उस व्यक्ति को अननी मेलबलि के लिए खमीरी रोटियों के साथ अपनी बलि लानी चाहिए। यह वह बलि है जिसे कोई व्यक्ति यहोवा के प्रति कृतज्ञता दर्शाने के लिए लाता है।
वहां आनन्द-उल्लास का स्वर फिर सुनाई देगा, दूल्हा-दुल्हिन के हास-परिहास की आवाज सुनाई देगी। जब आराधक प्रभु के भवन में स्तुति-बलि चढ़ाने के लिए आएंगे तब वे आनन्द से यह गीत गाएंगे: “स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु को धन्यवाद दो, क्योंकि प्रभु भला है, उसकी करुणा सदा बनी रहती है।” मैं-प्रभु कहता हूं : मैं पहले के समान इस देश की दशा समृद्ध कर दूंगा।’
तुम रोटियों के साथ एक-एक वर्ष के सात निष्कलंक मेमने, एक बछड़ा, और दो मेढ़े चढ़ाना। ये लोगों की अन्न-बलि तथा पेय-बलि के साथ प्रभु के लिए अग्नि-बलि होंगे तथा अग्नि में अर्पित सुखद सुगन्ध बन जाएंगे।
स्तुति-बलि में खमीर का चढ़ावा चढ़ाओ, स्वेच्छा-बलि घोषित करो, लोगों में उसकी चर्चा करो। ओ इस्राएली राष्ट्र, तुझे यही तो पसन्द है।’ स्वामी-प्रभु ने यह कहा है।
येशु ने उन्हें एक और दृष्टान्त सुनाया, “स्वर्ग का राज्य उस खमीर के सदृश है, जिसे ले कर किसी स्त्री ने दस किलो आटे में मिलाया और होते-होते सारा आटा खमीर हो गया।”