पर वह पशु की अंतड़ियों और पैरों को जल से धोएगा। पुरोहित सम्पूर्ण बलि को चढ़ाएगा, और वेदी पर उसको जलाएगा। यह अग्नि-बलि प्रभु को अग्नि में अर्पित सुखद सुगन्ध है।
लैव्यव्यवस्था 22:22 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) अन्धा, विकलांग, विकृत अंगवाला, फोड़ा-फुन्सी, खाज-खुजली वाला पशु प्रभु को मत चढ़ाना। इनको प्रभु के लिए वेदी पर अग्नि में अर्पित नहीं करना। पवित्र बाइबल तुम्हें यहोवा को ऐसा कोई जानवर नहीं भेंट करना चाहिए जो अन्धा हो या जिसकी हड्डियाँ टूटी हों, या जो लंगड़ा हो, या जिसका कोई घाव रिस रहा हो या बुरे चर्म रोग वाला हो। तुम्हें यहोवा की वेदी की आग पर उस बीमार जानवर की भेंट नहीं चढ़ानी चाहिए। Hindi Holy Bible जो अन्धा वा अंग का टूटा वा लूला हो, वा उस में रसौली वा खौरा वा खुजली हो, ऐसों को यहोवा के लिये न चढ़ाना, उन को वेदी पर यहोवा के लिये हव्य न चढ़ाना। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जो अंधा या अंग का टूटा या लूला हो, अथवा उसमें रसौली या खौरा या खुजली हो, ऐसों को यहोवा के लिये न चढ़ाना, उनको वेदी पर यहोवा के लिये हव्य न चढ़ाना। नवीन हिंदी बाइबल जो जानवर अंधे, या अपंग, या लूले-लंगड़े हों, या जिनके बहता हुआ घाव हो, या खुजली, या दाद हो उन्हें यहोवा के लिए न चढ़ाना, और न उन्हें वेदी पर यहोवा के लिए अग्नि में अर्पित बलि के रूप में चढ़ाना। सरल हिन्दी बाइबल ऐसे पशुओं को, जो अंधे हों, जिनकी हड्डी टूटी हो, जो विकलांग हों, जिसके घावों से स्राव हो रहा हो, जिन्हें चकते हो गए अथवा खाज-खुजली वाले हों, याहवेह को न चढ़ाना और न ही उन्हें वेदी पर अग्निबलि स्वरूप याहवेह के लिए चढ़ाना. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जो अंधा या अंग का टूटा या लूला हो, अथवा उसमें रसौली या खौरा या खुजली हो, ऐसों को यहोवा के लिये न चढ़ाना, उनको वेदी पर यहोवा के लिये हव्य न चढ़ाना। |
पर वह पशु की अंतड़ियों और पैरों को जल से धोएगा। पुरोहित सम्पूर्ण बलि को चढ़ाएगा, और वेदी पर उसको जलाएगा। यह अग्नि-बलि प्रभु को अग्नि में अर्पित सुखद सुगन्ध है।
पर वह पशु की अंतड़ियों और पैरों को जल से धोएगा। पुरोहित अग्नि-बलि के लिए, प्रभु को अग्नि में अर्पित सुखद सुगन्ध के रूप में, सम्पूर्ण बलि को वेदी पर जलाएगा।
जब कोई व्यक्ति मन्नत में अथवा स्वेच्छा-बलि के हेतु गाय-बैल या भेड़-बकरियों में से सहभागिता-बलि का पशु प्रभु को चढ़ाएगा, तब ग्राह्य बनने के लिए पशु निष्कलंक होना चाहिए। उसके शरीर पर कोई दोष नहीं होना चाहिए।
जिस बैल अथवा मेमने का कोई अंग बड़ा या छोटा है, उसको स्वेच्छा-बलि के रूप में चढ़ा सकते हो। परन्तु मन्नत में उसको ग्रहण नहीं किया जाएगा।
‘वह सहभागिता-बलि में से, प्रभु को अग्नि में अर्पित बलि के रूप में यह चढ़ाएगा : अर्थात् अंतड़ियों को ढांपनेवाली चर्बी तथा अंतड़ियों के ऊपर लिपटी हुई चर्बी,
हारून के पुत्र इसको वेदी की अग्नि-बलि की अग्नि के ऊपर रखी हुई लकड़ी पर जलाएँगे। वह सहभागिता-बलि प्रभु को अग्नि में अर्पित सुखद सुगन्ध है।
‘जब तुम पशु-बलि में अंधा पशु चढ़ाते हो, तब क्या यह दुष्कर्म नहीं है? जब लंगड़े अथवा रोगी पशु की बलि चढ़ाते हो, तब क्या इसमें कोई बुराई नहीं है? यदि तुम अपने राज्यपाल को ऐसा पशु भेंट करोगे, तो क्या वह तुमसे प्रसन्न होगा, और तुम पर कृपादृष्टि करेगा?’ स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु की यह वाणी है।