12 यदि वह उसको स्तुति के हेतु चढ़ाता है तो ऐसी स्तुति-बलि के साथ तेल-सम्मिश्रित बेखमीर रोटियां, तेल में चुपड़ी हुई बेखमीर चपातियां और तेल-सम्मिश्रित मैदे की पूरियां चढ़ाएगा।
12 कोई व्यक्ति मेलबलि अपनी कृतज्ञता प्रकट करने के लिए ला सकता है। यदि वह कृतज्ञता प्रकट करने के लिए बलि लाता है तो उसे तेल मिले अखमीरी फुलके, अखमीरी चपातियाँ और तेल मिले उत्तम आटे के फुलके भी लाने चाहिए।
12 यदि वह उसे धन्यवाद के लिये चढ़ाए, तो धन्यवाद-बलि के साथ तेल से सने हुए अखमीरी फुलके, और तेल से चुपड़ी हुई अखमीरी फुलके, और तेल से चुपड़ी हुई अखमीरी रोटियां, और तेल से सने हुए मैदे के फुलके तेल से तर चढ़ाए।
12 यदि वह उसे धन्यवाद के लिये चढ़ाए, तो धन्यवादबलि के साथ तेल से सने हुए अख़मीरी फुलके, और तेल से चुपड़ी हुई अख़मीरी रोटियाँ, और तेल से सने हुए मैदे के फुलके तेल से तर चढ़ाए।
12 यदि कोई व्यक्ति उसे धन्यवाद के लिए चढ़ाता है, तो धन्यवाद की बलि के साथ तेल से सनी हुई अख़मीरी पूरियाँ, तेल से चुपड़े हुए अख़मीरी पापड़, और तेल से सने तथा गुँधे हुए मैदे की पूरियाँ चढ़ाए।
12 “ ‘यदि वह इसे आभार के रूप में भेंट करता है, तो वह आभार-बलि के साथ तेल से सनी हुई खमीर रहित रोटी, तेल से चुपड़ी पपड़ी तथा तेल से सनी हुई मैदे की रोटी भेंट करे.
राजा हिजकियाह ने आराधकों की धर्मसभा से कहा, ‘तुमने प्रभु के लिए स्वयं को अर्पित कर दिया। अब समीप आओ, और प्रभु के भवन में बलि-पशु तथा स्तुति-बलि चढ़ाने के लिए बलि-सामग्री लाओ; और जिनके हृदय में अग्नि-बलि चढ़ाने की इच्छा है, वे अग्नि-बलि लाएँ।’ अत: आराधक बलि-पशु तथा स्तुति-बलि में चढ़ाने के लिए सामग्री ले आए। जिनके हृदय में अग्नि-बलि चढ़ाने की इच्छा हुई, वे अग्नि-बलि ले आए।
उसने प्रभु की वेदी की मरम्मत की, और उस पर प्रभु की सहभागिता-बलि तथा धन्यवाद-बलि चढ़ाई। उसने यहूदा प्रदेश के सब निवासियों को आदेश दिया कि इस्राएली राष्ट्र के प्रभु परमेश्वर की आराधना करो।
उस समय लोगों ने बड़ी-बड़ी बलि चढ़ाई, और आनन्द मनाया; क्योंकि परमेश्वर ने उन्हें बहुत आनन्द मनाने का अवसर प्रदान किया था। स्त्रियों और बच्चों ने भी आनन्द मनाया। यरूशलेम का आनन्द-स्वर दूर-दूर तक सुनाई दे रहा था।
वहां आनन्द-उल्लास का स्वर फिर सुनाई देगा, दूल्हा-दुल्हिन के हास-परिहास की आवाज सुनाई देगी। जब आराधक प्रभु के भवन में स्तुति-बलि चढ़ाने के लिए आएंगे तब वे आनन्द से यह गीत गाएंगे: “स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु को धन्यवाद दो, क्योंकि प्रभु भला है, उसकी करुणा सदा बनी रहती है।” मैं-प्रभु कहता हूं : मैं पहले के समान इस देश की दशा समृद्ध कर दूंगा।’
ओ इस्राएल, प्रभु के पास लौट, और पश्चात्तापपूर्ण प्रार्थना के साथ उससे यह निवेदन कर : ‘हे प्रभु, मेरे समस्त अधर्म को मुझसे दूर कर, तू केवल मेरी अच्छाई को स्वीकार कर। तब हम बलि में बैल नहीं, वरन् स्तुतिगान तुझे चढ़ाएँगे।
‘जब तू अन्न-बलि के लिए तन्दूर में पकाया हुआ चढ़ावा चढ़ाएगा, तब वह तेल सम्मिश्रित मैदे की गूंधी हुई बेखमीर रोटियों अथवा तेल से चुपड़ी हुई चपातियों का होगा।
स्तुति-बलि में खमीर का चढ़ावा चढ़ाओ, स्वेच्छा-बलि घोषित करो, लोगों में उसकी चर्चा करो। ओ इस्राएली राष्ट्र, तुझे यही तो पसन्द है।’ स्वामी-प्रभु ने यह कहा है।
क्योंकि उन्होंने परमेश्वर को जानते हुए भी उसे परमेश्वर के रूप में समुचित आदर और धन्यवाद नहीं दिया। उनका समस्त चिन्तन व्यर्थ चला गया और उनका विवेकहीन मन अन्धकारमय हो गया।
और जीवन्त पत्थरों के समान आत्मिक भवन में निर्मित हो जाएं। इस प्रकार आप पवित्र पुरोहित-वर्ग बन कर ऐसी आत्मिक बलि चढ़ा सकेंगे, जो येशु मसीह द्वारा परमेश्वर को स्वीकार हो।