मूसा हारून तथा उसके बचे हुए दोनों पुत्रों−एलआजर और ईतामर−से बोले, ‘प्रभु को अग्नि में अर्पित अन्न-बलि का शेष भाग लो, और उसको बिना खमीर डाले वेदी के निकट खाओ; क्योंकि वह परम पवित्र है।
लैव्यव्यवस्था 21:22 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वह परमेश्वर का परम पवित्र आहार तथा अर्पण की अन्य पवित्र वस्तुएं खा सकता है। पवित्र बाइबल वह व्यक्ति याजकों के पिरवार से है अतः वह पवित्र रोटी खा सकता है। वह अती पवित्र रोटी बी खा सकता है। Hindi Holy Bible वह अपने परमेश्वर के पवित्र और परमपवित्र दोनों प्रकार के भोजन को खाए, पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वह अपने परमेश्वर के पवित्र और परमपवित्र दोनों प्रकार के भोजन को खाए, नवीन हिंदी बाइबल वह अपने परमेश्वर के पवित्र और परमपवित्र दोनों प्रकार के भोजन में से खा सकता है, सरल हिन्दी बाइबल वह परम पवित्र तथा पवित्र स्थान, दोनों ही स्थानों के अपने परमेश्वर के भोजन को खा तो सकता है, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 वह अपने परमेश्वर के पवित्र और परमपवित्र दोनों प्रकार के भोजन को खाए, |
मूसा हारून तथा उसके बचे हुए दोनों पुत्रों−एलआजर और ईतामर−से बोले, ‘प्रभु को अग्नि में अर्पित अन्न-बलि का शेष भाग लो, और उसको बिना खमीर डाले वेदी के निकट खाओ; क्योंकि वह परम पवित्र है।
‘जब कि पाप-बलि परम पवित्र है और तुम्हें वह इसलिए दी गई है कि मण्डली के अधर्म का भार वहन करके प्रभु के सम्मुख उनके लिए प्रायश्चित्त करो तब तुमने उसको पवित्र स्थान में क्यों नहीं खाया?
वह उस पवित्र स्थान में जहां अग्नि-बलि एवं पाप-बलि के पशु बलि किए गए थे, मेमना बलि करेगा। पाप-बलि के सदृश दोष-बलि भी पुरोहित का देय भाग होगा। यह परम पवित्र है।
अन्न-बलि का शेष भाग हारून और उसके पुत्रों का होगा। यह प्रभु को अग्नि में अर्पित अनेक बलियों का परम पवित्र भाग है।
अन्न-बलि का शेष भाग हारून और उसके पुत्रों का होगा। यह प्रभु को अग्नि में अर्पित अनेक बलियों का परम पवित्र भाग है।
किन्तु वह अन्त:पट तथा वेदी के निकट नहीं आएगा; जिससे वह मेरे पवित्र स्थानों को अपवित्र न करे; क्योंकि उसमें शारीरिक दोष है। उन्हें पवित्र करने वाला मैं, प्रभु हूँ।’
विदेशी व्यक्ति से प्राप्त ऐसे पशु अपने परमेश्वर के आहार के रूप में मत चढ़ाना। उनके शरीर पर दोष है, वे विकृत हैं, इसलिए ग्रहण नहीं किए जाएंगे।’
सूर्यास्त होने पर वह शुद्ध हो जाएगा। तत्पश्चात् वह इन पवित्र वस्तुओं को खा सकेगा; क्योंकि ये उसका आहार हैं।
‘अर्पित की हुई कोई भी वस्तु, जिसे तुम मुझ-प्रभु को पूर्णत: अर्पित करते हो, चाहे वह मनुष्य हो, पशु हो, अथवा पैतृक खेत हो, बेची नहीं जाएगी और न मूल्य देकर मुक्त की जाएगी। प्रत्येक पूर्ण-समर्पित वस्तु मुझ-प्रभु के लिए परम पवित्र है।
पुरोहित अपना सूती वस्त्र तथा शरीर पर सूती जांघिया पहिनेगा। तत्पश्चात् वह वेदी पर की राख, जो अग्नि के द्वारा अग्नि-बलि को भस्म करके बनी है, उठाएगा और उसे वेदी की एक ओर रखेगा।
पुरोहितों के परिवार के समस्त पुरुष उसको खा सकते हैं। वह पवित्र स्थान में खाई जाएगी। वह परम पवित्र है।
जो पवित्र भेंट इस्राएली लोग मुझ-प्रभु को अर्पित करेंगे, वह मैं तुझे और तेरे साथ तेरे पुत्र-पुत्रियों को स्थायी देय-भाग के रूप में प्रदान करता हूं। यह तेरे और तेरे साथ तेरे वंशजों के लिए मुझ-प्रभु के सम्मुख अलंघनीय स्थायी विधान है।’
क्या आप लोग यह नहीं जानते कि मन्दिर में धर्मसेवा करने वालों को मन्दिर से भोजन मिलता है और वेदी की सेवा करने वाले वेदी के चढ़ावे के भागीदार हैं?