, हम पर से मत हटा।
‘जो मनुष्य अन्यायपूर्ण साधनों से धन-सम्पत्ति संचित करता है, वह उस तीतरनी की तरह है, जो दूसरे पक्षियों के अण्डे सेती है। ऐसे मनुष्य के जीवन-काल में ही धन-सम्पत्ति उसका साथ छोड़ देती है; और अन्त में वह मूर्ख सिद्ध होता है।’
आह! मेरा मन! मेरा मन! मैं पीड़ा से तड़प रहा हूं। आह! मेरा हृदय! मेरे हृदय की धड़कन तेज हो गई है! मैं चुप नहीं रह सकता; क्योंकि मैं युद्ध के बिगुल की आवाज, युद्ध का कोलाहल सुन रहा हूं।